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आंधी में उड़ गया कारोबार, मलबे में दबी 3000 जानें, तेज तूफान में टूटा पोल्ट्री फार्म - STORM IN KARNAL

करनाल में तेज आंधी ने पोल्ट्री फार्म का शेड गिराया. हजारों चूजे दबे. 20 दिन के चूजों की दर्दनाक मौत, 25 लाख का नुकसान.

करनाल में तेज आंधी ने पोल्ट्री फार्म का शेड गिराया
करनाल में तेज आंधी ने पोल्ट्री फार्म का शेड गिराया (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 25, 2025 at 11:02 PM IST

4 Min Read

करनाल: घरौंडा के गांव फुरलक में शनिवार देर रात तेज आंधी और बारिश ने तबाही मचा दी. इस दौरान पोल्ट्री फार्म के दो बड़े शेड गिर गए. शेड का मलबा गिरते ही उसमें रखे हजारों चूजे दब गए. फार्म मालिक बलराज पान्नू ने बताया कि करीब 2500 से 3000 चूजों की मौत हो चुकी है, बाकी बचे चूजे घायल हैं और धीरे-धीरे मर रहे हैं. हादसे से मालिक को करीब 25 लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है. उसकी आर्थिक हालत ऐसी नहीं कि वह दोबारा यह सब खड़ा कर सके. पीड़ित ने सरकार से मदद और मुआवजे की मांग की है.

तीन शेड बनाए थे, दो हुए पूरी तरह तबाह:

फुरलक गांव निवासी बलराज पान्नू बीते 15 सालों से पोल्ट्री फार्म चला रहे हैं. उन्होंने बादशाहपुर रोड पर तीन शेड बनाए थे, जिनमें एक सिंगल स्टोरी और दो डबल स्टोरी के थे. फार्म में कुल 8 हजार चूजे रखे गए थे. शनिवार और रविवार की रात जब तेज हवा और बारिश आई, तो उसका एक सिंगल स्टोरी और एक डबल स्टोरी शेड पूरी तरह गिर गया. उस समय चूजे इन्हीं शेड में थे.

तेज आंधी ने पोल्ट्री फार्म का शेड गिराया
तेज आंधी ने पोल्ट्री फार्म का शेड गिराया (Etv Bharat)

सुबह पहुंचा तो उजड़ी हुई थी पूरी मेहनत:

बलराज जब सुबह फार्म पर पहुंचा तो वहां का मंजर देख उसका दिल बैठ गया. दो शेड पूरी तरह जमींदोज थे और चूजे मलबे के नीचे दबे हुए थे. करीब 2000 चूजे वहीं मर चुके थे, बाकी इधर-उधर भाग रहे थे. बचे हुए चूजों को जैसे-तैसे एकत्र किया गया और बचे हुए तीसरे डबल स्टोरी शेड में शिफ्ट किया गया. लेकिन ये चूजे भी घायल हैं और धीरे-धीरे उनकी भी मौत हो रही है.

20 दिन के चूजों की दर्दनाक मौत
20 दिन के चूजों की दर्दनाक मौत (Etv Bharat)

20 दिन के थे चूजे, कीमत 31 रुपए प्रति पीस:

बलराज ने बताया कि उसने यह 8 हजार चूजे 31 रुपए प्रति पीस के हिसाब से खरीदे थे. सभी चूजे मात्र 20 दिन के थे. अभी उनका विकास होना बाकी था और उन्हीं से पूरी आमदनी की उम्मीद थी. लेकिन अब उसका पोल्ट्री बिजनेस पूरी तरह ठप हो गया है. चूजों की कीमत, शेड की लागत और बाकी सामान को मिलाकर उसे लगभग 20 से 25 लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है.

लापरवाही से मंडियों में लाखों का नुकसान
लापरवाही से मंडियों में लाखों का नुकसान (Etv Bharat)

10 लाख का कर्ज, अब दोबारा खड़ा होना मुश्किल:

बलराज ने बताया कि उसने पोल्ट्री बिजनेस को खड़ा करने के लिए 10 लाख रुपए का कर्ज भी ले रखा है. अब उसके पास इतनी सामर्थ्य नहीं कि वो दोबारा शेड बनाकर काम शुरू कर सके. पीड़ित ने सरकार से गुहार लगाई है कि उसे उचित मुआवजा दिया जाए ताकि वह अपने कारोबार को फिर से खड़ा कर सके.

स्थानीय प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली:

घटना के बाद अभी तक कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. बलराज का कहना है कि गांव में सभी को इस नुकसान की जानकारी है, लेकिन अभी तक न कोई मुआवजे की बात हुई है और न ही कोई सर्वे हुआ है. उसने सरकार से अपील की है कि प्राकृतिक आपदा के कारण हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक सहायता दी जाए.

लापरवाही से मंडियों में लाखों का नुकसान

हरियाणा के करनाल जिले में देर रात हुई बारिश ने गेहूं की फसल और भंडारण व्यवस्था की पोल खोल दी. हालांकि अधिकतर किसानों की फसल मंडियों में पहुंच चुकी थी, मगर सरकारी एजेंसियों द्वारा खुले में रखे गए गेहूं पर तिरपाल नहीं डाली गई, जिससे रात 12 बजे से सुबह तक लगातार गेहूं भीगता रहा.

वहीं आसपास के लोगों का कहना है कि यह गेहूं पिछले 1 महीने से ही पड़ा हुआ है और तीन बारिश इसके ऊपर से गुजर चुकी है. अब यह गेहूं लगभग खराब हो चुका है. यह गेहूं आम आदमी के पास जब जाएगा तब तक तो यह बिल्कुल ही खराब हो चुका होगा.

इसे भी पढ़ें- अंबाला में तेज़ बारिश से गलियां बनी दरिया!, लोगों को याद आया बाढ़ का मंजर, बोले - हालात नहीं सुधरे तो करेंगे पलायन

इसे भी पढ़ें- "राहुल गांधी मंदबुद्धि हैं, कुछ भी बोल सकते हैं", हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा का विवादित बयान

करनाल: घरौंडा के गांव फुरलक में शनिवार देर रात तेज आंधी और बारिश ने तबाही मचा दी. इस दौरान पोल्ट्री फार्म के दो बड़े शेड गिर गए. शेड का मलबा गिरते ही उसमें रखे हजारों चूजे दब गए. फार्म मालिक बलराज पान्नू ने बताया कि करीब 2500 से 3000 चूजों की मौत हो चुकी है, बाकी बचे चूजे घायल हैं और धीरे-धीरे मर रहे हैं. हादसे से मालिक को करीब 25 लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है. उसकी आर्थिक हालत ऐसी नहीं कि वह दोबारा यह सब खड़ा कर सके. पीड़ित ने सरकार से मदद और मुआवजे की मांग की है.

तीन शेड बनाए थे, दो हुए पूरी तरह तबाह:

फुरलक गांव निवासी बलराज पान्नू बीते 15 सालों से पोल्ट्री फार्म चला रहे हैं. उन्होंने बादशाहपुर रोड पर तीन शेड बनाए थे, जिनमें एक सिंगल स्टोरी और दो डबल स्टोरी के थे. फार्म में कुल 8 हजार चूजे रखे गए थे. शनिवार और रविवार की रात जब तेज हवा और बारिश आई, तो उसका एक सिंगल स्टोरी और एक डबल स्टोरी शेड पूरी तरह गिर गया. उस समय चूजे इन्हीं शेड में थे.

तेज आंधी ने पोल्ट्री फार्म का शेड गिराया
तेज आंधी ने पोल्ट्री फार्म का शेड गिराया (Etv Bharat)

सुबह पहुंचा तो उजड़ी हुई थी पूरी मेहनत:

बलराज जब सुबह फार्म पर पहुंचा तो वहां का मंजर देख उसका दिल बैठ गया. दो शेड पूरी तरह जमींदोज थे और चूजे मलबे के नीचे दबे हुए थे. करीब 2000 चूजे वहीं मर चुके थे, बाकी इधर-उधर भाग रहे थे. बचे हुए चूजों को जैसे-तैसे एकत्र किया गया और बचे हुए तीसरे डबल स्टोरी शेड में शिफ्ट किया गया. लेकिन ये चूजे भी घायल हैं और धीरे-धीरे उनकी भी मौत हो रही है.

20 दिन के चूजों की दर्दनाक मौत
20 दिन के चूजों की दर्दनाक मौत (Etv Bharat)

20 दिन के थे चूजे, कीमत 31 रुपए प्रति पीस:

बलराज ने बताया कि उसने यह 8 हजार चूजे 31 रुपए प्रति पीस के हिसाब से खरीदे थे. सभी चूजे मात्र 20 दिन के थे. अभी उनका विकास होना बाकी था और उन्हीं से पूरी आमदनी की उम्मीद थी. लेकिन अब उसका पोल्ट्री बिजनेस पूरी तरह ठप हो गया है. चूजों की कीमत, शेड की लागत और बाकी सामान को मिलाकर उसे लगभग 20 से 25 लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है.

लापरवाही से मंडियों में लाखों का नुकसान
लापरवाही से मंडियों में लाखों का नुकसान (Etv Bharat)

10 लाख का कर्ज, अब दोबारा खड़ा होना मुश्किल:

बलराज ने बताया कि उसने पोल्ट्री बिजनेस को खड़ा करने के लिए 10 लाख रुपए का कर्ज भी ले रखा है. अब उसके पास इतनी सामर्थ्य नहीं कि वो दोबारा शेड बनाकर काम शुरू कर सके. पीड़ित ने सरकार से गुहार लगाई है कि उसे उचित मुआवजा दिया जाए ताकि वह अपने कारोबार को फिर से खड़ा कर सके.

स्थानीय प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली:

घटना के बाद अभी तक कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. बलराज का कहना है कि गांव में सभी को इस नुकसान की जानकारी है, लेकिन अभी तक न कोई मुआवजे की बात हुई है और न ही कोई सर्वे हुआ है. उसने सरकार से अपील की है कि प्राकृतिक आपदा के कारण हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक सहायता दी जाए.

लापरवाही से मंडियों में लाखों का नुकसान

हरियाणा के करनाल जिले में देर रात हुई बारिश ने गेहूं की फसल और भंडारण व्यवस्था की पोल खोल दी. हालांकि अधिकतर किसानों की फसल मंडियों में पहुंच चुकी थी, मगर सरकारी एजेंसियों द्वारा खुले में रखे गए गेहूं पर तिरपाल नहीं डाली गई, जिससे रात 12 बजे से सुबह तक लगातार गेहूं भीगता रहा.

वहीं आसपास के लोगों का कहना है कि यह गेहूं पिछले 1 महीने से ही पड़ा हुआ है और तीन बारिश इसके ऊपर से गुजर चुकी है. अब यह गेहूं लगभग खराब हो चुका है. यह गेहूं आम आदमी के पास जब जाएगा तब तक तो यह बिल्कुल ही खराब हो चुका होगा.

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