पंचकूला: हरियाणा में विभिन्न सरकारी विभागों का हिस्सा रहे कई आईएएस और एचसीएस अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद भी सरकारी सिस्टम में अपनी जगह बनाए रखना चाहते हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि हरियाणा सरकार की ओर से बीते दिनों एक मुख्य सूचना आयुक्त और छह राज्य सूचना आयुक्त (CIO यानी Chief Information Officer) पदों के लिए आवेदन मांगे गए. इन सात पदों के लिए आवेदन करने वालों में वो 14 आईएएस भी शामिल हैं, जो कुछ समय पहले ही रिटायर हुए हैं. इनमें एक नाम हरियाणा के मुख्य सचिव रह चुके सेवानिवृत आईएएस टीवीएसएन प्रसाद का भी है, जिन्होंने अब मुख्य सूचना आयुक्त के लिए आवेदन किया है.
सेवा काल में रहते हुए भी किया आवेदन: कई अधिकारी ऐसे हैं, जिन्होंने सेवाकाल में रहते हुए भी अपनी रिटायरमेंट के बाद का बंदोबस्त करने की तैयारी की है. इनमें वर्तमान में सूचना आयुक्त प्रदीप शेखावत शामिल हैं, जिन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त के लिए आवेदन किया है. इनके अलावा बीते जनवरी में सूचना आयुक्त का सेवाकाल पूरा कर चुकी रिटायर्ड आईएएस ज्योति अरोड़ा ने भी आवेदन किया है.
प्रसाद समेत इन अधिकारियों ने जताई इच्छा: कुछ ही समय पूर्व सेवानिवृत हुए मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद के अलावा अन्य कई आईएएस व आईपीएस अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें सरकारी सिस्टम इतना रास आता है कि वे अब भी इसमें अपने लिए जगह तलाश रहे हैं. इन अधिकारियों में महावीर कौशिक, आलोक निगम, आरएस वर्मा, अंकुर गुप्ता, रेणु फुलिया, भूपेंद्र सिंह, महेश्वर शर्मा, गोरखराम, अश्वनी कुमार गुप्ता, नरेश नरवाल, धर्मवीर सिंह, अमरजीत सिंह मान और ज्योति अरोड़ा शामिल हैं. इनके अलावा जिन सेवानिर्वित आईपीएस अधिकारियों ने आवेदन किए हैं, उनमें एलआर बिश्नोई और अरुण कुमार मित्तल हैं. इनके अलावा एचसीएस अशोक बंसल, अमरजीत सिंह, सतीश यादव समेत सामाजिक, वकालत, शिक्षा आदि क्षेत्रों से भी आवेदन पहुंचे हैं.
सीएस की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी चयन: राज्य सरकार द्वारा रिक्त पदों को भरने के लिए सर्च कमेटी का गठन किया गया है. राज्य के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में इस कमेटी में सीनियर आईएएस सुधीर राजपाल और सुमिता मिश्रा शामिल हैं. इस कमेटी पर स्क्रुटनी कर निर्धारित पदों से तीन गुना का नाम शॉर्ट लिस्ट करने की जिम्मेदारी है. शॉर्टलिस्ट किए गए पैनल में से मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय वैधानिक कमेटी का गठन होगा. वहीं, नेता प्रतिपक्ष का भी कमेटी में होना अनिवार्य है लेकिन हरियाणा सरकार नेता प्रतिपक्ष नहीं होने पर कानूनी राय ले रही है, ताकि इन पदों पर नियुक्ति का रास्ता तलाशा जा सके.
3 वर्ष का होता है कार्यकाल: मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुसार सूचना आयुक्त का कार्यकाल पदभार संभालने से लेकर तीन वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है. जबकि वर्ष 2019 से पहले कार्यकाल की समय अवधि 5 वर्ष हुआ करती थी.
नियुक्ति के बाद मिलने वाले सरकारी लाभ: गौरतलब है कि उक्त सभी सात पदों के लिए राज्य सरकार द्वारा 21 मार्च तक आवेदन मांगे गए थे. उक्त पदों का मासिक वेतन सवा दो लाख रुपये है. इसके अलावा सरकारी आवास/कोठी और गाड़ी की सुविधा भी सरकार देती है.