हैदराबाद: आज 27 अप्रैल, 2025 रविवार, के दिन वैशाख महीने की अमावस्या तिथि है. इसे अंधकार का दिन कहा जाता है. माता काली इस दिन पर शासन करती हैं. ध्यान करने, लोगों को दान करने और जानवरों को खिलाने के साथ पूर्वजों की पूजा करने का ये एक सबसे अच्छा दिन है. इस दिन विवाह समारोह या कोई नई शुरुआत नहीं करनी चाहिए. बल्कि, नई शुरुआत के लिए चंद्रोदय की प्रतीक्षा करें. आज दर्श अमावस्या है, जिसे वैशाख अमावस्या भी कहते हैं.
27 अप्रैल का पंचांग
- विक्रम संवत : 2081
- मास : वैशाख
- पक्ष : कृष्ण पक्ष
- दिन : रविवार
- तिथि : अमावस्या
- योग : प्रीति
- नक्षत्र : अश्विनी
- करण : चतुष्पाद
- चंद्र राशि : मेष
- सूर्य राशि : मेष
- सूर्योदय : सुबह 06:09 बजे
- सूर्यास्त : शाम 07:05 बजे
- चंद्रोदय : सुबह 5.43 बजे (28 अप्रैल)
- चंद्रास्त : शाम 6.35 बजे
- राहुकाल : 17:28 से 19:04
- यमगंड : 12:37 से 14:14
धार्मिक गतिविधियों के लिए उपयुक्त है नक्षत्र
आज के दिन चंद्रमा मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में रहेंगे. नक्षत्र गणना में अश्विनी पहला नक्षत्र है. इसका विस्तार मेष राशि में 0 से 13.2 डिग्री तकहोता है. इसके देवता अश्विनी कुमार हैं, जो जुड़वा देवता हैं और देवताओं के चिकित्सक के रूप में प्रसिद्ध हैं. इसका स्वामी ग्रह केतु है. यह नक्षत्र यात्रा करने, हीलिंग, ज्वेलरी बनाने, अध्ययन की शुरुआत, वाहन खरीदने/बेचने के लिए अच्छा माना जाता है. नक्षत्र का वर्ण हल्का और तेज होता है. खेल, सजावट और ललित कला, व्यापार, खरीदारी, शारीरिक व्यायाम, गहने पहनने और निर्माण या व्यापार शुरू करने, शिक्षा और शिक्षण, दवाएं लेने, ऋण देने और लेने, धार्मिक गतिविधियों, विलासिता की वस्तुओं का आनंद लेने आदि कार्य भी इस नक्षत्र में किए जा सकते हैं.
आज के दिन का वर्जित समय
आज के दिन 17:28 से 19:04 बजे तक राहुकाल रहेगा. ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा. इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् से भी परहेज करना चाहिए.