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सर्जन नहीं मिला तो 41 महिलाओं के ऑपरेशन टले, दादरी में आशा वर्कर्स का प्रदर्शन - ASHA WORKERS PROTEST IN DADRI

चरखी दादरी नागरिक अस्पताल में सर्जन न होने से 41 महिलाओं के ऑपरेशन रद्द, आशा वर्कर्स ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ रोष जताया.

Asha workers Protest in Dadri
दादरी में आशा वर्कस का प्रदर्शन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 27, 2025 at 8:05 PM IST

2 Min Read

चरखी दादरी: नागरिक अस्पताल में मंगलवार को परिवार नियोजन के लिए आई 41 महिलाओं को बिना ऑपरेशन लौटना पड़ा. सभी महिलाओं ने पर्ची कटवा ली थी, लेकिन जब वे ऑपरेशन थिएटर पहुंचीं, तो उन्हें बताया गया कि सर्जन मौजूद नहीं है. दो घंटे तक इंतजार के बाद जब कोई समाधान नहीं मिला, तो महिलाओं और साथ आईं आशा वर्कर्स ने थिएटर के बाहर हंगामा कर दिया.

आशा वर्कर्स ने जताया गहरा रोष

आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी के नेतृत्व में आशा वर्कर्स ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि वे गांव-गांव जाकर महिलाओं को परिवार नियोजन के लिए प्रेरित करती हैं, लेकिन अस्पताल में इस तरह की लापरवाही से महिलाओं का विश्वास टूट रहा है. कई महिलाएं निजी अस्पतालों में ऑपरेशन करवाने को मजबूर हैं, जिससे उन्हें आर्थिक बोझ भी उठाना पड़ता है. निजी अस्पताल में एक ऑपरेशन पर करीब 10 हजार रुपये खर्च आता है.

सर्जन नहीं मिला तो 41 महिलाओं के ऑपरेशन टले (Etv Bharat)

समस्या 6 माह से जारी, स्थायी समाधान की मांग

कमलेश भैरवी ने बताया कि यह समस्या पिछले 6 महीनों से चल रही है. पहले सीएचसी स्तर पर भी शिविर लगते थे, लेकिन अब वे भी बंद हो चुके हैं. अन्य जिलों में परिवार नियोजन ऑपरेशन की सुविधा प्रतिदिन रहती है, जबकि दादरी में सप्ताह में केवल दो दिन ही यह सुविधा मिलती है. आशा वर्कर्स और महिलाओं ने प्रशासन से मांग की कि ऑपरेशन की सुविधा रोजाना उपलब्ध करवाई जाए और सर्जनों की तैनाती सुनिश्चित की जाए. इस लापरवाही से राज्य की स्वास्थ्य योजनाओं को धक्का लग रहा है.

इसे भी पढ़ें- हरियाणा में एक ही परिवार के 7 लोगों ने की आत्महत्या, उत्तराखंड का रहने वाला था परिवार, घर के बाहर खड़ी कार में तड़पते मिले

इसे भी पढ़ें- सामने आया सुसाइड से पहले का वीडियो, पंचकूला में सामूहिक खुदकुशी मामले में हो रहे ये खुलासे

चरखी दादरी: नागरिक अस्पताल में मंगलवार को परिवार नियोजन के लिए आई 41 महिलाओं को बिना ऑपरेशन लौटना पड़ा. सभी महिलाओं ने पर्ची कटवा ली थी, लेकिन जब वे ऑपरेशन थिएटर पहुंचीं, तो उन्हें बताया गया कि सर्जन मौजूद नहीं है. दो घंटे तक इंतजार के बाद जब कोई समाधान नहीं मिला, तो महिलाओं और साथ आईं आशा वर्कर्स ने थिएटर के बाहर हंगामा कर दिया.

आशा वर्कर्स ने जताया गहरा रोष

आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी के नेतृत्व में आशा वर्कर्स ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि वे गांव-गांव जाकर महिलाओं को परिवार नियोजन के लिए प्रेरित करती हैं, लेकिन अस्पताल में इस तरह की लापरवाही से महिलाओं का विश्वास टूट रहा है. कई महिलाएं निजी अस्पतालों में ऑपरेशन करवाने को मजबूर हैं, जिससे उन्हें आर्थिक बोझ भी उठाना पड़ता है. निजी अस्पताल में एक ऑपरेशन पर करीब 10 हजार रुपये खर्च आता है.

सर्जन नहीं मिला तो 41 महिलाओं के ऑपरेशन टले (Etv Bharat)

समस्या 6 माह से जारी, स्थायी समाधान की मांग

कमलेश भैरवी ने बताया कि यह समस्या पिछले 6 महीनों से चल रही है. पहले सीएचसी स्तर पर भी शिविर लगते थे, लेकिन अब वे भी बंद हो चुके हैं. अन्य जिलों में परिवार नियोजन ऑपरेशन की सुविधा प्रतिदिन रहती है, जबकि दादरी में सप्ताह में केवल दो दिन ही यह सुविधा मिलती है. आशा वर्कर्स और महिलाओं ने प्रशासन से मांग की कि ऑपरेशन की सुविधा रोजाना उपलब्ध करवाई जाए और सर्जनों की तैनाती सुनिश्चित की जाए. इस लापरवाही से राज्य की स्वास्थ्य योजनाओं को धक्का लग रहा है.

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