बक्सर: बिहार के बक्सर जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत दलसागर पंचायत के हरिकिशुनपुर गांव स्थित प्राथमिक सह मध्य विद्यालय में मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को परोसे गए भोजन में मरी हुई छिपकली मिलने से 20 छात्र-छात्राएं बीमार हो गए. बच्चों को उल्टी, चक्कर और पेट दर्द की शिकायत के बाद आनन-फानन में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सभी का इलाज चल रहा है. इस घटना ने स्कूल प्रशासन और मिड डे मील योजना की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
एक बच्चे की थाली में मरी छिपकली मिली: शुक्रवार को हरिकिशुनपुर के मध्य विद्यालय में दोपहर के समय मिड डे मील के तहत बच्चों को भोजन परोसा गया. कुछ ही देर बाद कई बच्चों ने पेट दर्द, उल्टी और चक्कर की शिकायत शुरू की. इसके बाद स्थिति तब और गंभीर हो गई जब एक बच्चे की थाली में मरी हुई छिपकली पाई गई. इसके बाद स्कूल परिसर में अफरातफरी मच गई. शिक्षकों ने तुरंत स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को सूचित किया और सभी प्रभावित बच्चों को तत्काल सदर अस्पताल ले जाया गया.

"ये मामला फूड पॉइजनिंग का है. कुल 20 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, और सभी की स्थिति अब खतरे से बाहर है. भोजन में छिपकली कैसे शामिल हुई और लापरवाही कहां हुई, इसकी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष टीम को स्कूल भेजा गया है. टीम ने किचन शेड और बचे हुए भोजन के नमूने एकत्र किए हैं, जिनकी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जाएगी."- डॉ. शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती, सिविल सर्जन, बक्सर सदर अस्पताल
घटना के बाद अभिभावकों में आक्रोश: वहीं अस्पताल पहुंचे अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया. उनका कहना है कि मिड डे मील की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता. किचन शेड में साफ-सफाई का अभाव है, जिसके कारण ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं. अभिभावकों ने ये भी आरोप लगाया कि जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है और दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती.

शिक्षा विभाग और प्रशासन की प्रतिक्रिया: घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी हरकत में आए. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्कूल पहुंचकर भोजन और किचन की स्थिति का जायजा लिया. सिविल सर्जन ने आश्वासन दिया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं: गौरतलब है कि बक्सर जिले में मिड डे मील में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई स्कूलों में भोजन में मेंढक और अन्य कीड़े मिलने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं
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