62 लाख के 13 नक्सलियों का सरेंडर, इनमें 5 महिलाएं भी शामिल; बैकफुट पर नक्सल संगठन
उत्तर बस्तर कांकेर में अब 13 इनामी नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है. कई बड़ी वारदातों में शामिल थे.

By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : July 24, 2025 at 6:07 PM IST
|Updated : July 24, 2025 at 7:22 PM IST
कांकेर: जिले में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता सुरक्षाबलों को मिली है. एक बार फिर बड़ी संख्या में सक्रिय नक्सलियों ने सरेंडर किया है. 62 लाख के 13 इनामी नक्सिलयों ने आत्मसमर्पण किया है. ये नक्सली कई बड़ी वारदातों में शामिल थे.
5 महिला भी शामिल: सरेंडर नक्सलियों में 5 महिला नक्सली भी शामिल है. कंपनी कमांडर मंगलू उर्फ रूपेश कोमरा और उत्तर बस्तर डिविजन का कमांडर इन चीफ मैनू नेगी ने भी हथियार डाल दिए हैं. मंगलू पर 10 लाख जबकि मैनू पर 8 लाख का ईनाम घोषित है.

अलग-अलग नक्सलियों पर इतना इनाम
- 1 नक्सली पर 10 लाख का इनाम
- 4 नक्सलियों पर 8-8 लाख का इनाम
- 3 नक्सलियों पर 5-5 लाख का इनाम
- 5 नक्सलियों पर 1-1 लाख का इनाम घोषित है.
इन वारदातों में थे शामिल: मंगलू और मैनू कई बड़ी नक्सल वारदात में शामिल रहे है दोनों ही लगभग 20 सालों से नक्सल संगठन का हिस्सा है. मंगलू पर 7 जवानों की हत्या का आरोप है, जबकि मैनू पर 26 जवानों की हत्या का आरोप है. दोनों के सरेंडर से उत्तर बस्तर में नक्सल संगठन को तगड़ा झटका लगा है.

बाकी सरेंडर नक्सलियों के नाम: नरेश दुग्गा, कारु वेढ़दा, माड़वी सोनमती, शीला पुड़ो, सरोदा उसेंडी, मानुराम, सुकारो नूरेटी, सोमारी उर्फ कविता, राजू, पवन पड़दा, असनू राम ने भी सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सली, रावघाट एरिया कमेटी, परतापुर एरिया कमेटी और माड़ डिविजन में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं.

'डेडलाइन' के बीच बड़ी सफलता: केंद्रीय गृहमंत्री ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे की बात कही है. वहीं हाल ही में छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान भी शाह ने एक सख्त संदेश में कहा था कि मानसून के दौरान नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. उन्होंने माओवादियों से हथियार डालकर विकास की यात्रा में शामिल होने को कहा. ऐसे में इनामी नक्सलियों का सरेंडर बड़ी सफलता है.
बड़ी संख्या में लड़ाकू दस्ते के नक्सलियों के सरेंडर से उत्तर बस्तर में नक्सल संगठन कमजोर होगा. पिछले डेढ़ साल से नक्सलियों के खिलाफ जारी आक्रामक अभियान से नक्सली बैकफुट पर हैं. लगातार एनकाउंटर के बाद नक्सली जंगलों में जान बचाते फिर रहे हैं. यही कारण है कि अब बड़ी संख्या में नक्सली हथियार डालकर मुख्य धारा में लौट रहे हैं.

