भरतपुर: जिले के चर्चित विक्रम हत्याकांड में अदालत ने 8 साल बाद फैसला सुनाते हुए दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश रेखा वाधवा की अदालत ने उद्योग नगर थाना क्षेत्र के गांव महंगाया निवासी 13 आरोपियों में से 12 को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि एक अभियुक्त की अन्वीक्षण प्रक्रिया के दौरान मृत्यु हो चुकी है.
यह था मामला: वरिष्ठ अधिवक्ता गंगा सहाय धनखड़ ने बताया कि 5 मार्च, 2017 को गांव महंगाया निवासी विक्रम पर गांव के ही कुछ लोगों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया था. विक्रम को न केवल रास्ते में पीटा गया, बल्कि उसे जबरन उसके घर ले जाकर भी बुरी तरह मारपीट की गई. गंभीर हालत में परिजनों ने विक्रम को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई. घटना के बाद पीड़ित पक्ष की ओर से उद्योग नगर थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया गया था. पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए सभी 13 अभियुक्तों के खिलाफ हत्या की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच की और चार्जशीट न्यायालय में पेश की.
28 गवाहों के बयान बने फैसले की बुनियाद: अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में कुल 28 गवाहों के बयान कराए गए, जिन्होंने घटना की पुष्टि की. अदालत ने सभी गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर यह मानते हुए कि आरोप सिद्ध होते हैं, सभी 13 अभियुक्तों को दोषी करार दिया. हालांकि, उनमें से एक अभियुक्त की सुनवाई के दौरान मौत हो गई.
इन्हें सुनाई गई सजा: अदालत ने जिन 12 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इनमें भगवान सिंह, शिल्पा, दिनेश, जीतू, कपिल, प्रेमचंद, हरगोविंद, अजय, मुरारी, रामचंद, महेश और रामवीर शामिल हैं. मृतक विक्रम के परिजन पिछले 8 वर्षों से न्याय की उम्मीद में कोर्ट का चक्कर लगा रहे थे. अंततः अदालत के इस फैसले से उन्हें राहत मिली है. अधिवक्ता गंगा सहाय धनखड़ ने कहा कि यह फैसला कानून में जनता के विश्वास को मजबूत करता है.