लक्सर: उत्तराखंड में तरह-तरह के भूमि घोटाले सामने आते रहते हैं. हालांकि सरकार ने भूमि घोटाले रोकने के लिए सख्त कानून बनाया हुआ है, इसके बावजूद ऐसे मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला हरिद्वार जिले के लक्सर से सामने आया है. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
मृतक के नाम पर फर्जी तरीके से बेच दी जमीन: हरिद्वार जनपद के लक्सर क्षेत्र में जमीन हड़पने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. गुरुचरण सिंह निवासी अजीतपुर, कनखल ने न्यायालय में धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने षड्यंत्र रचकर मृत महिला के नाम से फर्जी विक्रय पत्र बनवाकर उनकी जमीन हड़प ली है.
महिला की 22 साल पहले हो चुकी थी मौत: गुरुचरण ने बताया कि उन्होंने और सुखपाल नामक व्यक्ति ने वर्ष 2020 में 3.4090 हेक्टेयर कृषि भूमि 8 लाख रुपये में खरीदी थी. बिक्री की संपूर्ण प्रक्रिया वैध रूप से पूरी की गई थी. तहसील में दाखिल-खारिज भी हो चुका था. बाद में पता चला कि उक्त जमीन को रामकुमार नामक व्यक्ति के नाम पर दोबारा बेचा गया. वह भी उस महिला (कृष्णा कुमारी) के नाम से मुख्तारनामा बनाकर, जिनकी मृत्यु वर्ष 1999 में ही हो चुकी थी.
मृतक महिला को बना दिया मुख्तार: सुदर्शन सिंह चोपड़ा नामक व्यक्ति ने स्वयं को मृत कृष्णा कुमारी का मुख्तार बताकर 2021 में विक्रय पत्र तैयार कराया. इसमें दो गवाहों के रूप में पंजाब निवासी अनिल कुमार और मुख्तार सिंह के नाम सामने आए हैं. गुरुचरण ने आरोप लगाया है कि यह पूरा मामला जालसाजी और कूटरचना का है. इतना ही नहीं, दिनांक 17 जनवरी 2024 को जब प्रार्थी अपनी जमीन पर गया तो रामकुमार और कुछ अन्य लोगों ने मौके पर मारपीट कर जान से मारने की धमकी भी दी. इस सम्बन्ध में स्थानीय थाने और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिए गए, परन्तु कोई कार्रवाई नहीं की गई.
कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज: गुरुचरण सिंह ने न्यायालय से प्रार्थना की कि इस मामले में थाना कोतवाली लक्सर को विपक्षियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए जाएं. न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन करते हुए पुलिस ने रामकुमार, सुदर्शन सिंह चोपड़ा और दो अन्य लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है. मामले की जांच शुरू कर दी है.
वहीं इस बाबत लक्सर कोतवाली प्रभारी राजीव रौथाण ने बताया कि-
न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन करते हुए रामकुमार, सुदर्शन सिंह चोपड़ा और दो अन्य लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. मामले की जांच शुरू कर दी है. जांच उपरांत अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
-राजीव रौथाण, कोतवाली प्रभारी, लक्सर-
लैंड फ्रॉड से बचाएगा सचेतक: उत्तराखंड सरकार ने बढ़ते लैंड फ्रॉड से लोगों को बचाने के लिए राज्य के प्रथम डेडिकेटेड ई-कम्प्यूटर कियोस्क सचेतक को लॉन्च किया है. सचेतक भूमि फर्जीवाड़ा रोकने और आमजनता को भूमि खरीदने-बेचने में फर्जीवाड़े से बचाने का काम करेगा. देहरादून कलेक्ट्रेट परिसर स्थित रजिस्ट्री ऑफिस के पास बने राज्य के प्रथम डेडिकेटेड ई-कियोस्क ‘सचेतक’ का उद्घाटन हो चुका है. अब जनता को कियोस्क से निशुल्क और पुख्ता जानकारी मिलेगी. इससे भूमि खरीदने-बेचने से पहले खतौनी, चौहदवी, जियो लोकेशन और भूमि के वास्तविक स्वामी की जांच की सुविधा मिलेगी.
ये काम करेगा सचेतक
- आम जनता ई-रजिस्ट्रेशन वेबसाइट से ले पाएगी भूमि सम्बन्धी जानकारी
- भूमि धोखाधड़ी से जनता को बचाने के लिए रजिस्ट्री लैंड रिकार्ड की पहले से जानकारी मिलेगी
- क्लेक्ट्रेट परिसर में स्थापित कियोस्क से निःशुल्क एवं पुख्ता जानकारी मिलेगी
- रजिस्ट्री करवाने से पहले ही जमीन की पूरी कुंडली मिल जाएगी
- भूमि क्रय-विक्रय से पहले खतौनी, चौहदवी, जियो लोकेशन और वास्तविक स्वामी की जांच की मिलेगी सुविधा
- लैंड फ्रॉड की घटनाओं में कमी आएगी
- डेडिकेटेड कंप्यूटर कियोस्क के माध्यम से टूटेगी बिचौलियों व दलालों की चेन
भूमि खरीदते समय बरतें सावधानी: उत्तराखंड में जमीन फर्जीवाड़े रोकन के लिए पुलिस और सरकार तमाम उपाय कर रहे हैं, लेकिन आम जन को भी सुरक्षित रहने की जरूरत है. उत्तराखंड पुलिस ने लोगों को भूमि घोटाले या लैंड फ्रॉड से बचने के लिए कई सलाह दी हैं. उत्तराखंड पुलिस की ये सलाह आपके लिए भी उपयोगी साबित होगी.
जमीन खरीद-फरोख्त में इन बातों का ध्यान रखें
- अगर आप कोई मकान, दुकान, प्लॉट या फ्लैट खरीद रहे हैं, तो सबसे पहले एक अच्छे वकील या अपने परिचित वकील से संपर्क जरूर करें.
- हर प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज जरूर करवा लें. इस बात को वेरीफाई कर लें कि आपको दिए गए कागज सही हैं या नहीं.
- जमीन के खसरा नंबरों की तहसील से प्रमाणित खतौनी जरूर हासिल करें. चेक करें कि इसमें विक्रेता का नाम जरूर हो. साथ ही विक्रेता की पहचान की पुष्टि भी कर लें.
- जमीन का राजस्व अभिलेखों और मौके का मिलान जरूर कर लें. जिस संपत्ति को खरीदना है, उसकी दिशाओं को आस पड़ोस में अच्छी तरह पुष्टि करा लें. अभिलेखों में ये भी जांच लें कि विक्रेता के नाम जमीन अवशेष है या नहीं.
- बैंक और पंजीयन कार्यालय से संबंधित जमीन पर कोई लोन तो नहीं है, इसकी जानकारी लें. साथ ही लोन मुक्त होने का प्रमाण पत्र भी अवश्य लें.
- वहीं, eregistrationukgov.in की साइट पर जाकर जमीन के क्रय-विक्रय पर किसी कोर्ट से कोई रोक तो नहीं है, इसकी पुष्टि कर सकते हैं.
- जमीन खरीदने के बाद अपना नामांतरण या कब्जा तत्काल राजस्व अभिलेखों पर खतौनी में करा लें. जमीन का उप निबंधक कार्यालय में पंजीयन से पहले बाउंड्री वॉल भी करा लें.
- ये भी जांच लें कि जो जमीन खरीदी है, उसी जमीन पर ही कब्जा दिया गया है या नहीं. साथ ही जमीन गोल्डन फॉरेस्ट, टी स्टेट और पर्ल ग्रुप कंपनी आदि की न हों.
- जल्दबाजी में किसी भी कागज पर साइन न करें. कागजों को पूरा पढ़ें और मौके पर जाकर जमीन देखें. किसी अनजान प्रॉपर्टी डीलर पर तब तक भरोसा न करें, तब जब तक उसकी विश्वसनीयता आपको पता लग जाए.
- जमीन के मुख्य मालिक से आप खुद ही मुलाकात करें. बिचौलिए की बातों में बिल्कुल न आएं. जरा सा भी फ्रॉड होने की आशंका होने पर तत्काल पुलिस या रजिस्ट्री ऑफिस से संपर्क साधें.
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