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यूपी को बड़ी सौगात; लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में बनेंगे 100 पुल, जानिए कहां-कहां?

उत्तर प्रदेश में सेतु निर्माण निगम ने पुल निर्माण के लिए पूरा खाका किया तैयार, बजट और स्थान निर्धारित

सीतापुर में निर्मित पुल.
सीतापुर में निर्मित पुल. (Bridge Construction Corporation in Uttar Pradesh)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : October 13, 2025 at 2:30 PM IST

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. सेतु निर्माण निगम ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना के तहत अगले डेढ़ साल में उत्तर प्रदेश भर में 100 नए पुलों का निर्माण शुरू करने का ऐलान किया है. इस योजना का खास फोकस उत्तर प्रदेश पर है, जहां ग्रामीण और शहरी इलाकों को जोड़ने वाले कई पुल बनाए जाएंगे. यह परियोजना न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि व्यापार, पर्यटन और रोजगार को भी नई गति देगी.

प्रयागराज में 4 पुल बनेंगेः सेतु निर्माण निगम के महाप्रबंधक धर्मवीर सिंह ने बताया कि बजट की व्यवस्था पूरी हो चुकी है और विशेषज्ञ टीम समयबद्ध तरीके से काम पूरा करेगी. इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई महत्वपूर्ण पुलों का निर्माण होगा. सबसे चर्चित प्रयागराज में भविष्य के कुंभ मेला को ध्यान में रखते हुए चार नए पुल बनाए जा रहे हैं.

यमुना नदी पर बनेगा लंबा पुलः महाप्रबंधक के मुताबिक, यमुना नदी पर मड़ौका से करेलाबाग तक छह लेन का नया पुल बनेगा. इसकी लंबाई करीब 1170 मीटर होगी और 479 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह पुल चार लेन वाहनों के लिए और दो लेन पैदल यात्रियों के लिए होगा. कैबिनेट ने इसकी मंजूरी फरवरी 2025 में दे दी थी और अब सर्वे पूरा हो चुका है. इसी तरह, सलोरी-हेतापट्टी पर 3660 मीटर लंबा चार लेन पुल बनेगा, जिसकी लागत 964.93 करोड़ रुपये है. दारागंज-झूंसी मार्ग पर 2340 मीटर का चार लेन पुल 844 करोड़ रुपये में तैयार होगा. ये पुल महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही को आसान बनाएंगे.

इसके अलावा, बस्ती जिले में भी एक नया पुल और सड़क परियोजना शुरू हो रही है. यहां जलालपुर बाजार में बाईपास से जुड़ने वाला पुल बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 8.40 किलोमीटर होगी. इसके लिए 28.3 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जिसमें 40 करोड़ भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे. इसी तरह से लखनऊ में भी इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे के पास नया पुल बनाया जाएगा, जो कि रिंग रोड पर जाम को समाप्त कर देगा. सेतु निर्माण निगम के महाप्रबंधक धर्मवीर सिंह ने बताया कि ये पुल आधुनिक तकनीक से बनेंगे, जो भूकंप प्रतिरोधी और पर्यावरण अनुकूल होंगे.

छोटे पुलों पर भी जोरः धर्मवीर सिंह ने बताया कि योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे पुलों पर भी जोर दिया गया है, ताकि किसानों को बाजार तक पहुंच आसान हो. राज्य बजट 2025-26 में बुनियादी ढांचे के लिए 8 लाख करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है, जिसमें पुल निर्माण को प्राथमिकता मिली है. इससे न केवल यूपी का कनेक्टिविटी सुधरेगा, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. प्रयागराज के पुल भविष्य में कुंभ को यादगार बनाएंगे, जबकि बस्ती का पुल स्थानीय व्यापार को फायदा पहुंचाएगा. यह योजना उत्तर प्रदेश को विकास के नए दौर में ले जाएगी. पुराने पुलों की मरम्मत से दुर्घटनाएं कम होंगी. निगम ने गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तीसरे पक्ष के ऑडिट की व्यवस्था की है. कुल मिलाकर, ये 100 पुल यूपी की प्रगति की नई कहानी लिखेंगे. आने वाले डेढ़ साल में इनका निर्माण देखने लायक होगा.
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