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स्क्रब टाइफस से IGMC में मंडी और कुल्लू की दो युवतियों की मौत - SCRUB TYPHUS

आईजीएमसी शिमला में स्क्रब टाइफस से 2 युवतियों की मौत हो गई है. इससे पहले भी इससे दो लोगों की मौत हो चुकी है.

SCRUB TYPHUS
स्क्रब टाइफस (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 16, 2024, 9:46 AM IST

Updated : Oct 16, 2024, 12:41 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस का कहर शुरू हो गया है. आईजीएमसी अस्पताल शिमला में स्क्रब टाइफस से दो लोगों की मौत हो गई है. मरने वाली दोनों युवतियां मंडी और कुल्लू की रहने वाली थी. एक की उम्र 17 साल और दूसरी की उम्र 25 साल थी. दोनों को ही कुछ दिन पहले ही अस्पताल में दाखिल कराया गया था. मंगलवार को तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद दोनों ने दम तोड़ दिया.

IGMC में अब तक 4 की मौत

वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने बताया कि स्क्रब टाइफस से दो मरीजों की मौत हो गई है. आईजीएमसी अस्पताल में स्क्रब टाइफस से जान गंवाने वालों की संख्या चार हो गई है. इससे पहले मंडी और शिमला के पंथाघाटी के रहने वाले एक बुजुर्ग की मौत हुई थी. हिमाचल में मौसम साफ हो गया है. जिसके चलते लोग अब घास काटने की तैयारियों में लग गए हैं. ऐसे में स्क्रब टाइफस के मामले बढ़ने लगे हैं.

क्या है स्क्रब टाइफस ?

डॉ. राहुल राव ने बताया स्क्रब टाइफस एक बैक्टीरिया है जो संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है. जो खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. ये बैक्टीरिया चमड़ी के जरिए शरीर में फैलता है और इसके बाद स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच भी न जाएं. हालांकि किसानों-बागवानों और पशुपालकों के लिए ये संभव नहीं है, क्योंकि आने वाले दिनों में खेतों और बगीचों में घास काटने का काम जोरों पर रहता है. ऐसे में लोग अकसर स्क्रब टाइफस का शिकार हो जाते हैं और इसमें किसानों-बागवानों और पशुपालकों की संख्या ज्यादा रहती है.

SCRUB TYPHUS SYMPTOMS
स्क्रब टाइफस के लक्षण (ETV Bharat GFX)

स्क्रब टाइफस से बचाव

आईजीएमसी के एसएमओ डॉ. राहुल राव ने बताया कि स्क्रब टाइफस से बचाव बेहद जरूरी है, क्योंकि इसके कारण मरीज की मौत तक हो जाती है. स्क्रब टाइफस एक जानलेवा संक्रमण है, इसलिए स्क्रब टाइफस के लक्षण नजर आने पर लापरवाही न बरतें और डॉक्टर से चेकअप करवाएं. उन्होंने बताया कि स्क्रब टाइफस के शुरुआत में बुखार की तरह ही होता है, लेकिन ये सीधी किडनी और लीवर पर अटैक करता है. ये ही कारण है कि इससे मरीज की मौत हो जाती है. वहीं, स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए कुछ जरूरी बातों का ख्याल रख सकते हैं. जैसे की-

  1. साफ-सफाई का खास ध्यान रखें
  2. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें
  3. कीटनाशक दवा का छिड़काव करें
  4. घर के चारों ओर घास, खरपतवार न उगने दें
  5. हाथ और पैरों को ढकने वाले पूरे कपड़े पहनें
  6. मरीजों को दी जाती है डॉक्सीसाइक्लिन और एज़िथ्रोमाइसिन दवा
  7. लक्षण नजर आने पर फौरन डॉक्टर को दिखाएं
ये भी पढ़ें: चूहों से पनपने वाला ये पिस्सू हर साल ले लेता है कई पशुपालकों की जान, ये है इससे बचने का तरीका

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस का कहर शुरू हो गया है. आईजीएमसी अस्पताल शिमला में स्क्रब टाइफस से दो लोगों की मौत हो गई है. मरने वाली दोनों युवतियां मंडी और कुल्लू की रहने वाली थी. एक की उम्र 17 साल और दूसरी की उम्र 25 साल थी. दोनों को ही कुछ दिन पहले ही अस्पताल में दाखिल कराया गया था. मंगलवार को तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद दोनों ने दम तोड़ दिया.

IGMC में अब तक 4 की मौत

वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने बताया कि स्क्रब टाइफस से दो मरीजों की मौत हो गई है. आईजीएमसी अस्पताल में स्क्रब टाइफस से जान गंवाने वालों की संख्या चार हो गई है. इससे पहले मंडी और शिमला के पंथाघाटी के रहने वाले एक बुजुर्ग की मौत हुई थी. हिमाचल में मौसम साफ हो गया है. जिसके चलते लोग अब घास काटने की तैयारियों में लग गए हैं. ऐसे में स्क्रब टाइफस के मामले बढ़ने लगे हैं.

क्या है स्क्रब टाइफस ?

डॉ. राहुल राव ने बताया स्क्रब टाइफस एक बैक्टीरिया है जो संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है. जो खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. ये बैक्टीरिया चमड़ी के जरिए शरीर में फैलता है और इसके बाद स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच भी न जाएं. हालांकि किसानों-बागवानों और पशुपालकों के लिए ये संभव नहीं है, क्योंकि आने वाले दिनों में खेतों और बगीचों में घास काटने का काम जोरों पर रहता है. ऐसे में लोग अकसर स्क्रब टाइफस का शिकार हो जाते हैं और इसमें किसानों-बागवानों और पशुपालकों की संख्या ज्यादा रहती है.

SCRUB TYPHUS SYMPTOMS
स्क्रब टाइफस के लक्षण (ETV Bharat GFX)

स्क्रब टाइफस से बचाव

आईजीएमसी के एसएमओ डॉ. राहुल राव ने बताया कि स्क्रब टाइफस से बचाव बेहद जरूरी है, क्योंकि इसके कारण मरीज की मौत तक हो जाती है. स्क्रब टाइफस एक जानलेवा संक्रमण है, इसलिए स्क्रब टाइफस के लक्षण नजर आने पर लापरवाही न बरतें और डॉक्टर से चेकअप करवाएं. उन्होंने बताया कि स्क्रब टाइफस के शुरुआत में बुखार की तरह ही होता है, लेकिन ये सीधी किडनी और लीवर पर अटैक करता है. ये ही कारण है कि इससे मरीज की मौत हो जाती है. वहीं, स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए कुछ जरूरी बातों का ख्याल रख सकते हैं. जैसे की-

  1. साफ-सफाई का खास ध्यान रखें
  2. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें
  3. कीटनाशक दवा का छिड़काव करें
  4. घर के चारों ओर घास, खरपतवार न उगने दें
  5. हाथ और पैरों को ढकने वाले पूरे कपड़े पहनें
  6. मरीजों को दी जाती है डॉक्सीसाइक्लिन और एज़िथ्रोमाइसिन दवा
  7. लक्षण नजर आने पर फौरन डॉक्टर को दिखाएं
ये भी पढ़ें: चूहों से पनपने वाला ये पिस्सू हर साल ले लेता है कई पशुपालकों की जान, ये है इससे बचने का तरीका
Last Updated : Oct 16, 2024, 12:41 PM IST
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