ETV Bharat / state

ये दिल्ली की राजनीति है, 'फुलेरा की पंचायत' नहीं, सौरभ भारद्वाज का CM रेखा गुप्ता पर तंज - SAURABH BHARDWAJ ON CM REKHA GUPTA

सौरभ भारद्वाज ने रेखा गुप्ता को 'रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री' बताते हुए सवाल उठाया कि उनके पति मनीष गुप्ता किस पद पर हैं.

आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज
आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : April 13, 2025 at 7:18 PM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति द्वारा अफसरों की बैठक लेने पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है. आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने भारत को जनतंत्र दिया, लेकिन भाजपा ने पर्ची तंत्र दिया है. भाजपा ने वर्षों से संघर्ष कर रहे कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर दिल्ली में एक रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री बनाया है. सीएम रेखा गुप्ता की जगह अब उनके पति मनीष गुप्ता अफसरों की बैठकें ले रहे हैं और भाजपा इसको गलत बताने के बजाय सही बता रही है.

सौरभ भारद्वाज ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा से पूछा कि रेखा गुप्ता के पति सरकार में किस पद पर हैं और अगर नहीं हैं तो किस आधार पर वह अफसरों की बैठक ले रहे हैं. उन्होंने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री पद की शपथ रेखा गुप्ता ने ली है, उनके पति ने नहीं. दिल्ली कोई ‘फुलेरा की पंचायत’ नहीं है. यह सब यहां नहीं चलेगा.

सौरभ भारद्वाज ने रविवार को पार्टी मुख्यालय प्रेसवार्ता कर कहा कि एक समय था, जब कद्दावर नेताओं ने वर्षों तक पार्टी के लिए संघर्ष किया है, उन लोगों को मुख्यमंत्री बनाया जाता था, लेकिन भाजपा का पिछले कुछ साल का रिकॉर्ड दिखाता है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान या कोई और राज्य हो, भाजपा में बड़े-बड़े नेताओं को दरकिनार करके किसी ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, जिसके बारे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है. इसकी शुरूआत हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाने के साथ हुई थी. हरियाणा के बाद गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान में हुआ. पर्ची निकाल कर दे दी जाती है कि किसे मुख्यमंत्री बनाना है. दिल्ली में भी भाजपा ने पर्ची मुख्यमंत्री बनाया.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा में बड़े-बड़े नेताओं के नाम चलते रहे. 2015 में जब 70 में से भाजपा के 3 विधायक चुन कर आए तो उन तीन विधायकों ने संघर्ष किया. इसके बाद 2020 में 70 में से भाजपा के 8 विधायक चुन कर आए और उन्होंने संघर्ष किया. भाजपा ने इनमें से किसी को भी दिल्ली में मुख्यमंत्री बनाने लायक नहीं समझा. भाजपा ने एक ऐसे नाम को मुख्यमंत्री बनाया गया, जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं था. हमने सोचा कि उस नाम में जरूर कुछ ऐसा होगा और भाजपा को उस नाम में कुछ दिखा होगा. लेकिन शनिवार से सोशल मीडिया पर कुछ फोटो वायरल हो रहे हैं, उससे यह पता चलता है कि देश के सबसे बड़े प्रजातंत्र की राजधानी दिल्ली की मुख्यमंत्री एक रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री हैं.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के अंदर इस तरह की राजनीति करना देश के संविधान और दिल्ली के दो करोड़ लोगों का मजाक उड़ाना है. उन्होंने कहा कि यह महिलाओं का भी अपमान है. क्योंकि दिल्ली के अंदर अच्छी प़ढ़ी-लिखी महिलाएं हैं, जो अपना काम स्वयं कर सकती हैं. प्रशासन भी चला सकती हैं, दिल्ली भी चला सकती हैं. इससे पहले शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थी, लेकिन कभी ऐसा नहीं लगा कि वह सरकार नहीं चला रही हैं. उनसे पहले सुषमा स्वराज थीं, उन पर भी कभी आरोप नहीं लगा कि उनके पति स्वराज कौशल अफसरों की बैठक ले रहे हैं. आतिशी मुख्यमंत्री थीं, उन पर भी इस तरह का कभी आरोप नहीं लगा कि उनके पिता या भाई-बहन अफसरों की बैठक ले रहे हैं और प्रशासन चला रहे हैं. यह आरोप रेखा गुप्ता पर इसलिए लगा, क्योंकि यह गलत है और भाजपा ने इस आरोप को स्वीकार किया है. आम आदमी पार्टी चाहती है कि भाजपा हमारे सवालों का जवाब दे.

ये भी पढ़ें:

CM रेखा गुप्ता को लेकर आतिशी के ट्वीट पर बीजेपी नेता और मंत्री हमलावर, पोस्ट कर जमकर साधा निशाना

हौज खास गांव में आयोजित 'दिल्ली देहात हनुमान जयंती महोत्सव' में शामिल हुईं सीएम रेखा गुप्ता

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति द्वारा अफसरों की बैठक लेने पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है. आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने भारत को जनतंत्र दिया, लेकिन भाजपा ने पर्ची तंत्र दिया है. भाजपा ने वर्षों से संघर्ष कर रहे कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर दिल्ली में एक रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री बनाया है. सीएम रेखा गुप्ता की जगह अब उनके पति मनीष गुप्ता अफसरों की बैठकें ले रहे हैं और भाजपा इसको गलत बताने के बजाय सही बता रही है.

सौरभ भारद्वाज ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा से पूछा कि रेखा गुप्ता के पति सरकार में किस पद पर हैं और अगर नहीं हैं तो किस आधार पर वह अफसरों की बैठक ले रहे हैं. उन्होंने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री पद की शपथ रेखा गुप्ता ने ली है, उनके पति ने नहीं. दिल्ली कोई ‘फुलेरा की पंचायत’ नहीं है. यह सब यहां नहीं चलेगा.

सौरभ भारद्वाज ने रविवार को पार्टी मुख्यालय प्रेसवार्ता कर कहा कि एक समय था, जब कद्दावर नेताओं ने वर्षों तक पार्टी के लिए संघर्ष किया है, उन लोगों को मुख्यमंत्री बनाया जाता था, लेकिन भाजपा का पिछले कुछ साल का रिकॉर्ड दिखाता है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान या कोई और राज्य हो, भाजपा में बड़े-बड़े नेताओं को दरकिनार करके किसी ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, जिसके बारे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है. इसकी शुरूआत हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाने के साथ हुई थी. हरियाणा के बाद गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान में हुआ. पर्ची निकाल कर दे दी जाती है कि किसे मुख्यमंत्री बनाना है. दिल्ली में भी भाजपा ने पर्ची मुख्यमंत्री बनाया.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा में बड़े-बड़े नेताओं के नाम चलते रहे. 2015 में जब 70 में से भाजपा के 3 विधायक चुन कर आए तो उन तीन विधायकों ने संघर्ष किया. इसके बाद 2020 में 70 में से भाजपा के 8 विधायक चुन कर आए और उन्होंने संघर्ष किया. भाजपा ने इनमें से किसी को भी दिल्ली में मुख्यमंत्री बनाने लायक नहीं समझा. भाजपा ने एक ऐसे नाम को मुख्यमंत्री बनाया गया, जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं था. हमने सोचा कि उस नाम में जरूर कुछ ऐसा होगा और भाजपा को उस नाम में कुछ दिखा होगा. लेकिन शनिवार से सोशल मीडिया पर कुछ फोटो वायरल हो रहे हैं, उससे यह पता चलता है कि देश के सबसे बड़े प्रजातंत्र की राजधानी दिल्ली की मुख्यमंत्री एक रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री हैं.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के अंदर इस तरह की राजनीति करना देश के संविधान और दिल्ली के दो करोड़ लोगों का मजाक उड़ाना है. उन्होंने कहा कि यह महिलाओं का भी अपमान है. क्योंकि दिल्ली के अंदर अच्छी प़ढ़ी-लिखी महिलाएं हैं, जो अपना काम स्वयं कर सकती हैं. प्रशासन भी चला सकती हैं, दिल्ली भी चला सकती हैं. इससे पहले शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थी, लेकिन कभी ऐसा नहीं लगा कि वह सरकार नहीं चला रही हैं. उनसे पहले सुषमा स्वराज थीं, उन पर भी कभी आरोप नहीं लगा कि उनके पति स्वराज कौशल अफसरों की बैठक ले रहे हैं. आतिशी मुख्यमंत्री थीं, उन पर भी इस तरह का कभी आरोप नहीं लगा कि उनके पिता या भाई-बहन अफसरों की बैठक ले रहे हैं और प्रशासन चला रहे हैं. यह आरोप रेखा गुप्ता पर इसलिए लगा, क्योंकि यह गलत है और भाजपा ने इस आरोप को स्वीकार किया है. आम आदमी पार्टी चाहती है कि भाजपा हमारे सवालों का जवाब दे.

ये भी पढ़ें:

CM रेखा गुप्ता को लेकर आतिशी के ट्वीट पर बीजेपी नेता और मंत्री हमलावर, पोस्ट कर जमकर साधा निशाना

हौज खास गांव में आयोजित 'दिल्ली देहात हनुमान जयंती महोत्सव' में शामिल हुईं सीएम रेखा गुप्ता

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.