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पूर्वोत्तर रेलवे की 122 से अधिक ट्रेनें 12 अप्रैल से 3 मई तक कैंसिल, जानिए क्या है कारण? - RAILWAY NEWS

इंटरलॉकिंग के दौरान पूर्वाचल और देहरादून एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित होगा, गोरखपुर में सबसे अधिक ट्रेन निरस्त रहेंगी

गोरखपुर जंक्शन की यार्ड रिमॉडलिंग
गोरखपुर जंक्शन की यार्ड रिमॉडलिंग (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 11, 2025 at 9:59 AM IST

4 Min Read

गोरखपुर: अगर आप 12 अप्रैल से 3 मई के बीच में पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों के जरिए देश के किसी भी कोने में ट्रेन के माध्यम से यात्रा करना चाह रहे हैं तो टिकट बुकिंग में सावधानी बरतें. क्योंकि इस दौरान करीब 122 से अधिक ऐसी ट्रेनें गोरखपुर जंक्शन की यार्ड रिमॉडलिंग के चलते निरस्त रहेंगी. 3 मई को रेल संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण के बाद जब क्लीयरेंस मिलेगा, तभी यह गाड़ियां फिर से पटरी पर दौड़ सकेंगी.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि यार्ड रिमॉडलिंग के बाद रेल संरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट पर संचालन सामान्य हो जाएगा और दिल्ली- मुंबई के साथ पुणे की भी राह आसान हो जाएगी. लेकिन 22 दिन तक यात्रियों को थोड़ी असुविधा का सामना करना ही पड़ेगा. इसके बाद यात्रियों को ट्रेन की लेट लतीफी से छुटकारा मिलने वाला है. कई अतिरिक्त सुविधा इसकी वजह से मिलने वाली हैं.

पंकज कुमार ने बताया कि यार्ड रिमॉडलिंग के बाद गोरखपुर की ट्रेन भी कंप्यूटर माउस के इशारे से चलने लगेंगी. माउस से ही रेलवे स्टेशन यार्ड के सिग्नल और पॉइंट बनेंगे सिग्नल और पॉइंट फेल होने की समस्या भी समाप्त होगी. इससे अधिक से अधिक ट्रेन भी चलाई जा सकेंगी. गाड़ियों का परिचालन भी तेज होने के साथ दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा. स्टेशन यार्ड में रेल लाइन पॉइंट और सिग्नल सिस्टम में सुविधा के अनुसार बदलाव किया जा सकेगा. इसके लिए गोरखपुर जंक्शन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम लगाया जाएगा.

इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, तीसरी रेल लाइन और गोरखपुर नकहा जंगल डबल लाइन की नान इंटरलॉकिंग होगी. रेलवे प्रशासन थर्ड लाइन और डबल लाइन के साथ इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की नॉन इंटरलॉकिंग की तैयारी लगभग पूरी कर ली है. इसके बाद गोरखपुर जंक्शन से गोरखपुर कैंट स्टेशन तक तीसरी लाइन पर ट्रेनों का संचालन आरंभ हो जाएगा.

सीपीआरओ ने बताया कि गोरखपुर से नकहा जंगल तक माल गाड़ियों का संचालन भी आसानी से हो सकेगा. साथ ही गोरखपुर जंक्शन पर रूट रिले इंटरलॉकिंग पैनल की जगह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम भी कार्य करने लगेगा. रूट इंटरलॉकिंग पैनल का पुराना भवन उत्तरी गेट पर बने नवनिर्मित भवन में शिफ्ट हो गया है. उत्तरी गेट पर प्लेटफार्म नंबर 9 के पास नया भवन बनकर तैयार है.

संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों के कार्यालय भी तैयार हो गए हैं. नए भवन में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के लिए सिग्नल और बैटरी लगाई जा चुकी है. सिस्टम का परीक्षण भी आरंभ हो चुका है. नए भवन से ही इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम संचालित की जाएगी. रेलवे स्टेशन पर बड़े-बड़े बोर्ड की जगह कंप्यूटर सिस्टम ले लेंगे. मैन्युअल कार्य पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ जाएगा. स्टेशन मास्टर के हाथ बटन की जगह माउस पर होंगे. गोरखपुर जंक्शन से ही जंगल नकहा और कैंट आदि छोटे स्टेशनों की ट्रेन भी कंट्रोल हो सकेंगी.


ये प्रमुख ट्रेनें होंगी प्रभावित
12530/29 लखनऊ जंक्शन-पाटलिपुत्र,15273 रक्सौल-आनन्द विहार टर्मिनस,15082/81 गोमतीनगर-गोरखपुर, 15274 आनन्द विहार टर्मिनस-रक्सौल,15048/47 गोरखपुर-कोलकाता, 15211/12 दरभंगा-अमृतसर,15031/32 गोरखपुर-लखनऊ जं., 22531/32 छपरा-मथुरा जंक्‍शन, 15067 गोरखपुर-बान्द्रा टर्मिनस, 19410 गोरखपुर साबरमती,14010 आनन्द विहार टर्मिनस-बापूधाम मोतीहारी, 12571/72 आनन्द विहार टर्मिनस-गोरखपुर, 22549/50 वंदे भारत एक्सप्रेस, 12587/88 जम्मूतवी-गोरखपुर, 22424/23 गोरखपुर-अमृतसर,15023/24 यशवन्तपुर-गोरखपुर,15029/30 पुणे-गोरखपुर,15017/18 गोरखपुर लोकमान्य तिलक टर्मिनस,12511/12 तिरूवन्तपुरम उत्तर-गोरखपुर,22533/34 यशवन्तपुर गोरखपुर,15705/06 दिल्ली कटिहार, 15045/15046 ओखा-गोरखपुर,15057/58 आनन्द विहार टर्मिनस-गोरखपुर लखनऊ के गोमतीनगर स्टेशन तक इन ट्रेनों का होगा आवागमन.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि 07075 हैदराबाद-गोरखपुर स्पेशल, 07076 गोरखपुर-हैदराबाद स्पेशल, 15009 गोरखपुर पीलीभीत एक्सप्रेस, 15010 पीलीभीत-गोरखपुर एक्सप्रेस, 22538 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-गोरखपुर एक्सप्रेस, 22537 गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस गोमतीनगर तक आएंगी और वापसी में यहीं से रवाना होंगी. 15070 ऐशबाग-गोरखपुर एक्सप्रेस, 15069 गोरखपुर ऐशबाग एक्सप्रेस गोरखपुर की जगह नकहा जंगल से संचालित की जाएगी.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ से होकर गुजरेगी गरीब रथ स्पेशल ट्रेन, 14 मई तक होगी संचालित

गोरखपुर: अगर आप 12 अप्रैल से 3 मई के बीच में पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों के जरिए देश के किसी भी कोने में ट्रेन के माध्यम से यात्रा करना चाह रहे हैं तो टिकट बुकिंग में सावधानी बरतें. क्योंकि इस दौरान करीब 122 से अधिक ऐसी ट्रेनें गोरखपुर जंक्शन की यार्ड रिमॉडलिंग के चलते निरस्त रहेंगी. 3 मई को रेल संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण के बाद जब क्लीयरेंस मिलेगा, तभी यह गाड़ियां फिर से पटरी पर दौड़ सकेंगी.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि यार्ड रिमॉडलिंग के बाद रेल संरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट पर संचालन सामान्य हो जाएगा और दिल्ली- मुंबई के साथ पुणे की भी राह आसान हो जाएगी. लेकिन 22 दिन तक यात्रियों को थोड़ी असुविधा का सामना करना ही पड़ेगा. इसके बाद यात्रियों को ट्रेन की लेट लतीफी से छुटकारा मिलने वाला है. कई अतिरिक्त सुविधा इसकी वजह से मिलने वाली हैं.

पंकज कुमार ने बताया कि यार्ड रिमॉडलिंग के बाद गोरखपुर की ट्रेन भी कंप्यूटर माउस के इशारे से चलने लगेंगी. माउस से ही रेलवे स्टेशन यार्ड के सिग्नल और पॉइंट बनेंगे सिग्नल और पॉइंट फेल होने की समस्या भी समाप्त होगी. इससे अधिक से अधिक ट्रेन भी चलाई जा सकेंगी. गाड़ियों का परिचालन भी तेज होने के साथ दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा. स्टेशन यार्ड में रेल लाइन पॉइंट और सिग्नल सिस्टम में सुविधा के अनुसार बदलाव किया जा सकेगा. इसके लिए गोरखपुर जंक्शन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम लगाया जाएगा.

इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, तीसरी रेल लाइन और गोरखपुर नकहा जंगल डबल लाइन की नान इंटरलॉकिंग होगी. रेलवे प्रशासन थर्ड लाइन और डबल लाइन के साथ इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की नॉन इंटरलॉकिंग की तैयारी लगभग पूरी कर ली है. इसके बाद गोरखपुर जंक्शन से गोरखपुर कैंट स्टेशन तक तीसरी लाइन पर ट्रेनों का संचालन आरंभ हो जाएगा.

सीपीआरओ ने बताया कि गोरखपुर से नकहा जंगल तक माल गाड़ियों का संचालन भी आसानी से हो सकेगा. साथ ही गोरखपुर जंक्शन पर रूट रिले इंटरलॉकिंग पैनल की जगह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम भी कार्य करने लगेगा. रूट इंटरलॉकिंग पैनल का पुराना भवन उत्तरी गेट पर बने नवनिर्मित भवन में शिफ्ट हो गया है. उत्तरी गेट पर प्लेटफार्म नंबर 9 के पास नया भवन बनकर तैयार है.

संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों के कार्यालय भी तैयार हो गए हैं. नए भवन में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के लिए सिग्नल और बैटरी लगाई जा चुकी है. सिस्टम का परीक्षण भी आरंभ हो चुका है. नए भवन से ही इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम संचालित की जाएगी. रेलवे स्टेशन पर बड़े-बड़े बोर्ड की जगह कंप्यूटर सिस्टम ले लेंगे. मैन्युअल कार्य पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ जाएगा. स्टेशन मास्टर के हाथ बटन की जगह माउस पर होंगे. गोरखपुर जंक्शन से ही जंगल नकहा और कैंट आदि छोटे स्टेशनों की ट्रेन भी कंट्रोल हो सकेंगी.


ये प्रमुख ट्रेनें होंगी प्रभावित
12530/29 लखनऊ जंक्शन-पाटलिपुत्र,15273 रक्सौल-आनन्द विहार टर्मिनस,15082/81 गोमतीनगर-गोरखपुर, 15274 आनन्द विहार टर्मिनस-रक्सौल,15048/47 गोरखपुर-कोलकाता, 15211/12 दरभंगा-अमृतसर,15031/32 गोरखपुर-लखनऊ जं., 22531/32 छपरा-मथुरा जंक्‍शन, 15067 गोरखपुर-बान्द्रा टर्मिनस, 19410 गोरखपुर साबरमती,14010 आनन्द विहार टर्मिनस-बापूधाम मोतीहारी, 12571/72 आनन्द विहार टर्मिनस-गोरखपुर, 22549/50 वंदे भारत एक्सप्रेस, 12587/88 जम्मूतवी-गोरखपुर, 22424/23 गोरखपुर-अमृतसर,15023/24 यशवन्तपुर-गोरखपुर,15029/30 पुणे-गोरखपुर,15017/18 गोरखपुर लोकमान्य तिलक टर्मिनस,12511/12 तिरूवन्तपुरम उत्तर-गोरखपुर,22533/34 यशवन्तपुर गोरखपुर,15705/06 दिल्ली कटिहार, 15045/15046 ओखा-गोरखपुर,15057/58 आनन्द विहार टर्मिनस-गोरखपुर लखनऊ के गोमतीनगर स्टेशन तक इन ट्रेनों का होगा आवागमन.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि 07075 हैदराबाद-गोरखपुर स्पेशल, 07076 गोरखपुर-हैदराबाद स्पेशल, 15009 गोरखपुर पीलीभीत एक्सप्रेस, 15010 पीलीभीत-गोरखपुर एक्सप्रेस, 22538 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-गोरखपुर एक्सप्रेस, 22537 गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस गोमतीनगर तक आएंगी और वापसी में यहीं से रवाना होंगी. 15070 ऐशबाग-गोरखपुर एक्सप्रेस, 15069 गोरखपुर ऐशबाग एक्सप्रेस गोरखपुर की जगह नकहा जंगल से संचालित की जाएगी.

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