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उत्तराखंड के कुमाऊं में 15 महीने में HIV के 477 नए मामले सामने आए, हल्द्वानी जेल में 38 केस - UTTARAKHAND KUMAON HIV

कुमाऊं मंडल में HIV के बढ़ते मामलों ने सबकी चिंता बढ़ा दी है. नशे की लत ने बढ़ाई मुसीबत

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 7, 2025 at 1:43 PM IST

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हल्द्वानी: उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बीते 15 महीने में एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) के 477 नए मामले सामने आए हैं. इनमें 370 पुरुष, 98 महिलाएं और 8 बच्चे हैं. वहीं एक मरीज ट्रांसजेंडर है. 477 में से 38 मामले हल्द्वानी जेल से सामने आए हैं. ये आंकड़ा जनवरी 2024 से लेकर मार्च 2025 तक का है. बताया जा रहा है जो लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें से अधिकांश वो हैं, जो ड्रग्स लेते हैं.

नैनीताल जिला मुख्यालय हल्द्वानी के सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में एचआईवी का ART (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर है. यहां पर बीते 15 महीने में एचआईवी के 477 नए मरीज रजिस्टर्ड हुए हैं. इस हिसाब से देखें तो उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में हर महीने एचआईवी के 31 मरीज सामने आ रहे हैं, जो बड़ी चिंता का विषय है. दरअसल सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अलावा कई सामाजिक संगठन भी एचआईवी के प्रति जागरूकता अभियान चलाते हैं. बावजूद इसके इस तरह एचआईवी के आंकड़े बढ़ना चिंता की बात है.

उत्तराखंड के कुमाऊं में 15 महीने में HIV के 477 नए मामले सामने आए (ETV Bharat)

सुशीला तिवारी अस्पताल प्रशासन से मिले आंकड़ों पर एक नजर:

  • साल 2010 से लेकर मार्च 2025 तक 4824 एचआईवी मरीज रजिस्टर्ड हैं.
  • इन मरीजों में 880 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है.
  • जबकि 450 मरीजों का ट्रांसफर हो गया है.
  • आंकड़ों के मुताबिक 816 लोग अपना इलाज नहीं करा रहे हैं.
  • वर्तमान समय में 2536 एचआईवी संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है.
  • आंकड़ों के मुताबिक कुमाऊं की सबसे बड़ी हल्द्वानी जेल में 38 एचआईवी संक्रमित बंदी भी हैं, जिसमें एक महिला कैदी भी शामिल है.
  • सभी मरीजों का सुशीला तिवारी के ART सेंटर में इलाज चल रहा है.

सुशीला तिवारी अस्पताल में एचआईवी ART सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ वैभव कुमार ने बताया कि ART केंद्र में एचआईवी संक्रमित सभी मरीजों का इलाज किया जाता है. जागरूकता और अवेयरनेस के चलते एचआईवी के मरीज सामने आ रहे हैं. पहले बहुत से मरीज ऐसे होते थे, जो इस बीमारी को छुपा कर रखते थे, लेकिन लोगों में जागरूकता आने के चलते मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है.

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उत्तराखंड में हर महीने 30 से ज्यादा लोग HIV पॉजिटिव मिल रहे है. (ETV Bharat)

डॉ वैभव कुमार के मुताबिक एचआईवी संक्रमित मरीजों में अधिकांश संख्या उन लोगों की है कि, जो ड्रग्स के लती हैं. पाया गया है कि कई लोग ड्रग्स लेते समय एक ही सिरिंज (इंजेक्शन) के माध्यम से अपनी नसों में ड्रग्स लेते हैं, जिसके चलते एड्स संक्रमण खतरा अधिक बना रहता है.

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समय रहते अगर एचआईवी का इलाज न कराया जाए तो यह बीमारी गंभीर रूप ले लेती है. (ETV Bharat)

इसके अलावा असुरक्षित यौन संबंध बनाने से भी एचआईवी का खतरा हो सकता है. एचआईवी संक्रमित अधिकतर युवा हैं. उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से बीमार एचआईवी मरीजों का यहां पर इलाज किया जाता है. इसके अलावा जो भी मरीज सामने आते हैं, उनको मुफ्त में इलाज के साथ-साथ जागरूक भी किया जाता है. इतना ही नहीं डॉक्टर को घर भेजकर भी एचआईवी मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जिससे कि मरीज को समय रहते उचित इलाज देकर उसकी जान बचाई जा सके.

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एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. (ETV Bharat)

एचआईवी के लक्षण: एचआईवी का वायरस जब शरीर में प्रवेश करता है तो उसके कुछ ही समय बाद कुछ संकेत देखने को मिलते हैं.

  1. शुरुआत में तेज बुखार
  2. शरीर में पसीना आना
  3. थकान
  4. उल्टी
  5. दस्त
  6. शरीर में खुजली जैसे लक्षण संक्रमित व्यक्ति में देखने को मिलते हैं.

समय रहते अगर इसका इलाज न कराया जाए तो यह अपना गंभीर रूप ले लेती है. इसके चलते लोग अपनी जान भी गंवा देते हैं. ऐसे में अगर आपने कभी असुरक्षित यौन संबंध बनाए हैं या फिर किसी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती रहे हैं और यह लक्षण आपके शरीर में देखने को मिल रहे हैं तो तुरंत एड्स की जांच करवानी चाहिए.

-डॉक्टर वैभव कुमार, नोडल अधिकारी, ART सेंटर, सुशीला तिवारी हॉस्पिटल-

पढ़ें---

हल्द्वानी: उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बीते 15 महीने में एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) के 477 नए मामले सामने आए हैं. इनमें 370 पुरुष, 98 महिलाएं और 8 बच्चे हैं. वहीं एक मरीज ट्रांसजेंडर है. 477 में से 38 मामले हल्द्वानी जेल से सामने आए हैं. ये आंकड़ा जनवरी 2024 से लेकर मार्च 2025 तक का है. बताया जा रहा है जो लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें से अधिकांश वो हैं, जो ड्रग्स लेते हैं.

नैनीताल जिला मुख्यालय हल्द्वानी के सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में एचआईवी का ART (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर है. यहां पर बीते 15 महीने में एचआईवी के 477 नए मरीज रजिस्टर्ड हुए हैं. इस हिसाब से देखें तो उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में हर महीने एचआईवी के 31 मरीज सामने आ रहे हैं, जो बड़ी चिंता का विषय है. दरअसल सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अलावा कई सामाजिक संगठन भी एचआईवी के प्रति जागरूकता अभियान चलाते हैं. बावजूद इसके इस तरह एचआईवी के आंकड़े बढ़ना चिंता की बात है.

उत्तराखंड के कुमाऊं में 15 महीने में HIV के 477 नए मामले सामने आए (ETV Bharat)

सुशीला तिवारी अस्पताल प्रशासन से मिले आंकड़ों पर एक नजर:

  • साल 2010 से लेकर मार्च 2025 तक 4824 एचआईवी मरीज रजिस्टर्ड हैं.
  • इन मरीजों में 880 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है.
  • जबकि 450 मरीजों का ट्रांसफर हो गया है.
  • आंकड़ों के मुताबिक 816 लोग अपना इलाज नहीं करा रहे हैं.
  • वर्तमान समय में 2536 एचआईवी संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है.
  • आंकड़ों के मुताबिक कुमाऊं की सबसे बड़ी हल्द्वानी जेल में 38 एचआईवी संक्रमित बंदी भी हैं, जिसमें एक महिला कैदी भी शामिल है.
  • सभी मरीजों का सुशीला तिवारी के ART सेंटर में इलाज चल रहा है.

सुशीला तिवारी अस्पताल में एचआईवी ART सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ वैभव कुमार ने बताया कि ART केंद्र में एचआईवी संक्रमित सभी मरीजों का इलाज किया जाता है. जागरूकता और अवेयरनेस के चलते एचआईवी के मरीज सामने आ रहे हैं. पहले बहुत से मरीज ऐसे होते थे, जो इस बीमारी को छुपा कर रखते थे, लेकिन लोगों में जागरूकता आने के चलते मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है.

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उत्तराखंड में हर महीने 30 से ज्यादा लोग HIV पॉजिटिव मिल रहे है. (ETV Bharat)

डॉ वैभव कुमार के मुताबिक एचआईवी संक्रमित मरीजों में अधिकांश संख्या उन लोगों की है कि, जो ड्रग्स के लती हैं. पाया गया है कि कई लोग ड्रग्स लेते समय एक ही सिरिंज (इंजेक्शन) के माध्यम से अपनी नसों में ड्रग्स लेते हैं, जिसके चलते एड्स संक्रमण खतरा अधिक बना रहता है.

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समय रहते अगर एचआईवी का इलाज न कराया जाए तो यह बीमारी गंभीर रूप ले लेती है. (ETV Bharat)

इसके अलावा असुरक्षित यौन संबंध बनाने से भी एचआईवी का खतरा हो सकता है. एचआईवी संक्रमित अधिकतर युवा हैं. उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से बीमार एचआईवी मरीजों का यहां पर इलाज किया जाता है. इसके अलावा जो भी मरीज सामने आते हैं, उनको मुफ्त में इलाज के साथ-साथ जागरूक भी किया जाता है. इतना ही नहीं डॉक्टर को घर भेजकर भी एचआईवी मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जिससे कि मरीज को समय रहते उचित इलाज देकर उसकी जान बचाई जा सके.

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एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. (ETV Bharat)

एचआईवी के लक्षण: एचआईवी का वायरस जब शरीर में प्रवेश करता है तो उसके कुछ ही समय बाद कुछ संकेत देखने को मिलते हैं.

  1. शुरुआत में तेज बुखार
  2. शरीर में पसीना आना
  3. थकान
  4. उल्टी
  5. दस्त
  6. शरीर में खुजली जैसे लक्षण संक्रमित व्यक्ति में देखने को मिलते हैं.

समय रहते अगर इसका इलाज न कराया जाए तो यह अपना गंभीर रूप ले लेती है. इसके चलते लोग अपनी जान भी गंवा देते हैं. ऐसे में अगर आपने कभी असुरक्षित यौन संबंध बनाए हैं या फिर किसी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती रहे हैं और यह लक्षण आपके शरीर में देखने को मिल रहे हैं तो तुरंत एड्स की जांच करवानी चाहिए.

-डॉक्टर वैभव कुमार, नोडल अधिकारी, ART सेंटर, सुशीला तिवारी हॉस्पिटल-

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