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ऐसे करें असली आम की पहचान, वरना केमिकल से बने आम खाकर हो जाएंगे बीमार - HOW TO IDENTIFY REAL VS FAKE MANGO

बाजार में आम की कई मशहूर किस्में हैं जिन्हें लोग खूब पसंद करते हैं. ऐसे में जानें असली और नकली आम की पहचान कैसे करें...

This is how you can identify real mangoes, otherwise you will get sick by eating mangoes made from chemicals
ऐसे करें असली आम की पहचान, वरना केमिकल से बने आम खाकर हो जाएंगे बीमार (GETTY IMAGES)
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By ETV Bharat Lifestyle Team

Published : April 26, 2025 at 5:03 PM IST

Updated : April 28, 2025 at 8:59 AM IST

5 Min Read

नकली आम, जिसे आर्टिफिशियल तौर से पका हुआ आम भी कहा जाता है, दरअसल, नकला आम का मतलब यह है कि नेचुरल तरीकों के बजाय कैल्शियम कार्बाइड या एथेफॉन जैसे हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल करके असली आमों को पकाने को संदर्भित करता है. विशेषज्ञों के अनुसार, हर साल सैकड़ों किलोग्राम आम आर्टिफिशिय रूप से पकाए जाते हैं और मौसम शुरू होने से पहले मांग को पूरा करने के लिए बाजार में भेजे जाते हैं. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अनुसार, खरीदारों को आम खरीदने से पहले उसके रंग-रूप, स्पर्श, गंध और गुणवत्ता पर ध्यान देना और रासायनिक रूप से पके आमों को खरीदने से बचना चाहिए . इसके लिए आमों को पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे कॉमन केमिकल्स पर एक नजर डालते हैं.

This is how you can identify real mangoes, otherwise you will get sick by eating mangoes made from chemicals
ऐसे करें असली आम की पहचान, वरना केमिकल से बने आम खाकर हो जाएंगे बीमार (GETTY IMAGES)

विशेषज्ञों के अनुसार, आम को पकाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला केमिकल एजेंट कैल्शियम कार्बाइड है. इसमें आर्सेनिक और फॉस्फोरस जैसी अशुद्धियां होती हैं, जो इसे बेहद हानिकारक बनाती हैं. यह सिरदर्द, चक्कर आना, मतली और यहां तक कि कैंसर जैसी दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. एक और केमिकल जिसका आमतौर पर उपयोग किया जाता है वह है एथिलीन गैस. यह एक रंगहीन, ज्वलनशील गैस है, जिसका केमिकल फार्मूला C2H4 है. यह एक नेचुरल प्लांट हार्मोन है. इसे आमतौर पर फलों को पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसका अधिक उपयोग मानव शरीर के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.

This is how you can identify real mangoes, otherwise you will get sick by eating mangoes made from chemicals
ऐसे करें असली आम की पहचान, वरना केमिकल से बने आम खाकर हो जाएंगे बीमार (GETTY IMAGES)

इसके साथ ही आम को समय से पहले पकाने के लिए एथेफोन एक क्लोरोइथाइलफॉस्फोनिक एसिड का किया जाता है. यह केमिकल लिवर या किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है. आम को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड से निकलने वाली एसिटिलीन गैस का भी उपयोग किया जाता है. मानव शरीर के लिए ये केमिकल भी काफी ज्यादा हानिकारक होता है.

This is how you can identify real mangoes, otherwise you will get sick by eating mangoes made from chemicals
ऐसे करें असली आम की पहचान, वरना केमिकल से बने आम खाकर हो जाएंगे बीमार (GETTY IMAGES)

इन तरीकों से करें नकली या आर्टिफिशियल तरीके से पकाए गए आमों की पहचान

  • छिलके का रंग जांचें: आर्टिफिशियल तरीके से पके आमों का रंग एक समान होता है और वे नेचुरल रूप से पके आमों की तुलना में अधिक पीले या नारंगी दिखाई दे सकते हैं. ऐसे आर्टिफिशियल आम थोड़े चमकदार भी दिख सकते हैं.
  • आम को सूंघें: नेचुरल तरीके से पके आमों में मीठी, फल जैसी गंध होती है, जबकि आर्टिफिशियल रूप से पके आमों में कोई रसायन या अलग गंध हो सकती है.
  • वजन की जांच करें: आर्टिफिशियल रूप से पकाए गए आम नेचुरल तरीके से पके आमों की तुलना में नरम या गूदेदार लग सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पकने की प्रक्रिया में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन फलों की सेल वॉल को तोड़ सकते हैं, जिससे वे नरम हो जाते हैं.
  • बाहरी नुकसान की जांच करें: अगर आमों में रसायनों के इंजेक्शन के कारण बाहरी क्षति, जैसे खरोंच या धब्बे हैं, तो उन्हें न लें. नेचुरल आमों में इस तरह के बाहरी दाग ​​होने की संभावना कम होती है
  • स्वाद की जांच करें: विशेषज्ञों के अनुसार, आर्टिफिशियल तरीके से पकाए गए आमों का स्वाद फीका या अजीब हो सकता है. अगर आम का स्वाद खराब है या बाद में अनप्लेजेंट टेस्ट आता है, तो हो सकता है कि इसे आर्टिफिशियल तरीके से पकाया गया हो.
  • पानी में डालकर जांच करें: आमों को पानी की एक बाल्टी में डालें. अगर आम पानी में डूब जाते हैं, तो वे नेचुरल तरीके से पके हुए हैं और अगर वे तैरते हैं, तो उन्हें आर्टिफिशियल तरीके से पकाया गया है.
  • बेकिंग सोडा का उपयोग करें: पानी में थोड़ा बेकिंग सोडा डालें और फिर आमों को मिश्रण में 15-20 मिनट के लिए भिगोएं. भिगोने के बाद, जब आप आमों को धो लें, और अगर आम का रंग बदल जाता है, तो संभावना है कि उन्हें रासायनिक रूप से उपचारित या पॉलिश किया गया है.
  • माचिस की तीली से टेस्ट: अल्फांसो मैंगो वेबसाइट के अनुसार, कोई भी इस टेस्ट का उपयोग कर सकता है. आपको बस एक माचिस की तीली जलाकर आम के डिब्बे के पास ले जाना है, और अगर उस पर रासायनिक उपचार किया गया है, तो वह आग पकड़ सकता है या भोजन की सतह पर चमक के निशान छोड़ सकता है. यह तरीका बहुत रिस्क भरा है. इसलिए, अपने रिस्क पर और विशेषज्ञों की देखरेख में करें.

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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नकली आम, जिसे आर्टिफिशियल तौर से पका हुआ आम भी कहा जाता है, दरअसल, नकला आम का मतलब यह है कि नेचुरल तरीकों के बजाय कैल्शियम कार्बाइड या एथेफॉन जैसे हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल करके असली आमों को पकाने को संदर्भित करता है. विशेषज्ञों के अनुसार, हर साल सैकड़ों किलोग्राम आम आर्टिफिशिय रूप से पकाए जाते हैं और मौसम शुरू होने से पहले मांग को पूरा करने के लिए बाजार में भेजे जाते हैं. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अनुसार, खरीदारों को आम खरीदने से पहले उसके रंग-रूप, स्पर्श, गंध और गुणवत्ता पर ध्यान देना और रासायनिक रूप से पके आमों को खरीदने से बचना चाहिए . इसके लिए आमों को पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे कॉमन केमिकल्स पर एक नजर डालते हैं.

This is how you can identify real mangoes, otherwise you will get sick by eating mangoes made from chemicals
ऐसे करें असली आम की पहचान, वरना केमिकल से बने आम खाकर हो जाएंगे बीमार (GETTY IMAGES)

विशेषज्ञों के अनुसार, आम को पकाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला केमिकल एजेंट कैल्शियम कार्बाइड है. इसमें आर्सेनिक और फॉस्फोरस जैसी अशुद्धियां होती हैं, जो इसे बेहद हानिकारक बनाती हैं. यह सिरदर्द, चक्कर आना, मतली और यहां तक कि कैंसर जैसी दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. एक और केमिकल जिसका आमतौर पर उपयोग किया जाता है वह है एथिलीन गैस. यह एक रंगहीन, ज्वलनशील गैस है, जिसका केमिकल फार्मूला C2H4 है. यह एक नेचुरल प्लांट हार्मोन है. इसे आमतौर पर फलों को पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसका अधिक उपयोग मानव शरीर के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.

This is how you can identify real mangoes, otherwise you will get sick by eating mangoes made from chemicals
ऐसे करें असली आम की पहचान, वरना केमिकल से बने आम खाकर हो जाएंगे बीमार (GETTY IMAGES)

इसके साथ ही आम को समय से पहले पकाने के लिए एथेफोन एक क्लोरोइथाइलफॉस्फोनिक एसिड का किया जाता है. यह केमिकल लिवर या किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है. आम को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड से निकलने वाली एसिटिलीन गैस का भी उपयोग किया जाता है. मानव शरीर के लिए ये केमिकल भी काफी ज्यादा हानिकारक होता है.

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ऐसे करें असली आम की पहचान, वरना केमिकल से बने आम खाकर हो जाएंगे बीमार (GETTY IMAGES)

इन तरीकों से करें नकली या आर्टिफिशियल तरीके से पकाए गए आमों की पहचान

  • छिलके का रंग जांचें: आर्टिफिशियल तरीके से पके आमों का रंग एक समान होता है और वे नेचुरल रूप से पके आमों की तुलना में अधिक पीले या नारंगी दिखाई दे सकते हैं. ऐसे आर्टिफिशियल आम थोड़े चमकदार भी दिख सकते हैं.
  • आम को सूंघें: नेचुरल तरीके से पके आमों में मीठी, फल जैसी गंध होती है, जबकि आर्टिफिशियल रूप से पके आमों में कोई रसायन या अलग गंध हो सकती है.
  • वजन की जांच करें: आर्टिफिशियल रूप से पकाए गए आम नेचुरल तरीके से पके आमों की तुलना में नरम या गूदेदार लग सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पकने की प्रक्रिया में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन फलों की सेल वॉल को तोड़ सकते हैं, जिससे वे नरम हो जाते हैं.
  • बाहरी नुकसान की जांच करें: अगर आमों में रसायनों के इंजेक्शन के कारण बाहरी क्षति, जैसे खरोंच या धब्बे हैं, तो उन्हें न लें. नेचुरल आमों में इस तरह के बाहरी दाग ​​होने की संभावना कम होती है
  • स्वाद की जांच करें: विशेषज्ञों के अनुसार, आर्टिफिशियल तरीके से पकाए गए आमों का स्वाद फीका या अजीब हो सकता है. अगर आम का स्वाद खराब है या बाद में अनप्लेजेंट टेस्ट आता है, तो हो सकता है कि इसे आर्टिफिशियल तरीके से पकाया गया हो.
  • पानी में डालकर जांच करें: आमों को पानी की एक बाल्टी में डालें. अगर आम पानी में डूब जाते हैं, तो वे नेचुरल तरीके से पके हुए हैं और अगर वे तैरते हैं, तो उन्हें आर्टिफिशियल तरीके से पकाया गया है.
  • बेकिंग सोडा का उपयोग करें: पानी में थोड़ा बेकिंग सोडा डालें और फिर आमों को मिश्रण में 15-20 मिनट के लिए भिगोएं. भिगोने के बाद, जब आप आमों को धो लें, और अगर आम का रंग बदल जाता है, तो संभावना है कि उन्हें रासायनिक रूप से उपचारित या पॉलिश किया गया है.
  • माचिस की तीली से टेस्ट: अल्फांसो मैंगो वेबसाइट के अनुसार, कोई भी इस टेस्ट का उपयोग कर सकता है. आपको बस एक माचिस की तीली जलाकर आम के डिब्बे के पास ले जाना है, और अगर उस पर रासायनिक उपचार किया गया है, तो वह आग पकड़ सकता है या भोजन की सतह पर चमक के निशान छोड़ सकता है. यह तरीका बहुत रिस्क भरा है. इसलिए, अपने रिस्क पर और विशेषज्ञों की देखरेख में करें.

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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Last Updated : April 28, 2025 at 8:59 AM IST
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