भारतीय शटलर्स ने पिछले कुछ वर्षों में किया कमाल, अपने नाम दर्ज कीं ये खास उपलब्धियां
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने पिछले वर्षों में विश्व बैडमिंटन में कुछ खास उपलब्धियां हासिल की है, आइए इनके बारे में जानते हैं.

Published : October 13, 2025 at 2:29 PM IST
हैदराबाद : भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाल के कुछ वर्षों में अपना जलवा बिखेरा है. उनकी सफलता की गूंज विश्व में जमकर गूंजी है. भारतीय शटलर्स ने प्रगति की राह की ओर जोरदार तरीके से कदम बढ़ाए हैं. जिसका परिणाम भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के द्वारा हमारे सामने है.
बैडमिंटन में एक समय चीनी, कोरियाई और मलेशिया के खिलाड़ियों का दबदबा होता था. आज भारतीय खिलाड़ी इनको जोरदार टक्कर दे रहे हैं. भारतीय खिलाड़ी विश्व स्तर पर अपनी छाप छोड़ने में बिल्कुल भी पीछे नहीं हैं. आइए हाल ही के कुछ वर्षों में उनके द्वारा हासिल की गई कुछ खास उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं.

भारतीय बैडमिंटन प्लेयर्स की पिछले कुछ वर्षों में खास उपलब्धियां
1 - भारत की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने 2012 के लंदन ओलंपिक में महिला एकल में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था. वो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनी थी. उन्होंने भारत की कई युवा महिला खिलाड़ियों को बैडमिंटन कोर्ट तक पहुंचने में प्रेरणा का काम किया था.

2 - भारत की महिला शटलर पीवी सिंधु ने अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की है. सिंधु लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. उन्होंने रियो 2016 में स्पेन की कैरोलिना मारिन के खिलाफ कड़े फाइनल में रजत पदक जीता था. जबकि टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीता था.

3 - भारत के स्टार शटलर सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने मेंस डबल्स में कमाल का योगदान दिया है. ये दोनों भारत के लिए मेंस डबल्स में विश्व नंबर 1 रैंक पर पहुंचने वाली पहली भारतीय पुरुष जोड़ी बनी. इन दोनों ने 2023 में विश्व नंबर 1 रैंकिंग हासिल की थी, जो भारतीय युगल बैडमिंटन के लिए एक खास उपलब्धि थी. साइना नेहवाल, किदांबी श्रीकांत और पीवी सिंधु भी नंबर 1 रैंक पर रह चुके हैं.
4 - भारतीय शटलर किदांबी श्रीकांत ने एक कैलेंडर वर्ष में चार सुपर सीरीज जीतकर इतिहास रचा था. किदांबी ने 2017 में यानी एक ही कैलेंडर वर्ष में 4 सुपर सीरीज खिताब जीते थे. इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और फ्रांस टूर्नामेंट में उनकी जीत आईं थीं.
5 - भारतीय शटलर पुलेला गोपीचंद ने 2001 में प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ओपन खिताब जीता था. वो इस खिताब को जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय बने थे. उनसे पहले उनके गुरु प्रकाश पादुकोण ने इस खिताब पर कब्जा किया था. गोपीचंद की ये जीत भारतीय बैडमिंटन के लिए एक महत्वपूर्ण साबित हुई और उसके बाद कई बड़े खिलाड़ी सामने आए.

