
दशहरे पर इन स्थानों पर जलाएं दीपक, धन-वैभव में होगी वृद्धि, मां लक्ष्मी करेंगी विशेष कृपा
दशहरे पर दसों दिशाओं में दीपक जलाना बेहद शुभ माना गया है. यह उपाय नकारात्मकता दूर कर सुख-शांति, प्रगति और धन-वैभव को आकर्षित करता है.

Published : October 2, 2025 at 10:48 AM IST
हैदराबाद: दशहरा का पर्व पूरे देश में श्रद्धा, आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह त्योहार अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि दशहरे के दिन माता दुर्गा और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. इस दिन विशेष पूजा और हवन के साथ-साथ कुछ खास उपाय करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और आर्थिक प्रगति के द्वार खुलते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दशहरे पर कुछ खास जगहों पर दीपक जलाने से विशेष फल प्राप्त होते हैं.
शमी के पेड़ के नीचे दीपदान
शमी का वृक्ष विजय, सौभाग्य और धन का प्रतीक माना जाता है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने लंका विजय से पहले शमी के पेड़ की पूजा की थी. दशहरे के दिन शमी के वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाने से जीवन में सफलता और धन की प्राप्ति होती है.
मुख्य द्वार पर दीपक जलाना
घर का मुख्य द्वार केवल प्रवेश का स्थान नहीं, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा और मां लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है. दशहरे के दिन मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से राहु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और जीवन में शुभता का संचार होता है.

पूजा स्थान पर अखंड दीपक
दशहरे की रात घर के पूजा स्थल पर घी का अखंड दीपक जलाने की परंपरा है. ऐसा करने से घर में शांति, सुख और स्थिरता बनी रहती है. मान्यता है कि यदि दीपक रातभर जलता रहे तो जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है और परिवार पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.
तुलसी के पौधे के नीचे दीपदान
तुलसी का पौधा मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. दशहरे की शाम को तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में समृद्धि आती है और आर्थिक संकट दूर होते हैं.

दीपक जलाने की पांच शुभ दिशाएं
- उत्तर दिशा – इसे धन और ऐश्वर्य की दिशा माना जाता है. यहां दीपक जलाने से आर्थिक उन्नति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है.
- पूर्व दिशा – यह दिशा लंबी आयु और उत्तम स्वास्थ्य का प्रतीक मानी गई है. यहां दीपक जलाना आयु वृद्धि और आरोग्य लाभ के लिए शुभ फलदायी होता है.
- दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) – यह अग्नि और ऊर्जा से जुड़ा क्षेत्र है. इस स्थान पर दीपदान करने से स्वास्थ्य में सुधार और जीवन में उत्साह बढ़ता है.
- दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) – इस दिशा को स्थिरता और संबंधों की मजबूती से जोड़ा जाता है. यहां दीपक जलाने से दांपत्य जीवन और पारिवारिक रिश्तों में संतुलन और सुख बढ़ता है.
- पश्चिम दिशा – यह दिशा प्रगति और समृद्धि की ओर ले जाने वाली मानी जाती है. इस ओर दीपक जलाने से कार्यक्षेत्र में सफलता और तरक्की मिलती है.
दीपक जलाते समय 'ॐ अपराजितायै नमः' मंत्र का जाप करें और मां दुर्गा से जीवन के हर क्षेत्र में विजय और वैभव प्रदान करने की प्रार्थना करें. यह सरल उपाय आपके पूरे साल को मंगलमय बना सकता है.
ज्योतिषाचार्य की राय
ज्योतिषाचार्य डॉ. राघव शास्त्री कहते हैं, दशहरे के दिन दीपदान का विशेष महत्व है. यह केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि ऊर्जा संतुलन और मानसिक शांति के लिए भी लाभकारी है. घर के प्रमुख स्थानों जैसे मुख्य द्वार, पूजा स्थल, शमी का पेड़ और तुलसी के पौधे पर दीपक जलाने से जीवन में सकारात्मकता और धन वृद्धि होती है. दशहरा का पर्व हमें यह संदेश देता है कि हम अपने भीतर की नकारात्मकताओं को दूर कर प्रकाश और सद्गुणों को अपनाएं.
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