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अक्षय तृतीया कब है? 29 या 30 अप्रैल को ? जानें खरीदारी का शुभ मुहूर्त - AKSHAYA TRITIYA 2025 DATE

अक्षय तृतीया, हिंदू धर्म का एक अत्यंत शुभ और पवित्र पर्व है. इस दिन किया गया दान, पूजा, जप और खरीदारी कभी व्यर्थ नहीं जाती.

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सांकेतिक फोटो (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 17, 2025 at 2:29 PM IST

3 Min Read

हैदराबाद: हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया 2025 का पावन पर्व मनाया जाता है. ये दिन अत्यंत शुभ माना जाता है और माना जाता है कि इस दिन किए गए कार्यों का फल कभी क्षय नहीं होता, बल्कि अक्षय रहता है. इस दिन जो भी शुभ कार्य, पूजा-पाठ या दान-पुण्य आदि किया जाता है, उसका फल हमेशा मिलता रहता है.

अक्षय तृतीया 2025 के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा अर्चना करने का विधान है. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और व्यक्ति का भंडार सदैव धन-धान्य से भरा रहता है. इस साल अक्षय तृतीया पर बेहद ही शुभ संयोग बनने जा रहा है, जो इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा देगा. तो आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा से अक्षय तृतीया की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से.

अक्षय तृतीया 2025: तिथि और मुहूर्त
अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 29 अप्रैल को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगा. तृतीया तिथि समाप्त 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर होगी.

अक्षय तृतीया की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. इस समय पूजा करना अति उत्तम और फलदायी माना जाता है.

अक्षय तृतीया 2025: शुभ योगों का अद्भुत संयोग
इस वर्ष अक्षय तृतीया पर बेहद ही शुभ संयोग बनने जा रहा है, जो इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा रहा है. अक्षय तृतीया के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. इसके साथ ही शोभन और रवि योग का भी दुर्लभ संयोग इस दिन बन रहा है.

अक्षय तृतीया पर सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. ऐसा माना जाता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा करने से सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है. इस शुभ योग में माता लक्ष्मी की पूजा करने से सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है.

30 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 2 मिनट तक शोभन योग रहेगा, जो शुभ कार्यों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है. वहीं, रवि योग शाम 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर पूरी रात रहेगा. रवि योग को भी अत्यंत शुभ माना जाता है और यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता लाता है.

यह भी पढ़ें- क्या आप आर्थिक और शारीरिक रूप से हैं परेशान? कहीं आपके कुंडली में तो नहीं कालसर्प दोष? जानें लक्ष्ण और उपाय

हैदराबाद: हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया 2025 का पावन पर्व मनाया जाता है. ये दिन अत्यंत शुभ माना जाता है और माना जाता है कि इस दिन किए गए कार्यों का फल कभी क्षय नहीं होता, बल्कि अक्षय रहता है. इस दिन जो भी शुभ कार्य, पूजा-पाठ या दान-पुण्य आदि किया जाता है, उसका फल हमेशा मिलता रहता है.

अक्षय तृतीया 2025 के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा अर्चना करने का विधान है. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और व्यक्ति का भंडार सदैव धन-धान्य से भरा रहता है. इस साल अक्षय तृतीया पर बेहद ही शुभ संयोग बनने जा रहा है, जो इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा देगा. तो आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा से अक्षय तृतीया की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से.

अक्षय तृतीया 2025: तिथि और मुहूर्त
अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 29 अप्रैल को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगा. तृतीया तिथि समाप्त 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर होगी.

अक्षय तृतीया की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. इस समय पूजा करना अति उत्तम और फलदायी माना जाता है.

अक्षय तृतीया 2025: शुभ योगों का अद्भुत संयोग
इस वर्ष अक्षय तृतीया पर बेहद ही शुभ संयोग बनने जा रहा है, जो इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा रहा है. अक्षय तृतीया के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. इसके साथ ही शोभन और रवि योग का भी दुर्लभ संयोग इस दिन बन रहा है.

अक्षय तृतीया पर सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. ऐसा माना जाता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा करने से सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है. इस शुभ योग में माता लक्ष्मी की पूजा करने से सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है.

30 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 2 मिनट तक शोभन योग रहेगा, जो शुभ कार्यों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है. वहीं, रवि योग शाम 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर पूरी रात रहेगा. रवि योग को भी अत्यंत शुभ माना जाता है और यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता लाता है.

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