शिमला- राजधानी शिमला में रविवार को नवोदय विद्यालय समिति की भर्ती परीक्षा के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. परीक्षा केंद्रों पर सघन चेकिंग के दौरान कुल 40 नकलची पकड़े गए. इसमें 35 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने वाले परीक्षार्थी, फर्जी पहचान वाले डमी कैंडिडेट और दीवार फांदकर फरार हुए अभियुक्त शामिल हैं. इस मामले में शहर के चार पुलिस थानों में कुल पांच केस दर्ज किए गए हैं.
सख्त निगरानी के बावजूद नकलचियों की लंबी फेहरिस्त
यह परीक्षा देशभर में नवोदय विद्यालयों में टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की भर्ती के लिए आयोजित की गई थी. शिमला शहर के विभिन्न स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जहां पर सख्त निगरानी के बावजूद नकलचियों की लंबी फेहरिस्त सामने आई.
पुलिस के अनुसार, छोटा शिमला थाना क्षेत्र में दो, जबकि सदर, न्यू शिमला और ढली थानों में एक-एक मामला सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 की धारा 10 और 11 के तहत दर्ज किया गया है.
ये नकलची यहां पकड़े गए:
- सरस्वती पैराडाइज इंटरनेशनल स्कूल: 12
- एडवर्ड स्कूल: 11
- चैपसली स्कूल भराड़ी: 7
- सैंट्रल स्कूल फॉर तिब्बतियन्स: 2
फरार नकलची और डमी कैंडिडेट:
न्यू शिमला थाने में जेसीबी स्कूल की प्रिंसिपल रेखा बाली की शिकायत पर केस दर्ज हुआ, जिसमें 10 उम्मीदवारों को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया. इनमें से दो—मंदीप कुमार (रोल नं. 111222071) और अमन (रोल नं. 111222036)—जांच के दौरान स्कूल की दीवार फांदकर भाग निकले.
वहीं डीएवी स्कूल में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां जतिन (निवासी फिरोजाबाद, यूपी) नाम का युवक आलोक शर्मा (रोल नं. 111231679) के नाम पर परीक्षा दे रहा था. बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से तो सब सही लग रहा था, लेकिन आधार की फोटो और एडमिट कार्ड के हस्ताक्षर पूरी तरह अलग थे.
एसपी शिमला संजीव गांधी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी थानों में मामले दर्ज कर लिए गए हैं और जांच जारी है. फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है, वहीं परीक्षा में फर्जीवाड़े की जड़ तक पहुंचने के लिए तकनीकी विश्लेषण भी शुरू किया गया है.
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