7th pay DA Hike : मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर अपने कर्मचारियों को गुड न्यूज दे सकती है. दरसअल, जल्द ही केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों का फिर महंगाई भत्ता बढ़ा सकती है, जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार को भी राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाना पड़ सकता है. फिलहाल मध्य प्रदेश के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) केंद्र के समान है. हालांकि, 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल पूरा होने से पहले केंद्रीय कर्मचारियों का डीए आखिरी बार बढ़ सकता है.
क्यों बढ़ सकता है अंतिम बार DA?
दरअसल, 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर, 2025 को पूरा हो रहा है. ऐसे में 7वें वेतन आयोग द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में अंतिम DA संशोधन किया जाएगा. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में अपने कर्मचारियों का डीए 2 प्रतिशत बढ़ाकर 55 प्रतिशत कर दिया था, जिसके बाद जुलाई 2025 में अगली किस्त लागू होनी है. इसकी आधिकारिक घोषणा दीवाली के आसपास हो सकती है.

DA के लिए फिर जागी कर्मचारियों की उम्मीदें
अभी केंद्रीय कर्मचारियों का डीए (DA) 55 प्रतिशत से ज्यादा होने की कोई घोषणा नहीं हुई है लेकिन कयास लगाए जाने लगे हैं कि 7वें वेतन आयोग के कार्यकाल समाप्त होने के बहुत पहले ही इसकी घोषणा हो जाएगा. ऐसे में मध्य प्रदेश के कर्मचारी संघ व नेताओं की भी उम्मीदें जागने लगी हैं कि केंद्र का डीए 55 प्रतिशत से ज्यादा होने पर साथ ही साथ एमपी में भी डीए बढ़ाया जाएगा.
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी कहते हैं, '' प्रदेश सरकार कर्मचारियों की महंगाई भत्ते की मांग पूरी कर चुकी है। प्रदेश में कर्मचारियों को केन्द्र के समान महंगाई भत्ता मिल रहा है। केन्द्र सरकार जुलाई में फिर महंगाई भत्ता बढ़ा सकता है, उम्मीद है उसके बाद मध्यप्रदेश में भी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.''
कैसे तय होता है महंगाई भत्ता (DA)?
दरअसल, वेतन आयोग द्वारा महंगाई भत्ते (DA) की गणना कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स (CPI-IW) के आधार पर की जाती है, जिसे श्रम ब्यूरो तैयार करता है. आंकड़ों पर नजर डालें तो यह इंडेक्स इस वर्ष तेजी से बढ़ा है, जिसके आधार पर डीए में बढ़ोत्तरी की गई. विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर मई और जून में भी ऐसी ही तेजी देखने मिलती है तो जुलाई 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को 3 प्रतिशत की DA बढ़ोतरी मिल सकती है, जिससे कुल महंगाई भत्ता 58% तक पहुंच सकता है. इसके बाद मोहन सरकार पर भी डीए बढ़ाने का दबाव बनने लगेगा.
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