नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड की ओर से हर महीने क्रिकेट खिलाड़ियों की रैंकिंग जारी की जाती है. आईसीसी रैंकिंग में कोई खिलाड़ी नंबर 1 पर रहता है तो कोई क्रिकेटर नंबर 10 पर आता है. ये खिलाड़ी प्वाइंट्स के आधार पर नंबर 1 से आगे के बढ़ते हुए क्रम में होते हैं. लेकिन क्या आप जातने हैं कि आईसीसी किस आधार पर रैंकिंग बनाता है और फिर उसे जारी करता है, अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बातने वाले हैं.
क्या है ICC रैंकिंग
आईसीसी रैंकिंग एक प्वाइंट्स टेबल होती है, जिसमें दुनिया भर के शीर्ष क्रिकेटर्स को नंबर 0 से लेकर नंबर 1000 तक अंकों के आधार पर रेट करते हुए स्थान दिया जता है. ऐसे में सबसे ज्यादा अंकों वाला प्लेयर पहले स्थान पर होता है तो वहीं, सबसे कम अंकों वाला खिलाड़ी सबसे नीचे वाले स्थान पर होता है. अंक खिलाड़ियों की प्रदर्शन से निर्धारित होते हैं. कोई क्रिकेटर अगर अपने पिछले महीनों या सालों के प्रदर्शन ने बेहतर प्रदर्शन आगे वाले महीनों या सालों में करता है तो उसके अंक बढ़ जाते हैं और रैंकिंग में ऊपर पहुंच जाता है. इसके ठीक उलट अगर खिलाड़ी के प्रदर्शन में पहले की तुलना में गिरावट आती है तो वो कम अंकों के साथ नीचे खिसक जाता है.
कैसे दिए जाते हैं खिलाड़िोयं को प्वाइंट्स
खिलाड़ी हर मैच में जैसा प्रदर्शन करता है, उसके प्रदर्शन के आधार पर एल्गोरिथ्म का उपयोग करके गणना की जाती है और खिलाड़ी को अंकों के जरिए रेट किया जाता है. अंकों की गणना करने के पैमाने अलग-अलग होते हैं. भिविन्न परिस्थितियों को देखते हुए प्लेयर को अंक दिए जाते हैं. जैसे टीम के लिए महत्वपूर्ण समय में योगदान देने पर अधिक अंक प्राप्त होते हैं. जहां से मैच हरा हुआ लग रहा है, अगर खिलाड़ी वहां से रन बनाकर या विकेट लेकर अपनी टीम को जीत दिला देता है. तो उसे बोनस अंक मिलते हैं.
इस आधार पर होती है बल्लेबाजों की रैंकिंग
- बल्लेबाज ने कितने रन बनाए हैं उस आधार पर उसकी रेटिंग की जाती है, जिससे उसे अंक मिलते हैं
- नॉट आउट रहना, नॉटआउट रहने पर खिलाड़ी को बोनस अंक दिए जाते हैं
- विरोधी टीम की गेंदबाजी जितनी मजबूत होगी, उतने ही बल्लेबाज को ज्यादा अंक मिलेंगे
- पहली पारी की तुलना में दूसरी पारी में चेज करते हुए ज्यादा रन बनाने पर ज्यादा अंक मिलेंगे
- टीम के लिए मुश्किल वक्त में रन बनाने और हार के मुंह से अपनी टीम को जीत दिलाने पर अंक मिलेंगे
- ज्यादा और कम स्कोरिंग बाले मैचों में रन करने के आधर पर अंक का मिलना (हाई स्कोरिंग में कम अंक/लो स्कोरिंग मैच में ज्यादा अंक)
- रन बनाकर अपनी टीम को जीताने पर अंक मिलेंगे, मजबूत टीम के खिलाफ जीत दिलाने पर बोनस अंक मिलेंगे
इस आधार पर होती है गेंदबाजों की रैंकिंग
- गेंदबाजों द्वारा लिए गए विकेट और दिए गए रनों के आधार पर अंक मिलते हैं
- रैकिंग में मौजूद शीर्ष बल्लेबाजों को आउट करने पर बोनस अंक मिलते हैं
- हाई स्कोरिंग मैच में विकेट लेने पर ज्यादा अंक और लो स्कोरिंग मैच में विकेट लेने पर कम अंक मिलेंगे
- मैच के दौरान ज्यादा गेंदबाजी करने वाले बॉलर को अंक मिलते हैं, जो मुश्किल वक्त में ओवर डालता है
कितने प्वाइंट्स होते हैं खिलाड़ियों के लिए बेस्ट
आईसीसी रैंकिंग के टॉप 10 में बने रहेने के लिए खिलाड़ी को कम से कम 750 रेटिंग प्वाइंट्स हासिल करने होते हैं. इसके साथ ही 500 रेटिंग प्वनाइंट्स वाले खिलाड़ियों को अच्छा खिलाड़ी माना जाता है. 900 या उससे अधिक रेटिंग प्वाइंट्स हासिल करने वाले खिलाड़ी को टॉप रैंकिंग वाले खिलाड़ियों के रूप में पहचाना जाता है.
दरअसल आईसीसी रैंकिंग की शुरुआत साल 1987 में हुई थी. उस समय रैंकिंग के लिए खिलाड़ियों की बल्लेबाजी औसत पर ध्यान दिया जाता था. उस समय की रैंकिंग में काफी ज्यादा कमियां सामने आती थीं, जिसके बाद उसमें समय-समय पर सुधार किया गया. आज आईसीसी रैंकिंग का पैमाना काफी विकसित और आधुनिकता से भरा हुआ है.
आपको बता दें कि बल्लेबाज और गेंदबाजी की रैंकिंग के इन आधारों को मिलाकर ऑलराउंड की रैंकिंग तय की जाती है, जबकि विकेटकीपर और फील्डर्स के लिए कोई रैंकिंग नहीं होती है. इसके साथ ही खिलाड़ी का टीम से बाहर हो जाया, प्रदर्शन न कर पाना या फिर संन्यास ले लेना उसे आईसीसी रैंकिंग की लिस्ट से बाहर कर देता है. आईसीसी टेस्ट रैंकिंग 12 घंटे बाद, वनडे रैंकिंग सीरीज खत्म होने के बाद और टी20 रैंकिंग हफ्ते के मंगलवार और बुधवार को अपडेट की जाती है.