ETV Bharat / lifestyle

भारत के इन मंदिरों में केवल हिंदू ही कर सकते हैं एंट्री, पूर्व प्रधानमंत्री को प्रवेश करने भी रोका गया था, जानें क्यों? - NON HINDU BAN IN TEMPLE

भारत में ऐसे बहुत से मंदिर हैं जहां पर सिर्फ हिंदुओं को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमती है. जानें कौन-से हैं वे प्रसिद्ध मंदिर...

Only Hindus can enter these temples of India, even the former Prime Minister was stopped from entering,
भारत के इन मंदिरों में केवल हिंदू ही कर सकते हैं एंट्री, पूर्व प्रधानमंत्री को प्रवेश करने भी रोका गया था, जानें क्यों? (GETTY IMAGES)
author img

By ETV Bharat Lifestyle Team

Published : March 24, 2025 at 5:50 PM IST

5 Min Read

भारत में कई मंदिर अपनी मान्यताओं के कारण चर्चा में रहे हैं. भारत में कई चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर हैं. जिनके बारे में खुद साइंटिस्ट भी जानकर हैरान रह जाते हैं. इन रहस्यमयी मंदिरों के साथ-साथ कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जिनके कायदे-कानून काफी कड़े हैं. मंदिर में प्रवेश के नियमों से लेकर भक्तों के पहनने वाले कपड़ों तक को लेकर कई तरह के रूल्स और रेगुलेशन हैं. हालांकि, कई मंदिर ऐसे भी हैं जहां सिर्फ हिंदुओं को ही मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति है. गैर-हिंदुओं या नास्तिकों को इन मंदिरों में प्रवेश की अनुमति नहीं है. आइए आज जानते हैं उन मंदिरों के बारे में जहां गैर-हिंदुओं या किसी अन्य धर्म के लोगों का प्रवेश वर्जित है...

इसमें सबसे पहला नाम आता है...

तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश: तिरुमाला कलियुग के देवता भगवान वेंकटेश्वर स्वामी का निवास स्थान है. यह भारत का सबसे अमीर हिंदू मंदिर में से एक है. हिंदुओं के अलावा अन्य धर्मों के लोगों का इस मंदिर में प्रवेश वर्जित है. अगर अन्य धर्मों के लोग श्रीवारी मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं, तो उन्हें भगवान वेंकटेश्वर स्वामी में अपनी आस्था की घोषणा करते हुए एक हलफनामा देना होता है.

Only Hindus can enter these temples of India, even the former Prime Minister was stopped from entering,
तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश (tirupati.ap.gov.in)

गुरुवायुर मंदिर, केरल: केरल का गुरुवायुर मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. यह मंदिर पांच हजार साल पुराना है. यहां केवल हिंदुओं को ही प्रवेश की अनुमति है. अन्य धर्मों के लोगों को इस मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. इस मंदिर के मुख्य देवता बाल गोपाल हैं. कन्हैया को गुरुवायुरप्पन के नाम से जाना जाता है. यह स्थान भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है. इसे वैकुंठ और दक्षिण द्वारका के नाम से भी जाना जाता है.

Only Hindus can enter these temples of India
गुरुवायुर मंदिर, केरल (keralatourism.org)

पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल: यह विष्णु मंदिर केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित है. यह केरल के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है. इस मंदिर का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है. इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में त्रावणकोर काल के राजाओं और महाराजाओं ने करवाया था. हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक यहां आते हैं. हालांकि, दूसरे धर्मों के लोगों को भगवान के दर्शन का अवसर नहीं मिल पाता है. गैर-हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होती है.

Only Hindus can enter these temples of India
पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल (keralatourism.org)

जगन्नाथ मंदिर, पुरी: यह मंदिर भगवान विष्णु के 8वें अवतार भगवान कृष्ण को समर्पित है. जगन्नाथ मंदिर भुवनेश्वर के पास पुरी शहर में बंगाल की खाड़ी के पास स्थित है. इस मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी अन्य को प्रवेश की अनुमति नहीं है. मंदिर के प्रवेश द्वार के पास एक साइनबोर्ड है. इस बोर्ड पर लिखा है कि केवल रूढ़िवादी हिंदुओं को ही यहां प्रवेश की अनुमति है. इतना ही नहीं, गैर-हिंदुओं से संबंधित लोगों को भी इस मंदिर में पैर रखने और भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने की अनुमति नहीं है. वर्ष 1984 में भारत की तत्कालीन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी इस मंदिर में पैर रखने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि उनके पति दूसरे धर्म से थे.

Only Hindus can enter these temples of India
जगन्नाथ मंदिर, पुरी (odishatourism.gov)

लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बना लिंगराज मंदिर सबसे प्राचीन और बहुत प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर में हर दिन हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं. हालांकि, इस मंदिर में केवल हिंदू धर्म के लोग ही प्रवेश कर सकते हैं. इस मंदिर की प्रसिद्धि पूरी दुनिया में फैली हुई है. दूर-दूर के पश्चिमी देशों से भी भक्त इस मंदिर में आते हैं. हालांकि, 2012 में एक विदेशी पर्यटक ने यहां आकर मंदिर के अनुष्ठानों में बाधा डाली थी. तब से मंदिर ट्रस्ट बोर्ड ने मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.

Only Hindus can enter these temples of India
लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर (odishatourism.gov)

कपालेश्वर मंदिर, चेन्नई: तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित कपालेश्वर मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी में द्रविड़ सभ्यता के दौरान हुआ था. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इस मंदिर में भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा के पीछे एक मजबूत आध्यात्मिक मान्यता है. जब मंदिर का नाम अलग हुआ तो इसका नाम कपालेश्वर रखा गया, जो कपाल (सिर) और ईश्वर (शिव का उपनाम) शब्दों से बना था. हिंदुओं के अलावा किसी अन्य धर्म के पर्यटकों का इस मंदिर में प्रवेश वर्जित है.

Only Hindus can enter these temples of India
कपालेश्वर मंदिर, चेन्नई (tamilnadutourism.tn.gov)

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और सूचना पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि etvbharat.com किसी भी तरह की मान्यता, सूचना की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)

ये भी पढ़ें-

भारत में कई मंदिर अपनी मान्यताओं के कारण चर्चा में रहे हैं. भारत में कई चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर हैं. जिनके बारे में खुद साइंटिस्ट भी जानकर हैरान रह जाते हैं. इन रहस्यमयी मंदिरों के साथ-साथ कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जिनके कायदे-कानून काफी कड़े हैं. मंदिर में प्रवेश के नियमों से लेकर भक्तों के पहनने वाले कपड़ों तक को लेकर कई तरह के रूल्स और रेगुलेशन हैं. हालांकि, कई मंदिर ऐसे भी हैं जहां सिर्फ हिंदुओं को ही मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति है. गैर-हिंदुओं या नास्तिकों को इन मंदिरों में प्रवेश की अनुमति नहीं है. आइए आज जानते हैं उन मंदिरों के बारे में जहां गैर-हिंदुओं या किसी अन्य धर्म के लोगों का प्रवेश वर्जित है...

इसमें सबसे पहला नाम आता है...

तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश: तिरुमाला कलियुग के देवता भगवान वेंकटेश्वर स्वामी का निवास स्थान है. यह भारत का सबसे अमीर हिंदू मंदिर में से एक है. हिंदुओं के अलावा अन्य धर्मों के लोगों का इस मंदिर में प्रवेश वर्जित है. अगर अन्य धर्मों के लोग श्रीवारी मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं, तो उन्हें भगवान वेंकटेश्वर स्वामी में अपनी आस्था की घोषणा करते हुए एक हलफनामा देना होता है.

Only Hindus can enter these temples of India, even the former Prime Minister was stopped from entering,
तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश (tirupati.ap.gov.in)

गुरुवायुर मंदिर, केरल: केरल का गुरुवायुर मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. यह मंदिर पांच हजार साल पुराना है. यहां केवल हिंदुओं को ही प्रवेश की अनुमति है. अन्य धर्मों के लोगों को इस मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. इस मंदिर के मुख्य देवता बाल गोपाल हैं. कन्हैया को गुरुवायुरप्पन के नाम से जाना जाता है. यह स्थान भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है. इसे वैकुंठ और दक्षिण द्वारका के नाम से भी जाना जाता है.

Only Hindus can enter these temples of India
गुरुवायुर मंदिर, केरल (keralatourism.org)

पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल: यह विष्णु मंदिर केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित है. यह केरल के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है. इस मंदिर का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है. इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में त्रावणकोर काल के राजाओं और महाराजाओं ने करवाया था. हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक यहां आते हैं. हालांकि, दूसरे धर्मों के लोगों को भगवान के दर्शन का अवसर नहीं मिल पाता है. गैर-हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होती है.

Only Hindus can enter these temples of India
पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल (keralatourism.org)

जगन्नाथ मंदिर, पुरी: यह मंदिर भगवान विष्णु के 8वें अवतार भगवान कृष्ण को समर्पित है. जगन्नाथ मंदिर भुवनेश्वर के पास पुरी शहर में बंगाल की खाड़ी के पास स्थित है. इस मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी अन्य को प्रवेश की अनुमति नहीं है. मंदिर के प्रवेश द्वार के पास एक साइनबोर्ड है. इस बोर्ड पर लिखा है कि केवल रूढ़िवादी हिंदुओं को ही यहां प्रवेश की अनुमति है. इतना ही नहीं, गैर-हिंदुओं से संबंधित लोगों को भी इस मंदिर में पैर रखने और भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने की अनुमति नहीं है. वर्ष 1984 में भारत की तत्कालीन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी इस मंदिर में पैर रखने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि उनके पति दूसरे धर्म से थे.

Only Hindus can enter these temples of India
जगन्नाथ मंदिर, पुरी (odishatourism.gov)

लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बना लिंगराज मंदिर सबसे प्राचीन और बहुत प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर में हर दिन हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं. हालांकि, इस मंदिर में केवल हिंदू धर्म के लोग ही प्रवेश कर सकते हैं. इस मंदिर की प्रसिद्धि पूरी दुनिया में फैली हुई है. दूर-दूर के पश्चिमी देशों से भी भक्त इस मंदिर में आते हैं. हालांकि, 2012 में एक विदेशी पर्यटक ने यहां आकर मंदिर के अनुष्ठानों में बाधा डाली थी. तब से मंदिर ट्रस्ट बोर्ड ने मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.

Only Hindus can enter these temples of India
लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर (odishatourism.gov)

कपालेश्वर मंदिर, चेन्नई: तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित कपालेश्वर मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी में द्रविड़ सभ्यता के दौरान हुआ था. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इस मंदिर में भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा के पीछे एक मजबूत आध्यात्मिक मान्यता है. जब मंदिर का नाम अलग हुआ तो इसका नाम कपालेश्वर रखा गया, जो कपाल (सिर) और ईश्वर (शिव का उपनाम) शब्दों से बना था. हिंदुओं के अलावा किसी अन्य धर्म के पर्यटकों का इस मंदिर में प्रवेश वर्जित है.

Only Hindus can enter these temples of India
कपालेश्वर मंदिर, चेन्नई (tamilnadutourism.tn.gov)

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और सूचना पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि etvbharat.com किसी भी तरह की मान्यता, सूचना की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.