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देवभूमि के इस मंदिर में बजरंग बली के 21 रूपों के होते हैं दर्शन, चिट्ठी लिखने से पूरी होती है मनोकामना - HANUMAN JANMOTSAV 2025

रामनगर स्थित हनुमान धाम में हनुमान जी के 21 रूपों के दर्शन होते हैं. जहां श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

Ramnagar Hanuman Temple
रामनगर हनुमान मंदिर (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 12, 2025 at 1:33 PM IST

2 Min Read

रामनगर (उत्तराखंड): आज पूरे देश के साथ ही उत्तराखंड में भी हनुमान जी का जन्मोत्सव बड़ी-धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं आज हमें आपको हनुमान जी के ऐसे दिव्य धाम के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां हनुमान जी के 21 रूपों के दर्शन होते हैं और साल भर इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. इसे देवभूमि का ‘पांचवां धाम’ भी कहा जाता है.

अगाध श्रद्धा का केंद्र हनुमान मंदिर: नैनीताल जिले के रामनगर स्थित हनुमान धाम श्रद्धालुओं की अगाध श्रद्धा का केंद्र है. श्रद्धालु यहां प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य के साथ ही भगवान हनुमान के 21 रूपों के एक साथ दर्शन करते हैं. मंदिर में शीश नवाने देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं.

हनुमान मंदिर में बड़ी तादाद में पहुंचते हैं श्रद्धालु (Video-ETV Bharat)

मनोकामनाएं लिखित रूप में देते हैं श्रद्धालु: हनुमान जी का यह दिव्य धाम रामनगर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी है. मंदिर में श्रद्धालु लिखित रूप में मनोकामनाएं हनुमान जी के सामने रखते हैं. मान्यता है कि सच्चे मन से मनौती मांगने पर श्रद्धालुओं की हर मुराद पूरी होती है. यही श्रद्धा भक्तों को यहां खींच लाती है.

हनुमान जी के इन रूपों का होता है दर्शन: मंदिर में हनुमान जी के 9 स्वरूप और 12 लीलाएं कलाकृतियों से दर्शायी गई हैं. मंदिर में हनुमान जी के बालरूप, राम भक्त रूप, संकट मोचन, वीर हनुमान, पंचमुखी हनुमान सहित अनेक रूपों के दर्शन होते हैं.

इस धाम की नींव सेवा और भक्ति के सिद्धांतों पर रखी गई, यही दो लक्ष्य हनुमान जी के जीवन का सार रहे हैं. मंदिर का हर हिस्सा इन आदर्शों को प्रतिबिंबित करता है. मंदिर का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनना नहीं है, बल्कि यह समाज को संस्कार और ऊर्जा देने का माध्यम भी है.
आचार्य विजय, मंदिर संरक्षक

आसानी से पहुंच सकते हैं इस हनुमान धाम में? हनुमान जी के इस धाम तक पहुंचना बेहद आसान है.नैनीताल जिले के रामनगर नजदीकी रेलवे स्टेशन है. इससे साथ ही श्रद्धालु हवाई सेवा से पंतनगर हवाई अड्डे तक पहुंच सकते हैं, जो काफी नजदीक है. सड़क मार्ग सुगम होने से श्रद्धालु आसानी से धाम तक पहुंच सकते हैं.

पढ़ें-12 साल बाद भक्तों के बीच पहुंचेंगी मां नंदा! आशीष देकर हिमालय होंगी रवाना, जानें रोचक कथा
पढ़ें-लाटू देवता मंदिर के कपाट खुले, आंखों पर पट्टी बांधकर पुजारी करते हैं पूजा

रामनगर (उत्तराखंड): आज पूरे देश के साथ ही उत्तराखंड में भी हनुमान जी का जन्मोत्सव बड़ी-धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं आज हमें आपको हनुमान जी के ऐसे दिव्य धाम के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां हनुमान जी के 21 रूपों के दर्शन होते हैं और साल भर इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. इसे देवभूमि का ‘पांचवां धाम’ भी कहा जाता है.

अगाध श्रद्धा का केंद्र हनुमान मंदिर: नैनीताल जिले के रामनगर स्थित हनुमान धाम श्रद्धालुओं की अगाध श्रद्धा का केंद्र है. श्रद्धालु यहां प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य के साथ ही भगवान हनुमान के 21 रूपों के एक साथ दर्शन करते हैं. मंदिर में शीश नवाने देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं.

हनुमान मंदिर में बड़ी तादाद में पहुंचते हैं श्रद्धालु (Video-ETV Bharat)

मनोकामनाएं लिखित रूप में देते हैं श्रद्धालु: हनुमान जी का यह दिव्य धाम रामनगर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी है. मंदिर में श्रद्धालु लिखित रूप में मनोकामनाएं हनुमान जी के सामने रखते हैं. मान्यता है कि सच्चे मन से मनौती मांगने पर श्रद्धालुओं की हर मुराद पूरी होती है. यही श्रद्धा भक्तों को यहां खींच लाती है.

हनुमान जी के इन रूपों का होता है दर्शन: मंदिर में हनुमान जी के 9 स्वरूप और 12 लीलाएं कलाकृतियों से दर्शायी गई हैं. मंदिर में हनुमान जी के बालरूप, राम भक्त रूप, संकट मोचन, वीर हनुमान, पंचमुखी हनुमान सहित अनेक रूपों के दर्शन होते हैं.

इस धाम की नींव सेवा और भक्ति के सिद्धांतों पर रखी गई, यही दो लक्ष्य हनुमान जी के जीवन का सार रहे हैं. मंदिर का हर हिस्सा इन आदर्शों को प्रतिबिंबित करता है. मंदिर का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनना नहीं है, बल्कि यह समाज को संस्कार और ऊर्जा देने का माध्यम भी है.
आचार्य विजय, मंदिर संरक्षक

आसानी से पहुंच सकते हैं इस हनुमान धाम में? हनुमान जी के इस धाम तक पहुंचना बेहद आसान है.नैनीताल जिले के रामनगर नजदीकी रेलवे स्टेशन है. इससे साथ ही श्रद्धालु हवाई सेवा से पंतनगर हवाई अड्डे तक पहुंच सकते हैं, जो काफी नजदीक है. सड़क मार्ग सुगम होने से श्रद्धालु आसानी से धाम तक पहुंच सकते हैं.

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