यमुनानगर: मंगलवार सुबह छछरौली क्षेत्र में दो घंटे से अधिक समय तक जमकर बरसात हुई, जिसमें 9 मिमी वर्षा दर्ज की गई. पहाड़ी क्षेत्रों में भी भारी बारिश के कारण सोम और पथराला नदियां उफान पर आ गईं. सोम नदी में 8000 क्यूसेक और पथराला नदी में 6000 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया. पथराला नदी में पानी खतरे के निशान (5000 क्यूसेक) से 1000 क्यूसेक ऊपर रहा. अधिक पानी के कारण बरौली माजरा गांव की सड़क से ओवरफ्लो होकर पानी दूसरी ओर बहने लगा, जिससे ग्रामीणों ने चिंता जताई.
सोम नदी में हुआ 8000 क्यूसेक पानी

छछरौली क्षेत्र में लंबे समय से लोग बरसात का इंतज़ार कर रहे थे, क्योंकि गर्मी के साथ-साथ फसलों के लिए वर्षा आवश्यक थी. मंगलवार सुबह हुई भारी बारिश ने राहत दी, लेकिन बरसाती नदियों के उफान ने लोगों को चिंतित कर दिया. बीते शुक्रवार को सोम नदी में 7000 क्यूसेक पानी था, जो मंगलवार को बढ़कर 8000 क्यूसेक हो गया. वहीं, पथराला नदी, जिसकी क्षमता 5000 क्यूसेक है, में 6000 क्यूसेक पानी आया, जो खतरे के निशान से अधिक है.

बरौली माजरा में पटरी टूटने का खतरा
हालांकि, पानी से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन बरौली माजरा में सड़क के पास बनी पटरी से पानी ओवरफ्लो होकर दूसरी ओर बहने लगा. ग्रामीणों का कहना है कि यदि अभी इतने पानी से यह स्थिति है, तो आने वाले दिनों में अधिक पानी आने पर पटरी टूटने का खतरा है. इससे डमौली, रायपुर, तारूवाला समेत कई गांवों को नुकसान हो सकता है. ग्रामीणों ने बताया कि तारूवाला गांव के पास नदी की क्रीक कई वर्षों से बाधित है, जिसके कारण सैकड़ों एकड़ फसलें प्रभावित होती हैं. यदि प्रशासन क्रीक को ठीक करवाए, तो ओवरफ्लो की समस्या कम हो सकती है.

पिछले वर्ष भी टूटी थी पटरी
खानूवाला के ग्रामीणों को डर है कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी पटरी टूटने से चितपुर और खानूवाला गांवों में पानी घुस सकता है. उनका कहना है कि पत्थर तो मौके पर पहुंच चुके हैं, लेकिन अभी तक पटरी पर पत्थर लगाने का काम शुरू नहीं हुआ है.

क्या कहा तहसीलदार ने
तहसीलदार सुदेश मेहरा ने बताया कि क्षेत्र में 9 मिमी बरसात दर्ज की गई है. उन्होंने क्षेत्र का दौरा किया और कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आई. यदि कहीं से कोई सूचना मिलती है, तो प्रशासन हर संभव मदद के लिए तैयार है.सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) विनोद कुमार ने बताया कि दोनों बरसाती नदियों में पानी बढ़ने से बाढ़ राहत और बचाव कार्य प्रभावित हुए हैं. खानूवाला में पत्थर पर्याप्त मात्रा में पहुंच चुके हैं, और जल्द ही काम पूरा कर लिया जाएगा. विभाग आपातकालीन कार्यों के लिए भी पूरी तरह तैयार है.
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