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झारखंड की जमीं से जिम्नास्टिक के आसमान तक: विकास कुमार गोप की प्रेरणादायक उड़ान - WORLD GYMNASTICS CHAMPIONSHIP

झारखंड के विकास कुमार गोप का चयन वर्ल्ड जिम्नास्टिक चैंपियनशिप के लिए हुआ है. वे इस चैंपियनशिप में जाने वाले झारखंड के पहले खिलाड़ी हैं.

World Gymnastics Championship
ग्राफिक्स इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : June 11, 2025 at 4:06 PM IST

Updated : June 11, 2025 at 5:04 PM IST

5 Min Read

रांची: झारखंड को भारत में खेलों की धरती माना जाता है. यहां की मिट्टी ने क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, बॉक्सिंग और तीरंदाजी जैसे खेलों में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सितारे दिए हैं. चाहे वो महेंद्र सिंह धोनी हों, दीपिका कुमारी या निक्की प्रधान, हर खेल ने झारखंड की पहचान को मजबूत किया है. लेकिन अगर किसी खेल की बात करें, जिसमें अब तक झारखंड को बड़ी पहचान नहीं मिली थी, तो वो है जिम्नास्टिक.

एक नई शुरुआत, एक नई उम्मीद

जिम्नास्टिक के इस खालीपन को अब भरने जा रहे हैं रांची के लोवाडीह के रहने वाले विकास कुमार गोप, जिन्होंने जिम्नास्टिक में झारखंड का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहुंचाने की दिशा में पहली बड़ी छलांग लगाई है. विकास का चयन वर्ल्ड जिम्नास्टिक चैंपियनशिप के लिए हुआ है. वे झारखंड के पहले ऐसे खिलाड़ी बन चुके हैं जो इस खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं.

विकास कुमार गोप से बात करते संवाददाता चंदन भट्टाचार्या (ईटीवी भारत)

फिलहाल यह घोषणा नहीं हुई है कि यह प्रतियोगिता कहां और कब आयोजित होगी, लेकिन यह तय है कि विकास ने राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताएं जीतकर यह टिकट अर्जित किया है. यह सिर्फ व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि राज्य के लिए एक इतिहास रचने वाला क्षण है.

World Gymnastics Championship
विकास कुमार गोप (ईटीवी भारत)

झारखंड में जिम्नास्टिक जैसी खेल विधा के लिए न तो कभी सही मार्गदर्शन मिला और ना ही इस खेल को लेकर बेहतर परंपरा थी और न ही बुनियादी ढांचे को बेहतर करने की कोशिश ही हुई. अंतरराष्ट्रीय स्तर के इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बावजूद जिम्नास्टिक में खिलाड़ी बहुत बेहतर नहीं कर सके, लेकिन विकास ने कभी अपने हालात को अपनी सीमा नहीं बनने दिया. सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने अपने हुनर और जुनून को जिंदा रखा. बुनियादी ढांचे का उपयोग कर वह आज वर्ल्ड चैंपियनशिप खेलने के लिए तैयार हुए हैं.

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बाबा रामदेव के साथ विकास कुमार गोप (ईटीवी भारत)

खेल गतिविधियों में बचपन से झुकाव

बचपन से ही उनका झुकाव योग और शारीरिक गतिविधियों की ओर था. उन्होंने इसी रुचि को अपना मार्ग बना लिया. योग से शुरू हुआ सफर, जिम्नास्टिक के पटल तक पहुंचा, और अब वर्ल्ड चैंपियनशिप तक पहुंच गया है.

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विकास की उपलब्धियां (ईटीवी भारत)

सिर्फ खिलाड़ी नहीं, अब कोच भी हैं विकास

27 वर्षीय विकास कुमार गोप ने रांची विश्वविद्यालय से योग विज्ञान में स्नातकोत्तर (PG)की पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने एनएसएनआईएस, पटियाला से जिम्नास्टिक में प्रशिक्षण प्राप्त कर झारखंड के पहले खिलाड़ी के रूप में इस प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम को पूरा किया. इसके साथ ही वह झारखंड के पहले सर्टिफाइड जिम्नास्टिक कोच भी बने. वर्तमान में वे झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (JSSPS) में कोच की भूमिका निभा रहे हैं और प्रतिभाओं को तलाश और तराश रहे हैं.

World Gymnastics Championship
विकास कुमार गोप (ईटीवी भारत)

एक खिलाड़ी, अनेक रूप

विकास सिर्फ जिम्नास्टिक के खिलाड़ी नहीं हैं वे एक बेहतरीन योग स्पोर्ट्स के खिलाड़ी भी है भी हैं. उन्होंने योग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीता है. वहीं, जिम्नास्टिक में उन्होंने 30 से अधिक पदक हासिल किए हैं, जिनमें राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, जिला स्तर और नेशनल स्कूल गेम्स के खिताब शामिल हैं. वे मानते हैं कि योग और जिम्नास्टिक का आपसी तालमेल उन्हें आगे बढ़ने की ताकत देता है. यही वजह है कि वह दोनों विधाओं को साथ लेकर चलना चाहते हैं.

World Gymnastics Championship
विकास कुमार गोप (ईटीवी भारत)

झारखंड में जिम्नास्टिक का भविष्य

विकास का मानना है कि झारखंड में जिम्नास्टिक की संभावनाएं अपार हैं. यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं हैं, प्लेटफॉर्म है और सबसे अहम बच्चों में प्रतिभा है. जरूरत है तो सिर्फ जागरूकता, मार्गदर्शन और सही प्रशिक्षण की.

"हमारे राज्य के बच्चे बहुत प्रतिभाशाली हैं, बस उन्हें सही दिशा देने की जरूरत है. अगर झारखंड से क्रिकेट और हॉकी के सितारे निकल सकते हैं, तो जिम्नास्टिक में भी हम देश को ओलंपिक पदक दिला सकते हैं." - विकास, जिम्नास्ट

कोच से रोल मॉडल बनने तक

अब विकास सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि रोल मॉडल बन चुके हैं. वे खुद जिम्नास्टिक की ट्रेनिंग कराते हैं, प्रतिभाओं को तैयार करते हैं और साथ ही खुद को भी तराशते रहते हैं. उनका मानना है कि खेल केवल जीतने के लिए नहीं होते, बल्कि समाज बदलने के लिए भी होते हैं. उनकी इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर झारखंड जिम्नास्टिक संगठन, JSSPS, और खेल विभाग के अधिकारियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं.

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विकास कुमार गोप (ईटीवी भारत)

एक खिलाड़ी की सोच, जो प्रेरणा बन गई

आज जब विकास की चर्चा होती है तो सिर्फ उनके पदकों की वजह से नहीं, बल्कि इसलिए भी कि उन्होंने उस राह को चुना जो कठिन थी, कम जानी-पहचानी थी और जिसमें कोई गारंटी नहीं थी. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी, उनकी कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो सपने देखने से डरते हैं, जो साधनों की कमी को रुकावट मान लेते हैं.

बड़े इरादे अडिग संकल्प

विकास कुमार गोप की कहानी हमें यह सिखाती है कि सिर्फ बड़ी सुविधाओं से बड़े खिलाड़ी नहीं बनते, बल्कि बड़े इरादों और अडिग संकल्प से बनते हैं. उन्होंने झारखंड की उस खाली जगह को भरा है, जहां अब तक जिम्नास्टिक की कोई पहचान नहीं थी और अब जब वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं, तो पूरा झारखंड गर्व से यह कह सकता है विकास ने खेल की दुनिया में एक नई दिशा दी है.

यह भी पढ़ें:

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एक नई शुरुआत, एक नई उम्मीद

जिम्नास्टिक के इस खालीपन को अब भरने जा रहे हैं रांची के लोवाडीह के रहने वाले विकास कुमार गोप, जिन्होंने जिम्नास्टिक में झारखंड का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहुंचाने की दिशा में पहली बड़ी छलांग लगाई है. विकास का चयन वर्ल्ड जिम्नास्टिक चैंपियनशिप के लिए हुआ है. वे झारखंड के पहले ऐसे खिलाड़ी बन चुके हैं जो इस खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं.

विकास कुमार गोप से बात करते संवाददाता चंदन भट्टाचार्या (ईटीवी भारत)

फिलहाल यह घोषणा नहीं हुई है कि यह प्रतियोगिता कहां और कब आयोजित होगी, लेकिन यह तय है कि विकास ने राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताएं जीतकर यह टिकट अर्जित किया है. यह सिर्फ व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि राज्य के लिए एक इतिहास रचने वाला क्षण है.

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विकास कुमार गोप (ईटीवी भारत)

झारखंड में जिम्नास्टिक जैसी खेल विधा के लिए न तो कभी सही मार्गदर्शन मिला और ना ही इस खेल को लेकर बेहतर परंपरा थी और न ही बुनियादी ढांचे को बेहतर करने की कोशिश ही हुई. अंतरराष्ट्रीय स्तर के इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बावजूद जिम्नास्टिक में खिलाड़ी बहुत बेहतर नहीं कर सके, लेकिन विकास ने कभी अपने हालात को अपनी सीमा नहीं बनने दिया. सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने अपने हुनर और जुनून को जिंदा रखा. बुनियादी ढांचे का उपयोग कर वह आज वर्ल्ड चैंपियनशिप खेलने के लिए तैयार हुए हैं.

World Gymnastics Championship
बाबा रामदेव के साथ विकास कुमार गोप (ईटीवी भारत)

खेल गतिविधियों में बचपन से झुकाव

बचपन से ही उनका झुकाव योग और शारीरिक गतिविधियों की ओर था. उन्होंने इसी रुचि को अपना मार्ग बना लिया. योग से शुरू हुआ सफर, जिम्नास्टिक के पटल तक पहुंचा, और अब वर्ल्ड चैंपियनशिप तक पहुंच गया है.

World Gymnastics Championship
विकास की उपलब्धियां (ईटीवी भारत)

सिर्फ खिलाड़ी नहीं, अब कोच भी हैं विकास

27 वर्षीय विकास कुमार गोप ने रांची विश्वविद्यालय से योग विज्ञान में स्नातकोत्तर (PG)की पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने एनएसएनआईएस, पटियाला से जिम्नास्टिक में प्रशिक्षण प्राप्त कर झारखंड के पहले खिलाड़ी के रूप में इस प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम को पूरा किया. इसके साथ ही वह झारखंड के पहले सर्टिफाइड जिम्नास्टिक कोच भी बने. वर्तमान में वे झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (JSSPS) में कोच की भूमिका निभा रहे हैं और प्रतिभाओं को तलाश और तराश रहे हैं.

World Gymnastics Championship
विकास कुमार गोप (ईटीवी भारत)

एक खिलाड़ी, अनेक रूप

विकास सिर्फ जिम्नास्टिक के खिलाड़ी नहीं हैं वे एक बेहतरीन योग स्पोर्ट्स के खिलाड़ी भी है भी हैं. उन्होंने योग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीता है. वहीं, जिम्नास्टिक में उन्होंने 30 से अधिक पदक हासिल किए हैं, जिनमें राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, जिला स्तर और नेशनल स्कूल गेम्स के खिताब शामिल हैं. वे मानते हैं कि योग और जिम्नास्टिक का आपसी तालमेल उन्हें आगे बढ़ने की ताकत देता है. यही वजह है कि वह दोनों विधाओं को साथ लेकर चलना चाहते हैं.

World Gymnastics Championship
विकास कुमार गोप (ईटीवी भारत)

झारखंड में जिम्नास्टिक का भविष्य

विकास का मानना है कि झारखंड में जिम्नास्टिक की संभावनाएं अपार हैं. यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं हैं, प्लेटफॉर्म है और सबसे अहम बच्चों में प्रतिभा है. जरूरत है तो सिर्फ जागरूकता, मार्गदर्शन और सही प्रशिक्षण की.

"हमारे राज्य के बच्चे बहुत प्रतिभाशाली हैं, बस उन्हें सही दिशा देने की जरूरत है. अगर झारखंड से क्रिकेट और हॉकी के सितारे निकल सकते हैं, तो जिम्नास्टिक में भी हम देश को ओलंपिक पदक दिला सकते हैं." - विकास, जिम्नास्ट

कोच से रोल मॉडल बनने तक

अब विकास सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि रोल मॉडल बन चुके हैं. वे खुद जिम्नास्टिक की ट्रेनिंग कराते हैं, प्रतिभाओं को तैयार करते हैं और साथ ही खुद को भी तराशते रहते हैं. उनका मानना है कि खेल केवल जीतने के लिए नहीं होते, बल्कि समाज बदलने के लिए भी होते हैं. उनकी इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर झारखंड जिम्नास्टिक संगठन, JSSPS, और खेल विभाग के अधिकारियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं.

World Gymnastics Championship
विकास कुमार गोप (ईटीवी भारत)

एक खिलाड़ी की सोच, जो प्रेरणा बन गई

आज जब विकास की चर्चा होती है तो सिर्फ उनके पदकों की वजह से नहीं, बल्कि इसलिए भी कि उन्होंने उस राह को चुना जो कठिन थी, कम जानी-पहचानी थी और जिसमें कोई गारंटी नहीं थी. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी, उनकी कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो सपने देखने से डरते हैं, जो साधनों की कमी को रुकावट मान लेते हैं.

बड़े इरादे अडिग संकल्प

विकास कुमार गोप की कहानी हमें यह सिखाती है कि सिर्फ बड़ी सुविधाओं से बड़े खिलाड़ी नहीं बनते, बल्कि बड़े इरादों और अडिग संकल्प से बनते हैं. उन्होंने झारखंड की उस खाली जगह को भरा है, जहां अब तक जिम्नास्टिक की कोई पहचान नहीं थी और अब जब वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं, तो पूरा झारखंड गर्व से यह कह सकता है विकास ने खेल की दुनिया में एक नई दिशा दी है.

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Last Updated : June 11, 2025 at 5:04 PM IST
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