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ट्रंप 2.0 : भारत और दुनिया के दूसरे देशों पर क्या पड़ेगा असर, समझें - DONALD TRUMP FOREIGN POLICY

डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल कैसा होगा, उसकी तस्वीर सामने आने लगी है. इसको लेकर पूरी दुनिया में चिंता है.

Donald Trump Second Term Impact
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 11 मार्च कोव्हाइट हाउस के साउथ लॉन पर वाहन से बाहर निकलते हुए. (AP)
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By Vivek Mishra

Published : March 12, 2025 at 5:27 PM IST

6 Min Read

हैदराबादः डोनाल्ड ट्रंप शासन के पहले 50 दिन पूरे होने के साथ ही उनकी नीतियों की एक स्पष्ट तस्वीर उभरने लगी है. 4 मार्च को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने अपने शासन के नए दौर की झलक पेश की. हालांकि उनकी नीतियां मुख्य रूप से घरेलू मुद्दों पर केंद्रित रहीं, लेकिन अमेरिका के वैश्विक प्रभाव (आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य) को देखते हुए, इनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी असर पड़ना तय है.

ट्रंप सरकार की प्राथमिकताएं तयः ट्रंप प्रशासन अपनी नीतियों को लागू करने के लिए कार्यकारी आदेश (Executive Orders) का जमकर इस्तेमाल कर रहा है. कार्यकारी आदेश राष्ट्रपति द्वारा जारी किए गए निर्देश होते हैं, जो कांग्रेस की विधायी प्रक्रिया का विकल्प तो नहीं होते, लेकिन सरकार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं. ट्रंप ने पहले सौ दिनों में किसी भी अन्य राष्ट्रपति की तुलना में अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं. ये निर्णय जो बिडेन के कार्यकाल की नीतियों के विपरीत हैं. आधुनिक इतिहास में किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा दिए गए सबसे लंबे भाषणों में से एक में ट्रंप ने अपने वादों को पूरा करने के अभियान पर मुहर लगायी है.

Donald Trump Second Term Impact
डोनाल्ड टंप जर्मनी के हैम्बर्ग में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ. (फाइल फोटो) (AP)

विदेशी सहायता पर रोकः ट्रंप ने किसी भी संघीय नियुक्ति के साथ-साथ विदेशी सहायता पर भी रोक लगा दी है. जिससे न केवल महत्वपूर्ण और समय पर सहायता प्रभावित हो रही है बल्कि विदेशों में अमेरिका की शक्ति और प्रभाव भी कम हो रहा है. हालांकि, वाशिंगटन में नीति और दृष्टिकोण में पूर्ण परिवर्तन से ट्रंप प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे बड़े मुद्दे पर अधिक से अधिक ध्यान केंद्रित हो रहा है. क्या अमेरिका को दुनिया का डॉक्टर, पुलिसकर्मी और सबसे बढ़कर 'अंकल सैम' बनने की आवश्यकता है?

ट्रंप की टीम में मतभेदः ट्रंप की टीम के भीतर मतभेद बढ़ रहे हैं. विशेष रूप से विदेश मंत्री मार्को रुबियो और एलोन मस्क के बीच. मस्क नवगठित सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का नेतृत्व कर रहे हैं. पड़ोसी देशों कनाडा और मैक्सिको के साथ बढ़ते टैरिफ वार, घरेलू स्तर पर बढ़ती मुद्रास्फीति का खतरा के अलावा रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण ट्रम्प की नीतिगत बदलावों की तीव्र गति पर असर पड़ सकता है.

DOGE बनाने का निर्णय भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने और पैसे बचाने के लिए लिया गया था. अनुमान लगाया गया था कि सरकार या तो गहरे कर्ज में डूब जाएगी. इनमें से कुछ बदलावों के बहुत बड़े होने की उम्मीद थी, और ऐसा ही हुआ. यह तथ्य कि अगले चार वर्षों तक अमेरिका आंतरिक रूप से उन्मुख होने जा रहा है, अब स्पष्ट है. मित्रों, भागीदारों के साथ सबसे अधिक व्यापारिक तरीके से व्यवहार किया जाएगा, जिसमें केवल दो प्रश्न तय किए जाने वाले हैं. महत्वपूर्ण यह है कि दूसरा पक्ष मेज पर क्या लाता है और इससे संयुक्त राज्य अमेरिका को क्या लाभ होता है?

आंतरिक रूप से, संयुक्त राज्य अमेरिका एक गहरे विभाजनकारी राजनीतिक भविष्य की ओर बढ़ रहा है. जिसमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियां बहुत ही कम अंतर से विभाजित हैं. भले ही रिपब्लिकन सीनेट और रिपब्लिकन के सदन दोनों को नियंत्रित करते हैं, लेकिन यह केवल बहुत कम अंतर से है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में अगले साल होने वाले मध्यावधि चुनावों में एक या दूसरे पक्ष में जा सकता है. तब तक, ट्रम्प प्रशासन तेजी से बदलाव लाने का प्रयास कर सकते हैं.

Donald Trump Second Term Impact
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बीजिंग में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात करते हुए (फाइल फोटो) (AP)

बाहरी तौर पर, अमेरिका की भूमिका में बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है. भले ही वह द्विपक्षीय, बहुपक्षीय, आर्थिक और सैन्य मुद्दों पर खुद को फिर से स्थापित कर रहा हो. अमेरिकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव, जैसा कि पिछले कुछ हफ्तों में इसके उतार-चढ़ाव से स्पष्ट है. प्रमुख बदलावों में से एक ट्रांस-अटलांटिक सुरक्षा और विस्तार से यूक्रेन के लिए इसके समर्थन पर अमेरिका की बदलती स्थिति है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और अमेरिकी नेताओं डोनाल्ड ट्रंप के बीच ओवल ऑफिस में हुए कूटनीतिक टकराव ने एक दृढ़ वाशिंगटन को दर्शाया. जो यूरोप के लिए सुरक्षा की गारंटी के लिए अपने रास्ते को बदलने के लिए दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है.

तात्कालिक रूप से, वाशिंगटन का दृष्टिकोण सीधे तौर पर इस बात को प्रभावित कर सकता है कि यूरोप में चल रहा युद्ध किस तरह आगे बढ़ता है. ट्रंप का कहना है कि अमेरिका किसी भी कीमत पर युद्ध को रोकना चाहता है. युद्ध विराम हासिल करना उसका प्राथमिक लक्ष्य बना हुआ है. यह अमेरिका की ओर से एक व्यावहारिक कदम हो सकता है, लेकिन यह यूक्रेन के लिए मुसीबत पैदा कर सकती है. इसके अलावा, मॉस्को ने यह संकेत नहीं दिया है कि वह युद्ध विराम पर बातचीत के लिए तैयार है. जब ये जटिलताएं सामने आ रही हैं, तो दुनिया भर में अमेरिका के अन्य सहयोगी और साझेदार सांस रोककर देख रहे हैं.

Donald Trump Second Term Impact
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क 11 मार्च 2025 को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए. (AP)

भारत-अमेरिका व्यापार का भविष्यः फरवरी में जब प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी नेता से मुलाकात की थी, तब ट्रंप के साथ जल्दी बैठक की मांग करना भारत की ओर से कूटनीतिक रूप से समझदारी भरा कदम हो सकता है. चूंकि ट्रंप प्रशासन सभी देशों के साथ व्यापार और टैरिफ के मुद्दों पर अपना रुख सख्त कर रहा है, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता किस तरह आगे बढ़ती है. खासकर तब जब ट्रंप के दिमाग में अमेरिका के साथ भारत का 40 बिलियन डॉलर से अधिक का व्यापार अधिशेष छाया हुआ है.

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हैदराबादः डोनाल्ड ट्रंप शासन के पहले 50 दिन पूरे होने के साथ ही उनकी नीतियों की एक स्पष्ट तस्वीर उभरने लगी है. 4 मार्च को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने अपने शासन के नए दौर की झलक पेश की. हालांकि उनकी नीतियां मुख्य रूप से घरेलू मुद्दों पर केंद्रित रहीं, लेकिन अमेरिका के वैश्विक प्रभाव (आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य) को देखते हुए, इनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी असर पड़ना तय है.

ट्रंप सरकार की प्राथमिकताएं तयः ट्रंप प्रशासन अपनी नीतियों को लागू करने के लिए कार्यकारी आदेश (Executive Orders) का जमकर इस्तेमाल कर रहा है. कार्यकारी आदेश राष्ट्रपति द्वारा जारी किए गए निर्देश होते हैं, जो कांग्रेस की विधायी प्रक्रिया का विकल्प तो नहीं होते, लेकिन सरकार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं. ट्रंप ने पहले सौ दिनों में किसी भी अन्य राष्ट्रपति की तुलना में अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं. ये निर्णय जो बिडेन के कार्यकाल की नीतियों के विपरीत हैं. आधुनिक इतिहास में किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा दिए गए सबसे लंबे भाषणों में से एक में ट्रंप ने अपने वादों को पूरा करने के अभियान पर मुहर लगायी है.

Donald Trump Second Term Impact
डोनाल्ड टंप जर्मनी के हैम्बर्ग में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ. (फाइल फोटो) (AP)

विदेशी सहायता पर रोकः ट्रंप ने किसी भी संघीय नियुक्ति के साथ-साथ विदेशी सहायता पर भी रोक लगा दी है. जिससे न केवल महत्वपूर्ण और समय पर सहायता प्रभावित हो रही है बल्कि विदेशों में अमेरिका की शक्ति और प्रभाव भी कम हो रहा है. हालांकि, वाशिंगटन में नीति और दृष्टिकोण में पूर्ण परिवर्तन से ट्रंप प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे बड़े मुद्दे पर अधिक से अधिक ध्यान केंद्रित हो रहा है. क्या अमेरिका को दुनिया का डॉक्टर, पुलिसकर्मी और सबसे बढ़कर 'अंकल सैम' बनने की आवश्यकता है?

ट्रंप की टीम में मतभेदः ट्रंप की टीम के भीतर मतभेद बढ़ रहे हैं. विशेष रूप से विदेश मंत्री मार्को रुबियो और एलोन मस्क के बीच. मस्क नवगठित सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का नेतृत्व कर रहे हैं. पड़ोसी देशों कनाडा और मैक्सिको के साथ बढ़ते टैरिफ वार, घरेलू स्तर पर बढ़ती मुद्रास्फीति का खतरा के अलावा रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण ट्रम्प की नीतिगत बदलावों की तीव्र गति पर असर पड़ सकता है.

DOGE बनाने का निर्णय भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने और पैसे बचाने के लिए लिया गया था. अनुमान लगाया गया था कि सरकार या तो गहरे कर्ज में डूब जाएगी. इनमें से कुछ बदलावों के बहुत बड़े होने की उम्मीद थी, और ऐसा ही हुआ. यह तथ्य कि अगले चार वर्षों तक अमेरिका आंतरिक रूप से उन्मुख होने जा रहा है, अब स्पष्ट है. मित्रों, भागीदारों के साथ सबसे अधिक व्यापारिक तरीके से व्यवहार किया जाएगा, जिसमें केवल दो प्रश्न तय किए जाने वाले हैं. महत्वपूर्ण यह है कि दूसरा पक्ष मेज पर क्या लाता है और इससे संयुक्त राज्य अमेरिका को क्या लाभ होता है?

आंतरिक रूप से, संयुक्त राज्य अमेरिका एक गहरे विभाजनकारी राजनीतिक भविष्य की ओर बढ़ रहा है. जिसमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियां बहुत ही कम अंतर से विभाजित हैं. भले ही रिपब्लिकन सीनेट और रिपब्लिकन के सदन दोनों को नियंत्रित करते हैं, लेकिन यह केवल बहुत कम अंतर से है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में अगले साल होने वाले मध्यावधि चुनावों में एक या दूसरे पक्ष में जा सकता है. तब तक, ट्रम्प प्रशासन तेजी से बदलाव लाने का प्रयास कर सकते हैं.

Donald Trump Second Term Impact
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बीजिंग में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात करते हुए (फाइल फोटो) (AP)

बाहरी तौर पर, अमेरिका की भूमिका में बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है. भले ही वह द्विपक्षीय, बहुपक्षीय, आर्थिक और सैन्य मुद्दों पर खुद को फिर से स्थापित कर रहा हो. अमेरिकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव, जैसा कि पिछले कुछ हफ्तों में इसके उतार-चढ़ाव से स्पष्ट है. प्रमुख बदलावों में से एक ट्रांस-अटलांटिक सुरक्षा और विस्तार से यूक्रेन के लिए इसके समर्थन पर अमेरिका की बदलती स्थिति है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और अमेरिकी नेताओं डोनाल्ड ट्रंप के बीच ओवल ऑफिस में हुए कूटनीतिक टकराव ने एक दृढ़ वाशिंगटन को दर्शाया. जो यूरोप के लिए सुरक्षा की गारंटी के लिए अपने रास्ते को बदलने के लिए दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है.

तात्कालिक रूप से, वाशिंगटन का दृष्टिकोण सीधे तौर पर इस बात को प्रभावित कर सकता है कि यूरोप में चल रहा युद्ध किस तरह आगे बढ़ता है. ट्रंप का कहना है कि अमेरिका किसी भी कीमत पर युद्ध को रोकना चाहता है. युद्ध विराम हासिल करना उसका प्राथमिक लक्ष्य बना हुआ है. यह अमेरिका की ओर से एक व्यावहारिक कदम हो सकता है, लेकिन यह यूक्रेन के लिए मुसीबत पैदा कर सकती है. इसके अलावा, मॉस्को ने यह संकेत नहीं दिया है कि वह युद्ध विराम पर बातचीत के लिए तैयार है. जब ये जटिलताएं सामने आ रही हैं, तो दुनिया भर में अमेरिका के अन्य सहयोगी और साझेदार सांस रोककर देख रहे हैं.

Donald Trump Second Term Impact
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क 11 मार्च 2025 को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए. (AP)

भारत-अमेरिका व्यापार का भविष्यः फरवरी में जब प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी नेता से मुलाकात की थी, तब ट्रंप के साथ जल्दी बैठक की मांग करना भारत की ओर से कूटनीतिक रूप से समझदारी भरा कदम हो सकता है. चूंकि ट्रंप प्रशासन सभी देशों के साथ व्यापार और टैरिफ के मुद्दों पर अपना रुख सख्त कर रहा है, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता किस तरह आगे बढ़ती है. खासकर तब जब ट्रंप के दिमाग में अमेरिका के साथ भारत का 40 बिलियन डॉलर से अधिक का व्यापार अधिशेष छाया हुआ है.

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