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क्लस्टर योजना की 464 बसें सड़कों से हटीं, बढ़ी यात्रियों की परेशानी, कुल 997 बसें हटेंगी - CLUSTER SCHEME FOR DTC IN DELHI

दिल्ली सरकार ने क्लस्टर बस योजना की शुरुआत वर्ष 2011 में की थी. अब सैकड़ों बसों को हटाया गया.

क्लस्टर योजना की 464 बसें सड़कों से हटी
क्लस्टर योजना की 464 बसें सड़कों से हटी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : April 17, 2025 at 7:58 PM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: दिल्ली की सड़कों पर चल रही क्लस्टर संख्या 6, 7, 8 और 9 के अधीन आने वाली 997 बसों का अनुबंध खत्म हो रहा है, जबकि अभी इन प्राइवेट बसों की लाइफ बची है. कलस्टर संख्या 6 और 9 के तहत आने वाली 464 बसें सड़कों से हटा दी गई हैं, इससे दिल्ली की सड़कों पर बसों की कमी दिखाई देने लगी है. जिसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है. दिल्ली के बस स्टैंड पर यात्रियों को बसों के लिए लंबे इंतजार से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ इन बसों को चलाने वाले चालकों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.

जानिए क्या है क्लस्टर योजना? दिल्ली सरकार ने क्लस्टर बस योजना की शुरुआत वर्ष 2011 में की थी. इसका उद्देश्य निजी ऑपरेटरों के माध्यम से बसें चलवाकर सार्वजनिक परिवहन को बेहतर व सुरक्षित बनाना है. इसके लिए दिल्ली को कई "क्लस्टर" (क्षेत्र) में बांटा गया है, जिनमें प्रत्येक क्लस्टर में 200-300 बसें चलाई जाती हैं. कलस्टर योजना के तहत चलने वाली बसें ऑरेंज रंग की होती हैं, जो सीएनजी से चलती हैं. ये बसें जीपीएस की निगरानी में चलती हैं. हर बस में सीसीटीवी, पैनिक बटन और महिला सुरक्षा के उपकरण होते हैं. इस योजना के तहत बसें निर्धारित रूटों पर समयबद्ध तरीके से चलती हैं. वर्तमान में दिल्ली में 13 क्लस्टर हैं, जिसमें अधिकांश कलस्टर संचालित हो रहे हैं. कलस्टर योजना के तहत बसें दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट (डीटीसी) व दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) के अधीन चलाई जाती हैं. सभी बसों में डीटीसी या डिम्ट्स के कंडक्टर होते हैं.

क्लस्टर योजना की 464 बसों को हटाने पर लोगों की प्रतिक्रिया (ETV Bharat)

कलस्टर की 997 बसें इसलिए सड़क से हटेंगीः कलस्टर योजना के तहत दिल्ली की सड़कों पर चल रहीं 997 बसें बहुत जल्द सड़क से हट जाएंगी. बुधवार को अनुबंध की अवधि समाप्त होने के कारण क्लस्टर छह और नौ के तहत आने वाले दिलशाद गार्डन, बीबीएम-2, ओखला व ढिचाऊं कलां डिपो से चलने वाली वाली 464 बसों को बुधवार को रूट पर नहीं उतारा गया. ऐसा नहीं है कि बसों की उम्र खत्म हो गई. दरअसल दिल्ली सरकार के साथ इनका अनुबंध खत्म हो गया. दिल्ली में नई सरकार बनी है. बसें प्राइवेट हैं. ऐसे में अनुबंधन नहीं बढ़ने की वजह से बसों के मालिक बसों का संचालन नहीं कर रहे हैं. क्योंकि उनको अनुबंध खत्म होने के बाद बसों के संचालन का पैसा नहीं मिलेगा.

क्लस्टर योजना की 464 बसें सड़कों से हटी
क्लस्टर योजना की 464 बसें सड़कों से हटी (ETV Bharat)

भीषण गर्मी में यात्री हो रहे परेशानः दिल्ली में चलने वाली बसों में रोजना करीब 40 लाख यात्री सफर करते हैं. सरकारी बसों में महिलाओं का सफर फ्री है. दिल्ली में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है. इस बीच दिल्ली की सड़कों से बसों की संख्या कम होने से दिल्ली के बस स्टैंड पर यात्रियों को बसों के लिए लंबा इंताजर करना पड़ रहा है. बिना विकल्प तैयार किए बसों का संचालन बंद होने से दैनिक यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सुबह शाम पीक आवर में यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है. इस दौरान बसें जल्द भर जा रही हैं. अभी और भी बसें हटने वाली हैं. इससे यह समस्या और बढ़ेगी.

इलेक्ट्रिक बसों का यात्रियों को इंतजारः दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. ऐसे में दिल्ली में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी की गई है. दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा की नई सरकार बनी है. दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री डा. पंकज कुमार सिंह ने कहा था कि एक अप्रैस तक दिल्ली में एक हजार इलेक्ट्रिक बसें लाई जाएंगी, लेकिन अभी तक राहगीर इन 1000 इलेक्ट्रिक बसों के आने की राह देख रहे हैं. जब तक नई इलेक्ट्रिक बसें नई आएंगी तब तक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

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नई दिल्ली: दिल्ली की सड़कों पर चल रही क्लस्टर संख्या 6, 7, 8 और 9 के अधीन आने वाली 997 बसों का अनुबंध खत्म हो रहा है, जबकि अभी इन प्राइवेट बसों की लाइफ बची है. कलस्टर संख्या 6 और 9 के तहत आने वाली 464 बसें सड़कों से हटा दी गई हैं, इससे दिल्ली की सड़कों पर बसों की कमी दिखाई देने लगी है. जिसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है. दिल्ली के बस स्टैंड पर यात्रियों को बसों के लिए लंबे इंतजार से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ इन बसों को चलाने वाले चालकों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.

जानिए क्या है क्लस्टर योजना? दिल्ली सरकार ने क्लस्टर बस योजना की शुरुआत वर्ष 2011 में की थी. इसका उद्देश्य निजी ऑपरेटरों के माध्यम से बसें चलवाकर सार्वजनिक परिवहन को बेहतर व सुरक्षित बनाना है. इसके लिए दिल्ली को कई "क्लस्टर" (क्षेत्र) में बांटा गया है, जिनमें प्रत्येक क्लस्टर में 200-300 बसें चलाई जाती हैं. कलस्टर योजना के तहत चलने वाली बसें ऑरेंज रंग की होती हैं, जो सीएनजी से चलती हैं. ये बसें जीपीएस की निगरानी में चलती हैं. हर बस में सीसीटीवी, पैनिक बटन और महिला सुरक्षा के उपकरण होते हैं. इस योजना के तहत बसें निर्धारित रूटों पर समयबद्ध तरीके से चलती हैं. वर्तमान में दिल्ली में 13 क्लस्टर हैं, जिसमें अधिकांश कलस्टर संचालित हो रहे हैं. कलस्टर योजना के तहत बसें दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट (डीटीसी) व दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) के अधीन चलाई जाती हैं. सभी बसों में डीटीसी या डिम्ट्स के कंडक्टर होते हैं.

क्लस्टर योजना की 464 बसों को हटाने पर लोगों की प्रतिक्रिया (ETV Bharat)

कलस्टर की 997 बसें इसलिए सड़क से हटेंगीः कलस्टर योजना के तहत दिल्ली की सड़कों पर चल रहीं 997 बसें बहुत जल्द सड़क से हट जाएंगी. बुधवार को अनुबंध की अवधि समाप्त होने के कारण क्लस्टर छह और नौ के तहत आने वाले दिलशाद गार्डन, बीबीएम-2, ओखला व ढिचाऊं कलां डिपो से चलने वाली वाली 464 बसों को बुधवार को रूट पर नहीं उतारा गया. ऐसा नहीं है कि बसों की उम्र खत्म हो गई. दरअसल दिल्ली सरकार के साथ इनका अनुबंध खत्म हो गया. दिल्ली में नई सरकार बनी है. बसें प्राइवेट हैं. ऐसे में अनुबंधन नहीं बढ़ने की वजह से बसों के मालिक बसों का संचालन नहीं कर रहे हैं. क्योंकि उनको अनुबंध खत्म होने के बाद बसों के संचालन का पैसा नहीं मिलेगा.

क्लस्टर योजना की 464 बसें सड़कों से हटी
क्लस्टर योजना की 464 बसें सड़कों से हटी (ETV Bharat)

भीषण गर्मी में यात्री हो रहे परेशानः दिल्ली में चलने वाली बसों में रोजना करीब 40 लाख यात्री सफर करते हैं. सरकारी बसों में महिलाओं का सफर फ्री है. दिल्ली में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है. इस बीच दिल्ली की सड़कों से बसों की संख्या कम होने से दिल्ली के बस स्टैंड पर यात्रियों को बसों के लिए लंबा इंताजर करना पड़ रहा है. बिना विकल्प तैयार किए बसों का संचालन बंद होने से दैनिक यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सुबह शाम पीक आवर में यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है. इस दौरान बसें जल्द भर जा रही हैं. अभी और भी बसें हटने वाली हैं. इससे यह समस्या और बढ़ेगी.

इलेक्ट्रिक बसों का यात्रियों को इंतजारः दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. ऐसे में दिल्ली में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी की गई है. दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा की नई सरकार बनी है. दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री डा. पंकज कुमार सिंह ने कहा था कि एक अप्रैस तक दिल्ली में एक हजार इलेक्ट्रिक बसें लाई जाएंगी, लेकिन अभी तक राहगीर इन 1000 इलेक्ट्रिक बसों के आने की राह देख रहे हैं. जब तक नई इलेक्ट्रिक बसें नई आएंगी तब तक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

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