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इन समस्याओं से पीड़ित लोगों को कभी भी ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए - HARMFUL EFFECTS OF COLD WATER BATHS

ठंडे पानी से नहाकर दिन की शुरुआत करना ज्यादातर लोगों के लिए मुश्किल हो सकताहै, जानें किन लोगों को ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए...

Know which problems people suffering from should never take bath with cold water
इन समस्याओं से पीड़ित लोगों को कभी भी ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए (GETTY IMAGES)
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By ETV Bharat Lifestyle Team

Published : June 23, 2025 at 6:27 PM IST

4 Min Read

हममें से कई लोगों को गर्म पानी से नहाना पसंद होता है जबकि कुछ को ठंडे पानी से नहाना पसंद होता है. ठंडे पानी से नहाने के कई फायदे हैं. ठंडा पानी न सिर्फ ताजगी का एहसास कराता है बल्कि बेहतर नींद में भी मदद करता है. ठंडे पानी से नहाने से स्कैल्प में ब्लड फ्लो बेहतर होता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. नियमित रूप से ठंडे पानी से नहाने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन का स्तर बढ़ता है. नतीजतन, तनाव दूर होता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है. लेकिन ठंडे पानी से नहाना हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है. कुछ खास स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए ठंडा पानी हानिकारक होता है. इससे स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं की संभावना बढ़ जाती है. तो आइए जानें कि किन लोगों को ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए.

हार्ट डिजीज: कई अध्ययनों से पता चला है कि ठंडा पानी हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों की रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है. ठंडा पानी ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को भी बढ़ा सकता है. हार्ट डिजीज और कोरोनरी धमनी रोग से पीड़ित लोगों को ठंडे पानी से नहाने पर उनके लक्षणों में वृद्धि का अनुभव हो सकता है. इसलिए, किसी भी प्रकार के हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए.

हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए. क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. नतीजतन, स्ट्रोक और दिल का दौरा जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए, उच्च रक्तचाप वाले लोगों को ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए.

  • अस्थमा: ठंड के संपर्क में आने से ब्रोन्कोस्पाज्म नामक स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे वायुमार्ग संकुचित हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सांस लेने में कठिनाई होती है और अस्थमा जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
  • रेनॉड रोग: रेनॉड रोग से पीड़ित लोगों में ऐसी स्थिति होती है जिसमें ठंड के संपर्क में आने पर उंगलियों और पैरों की छोटी ब्लड वेसेल्स अत्यधिक सिकुड़ जाती हैं. इससे ठंडे पानी से नहाने पर सुन्नपन, तेज दर्द और बेचैनी हो सकती है.
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, उन्हें भी ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए. साथ ही, जो लोग किसी बीमारी से उबर रहे हैं या कीमोथेरेपी जैसे उपचार से गुजर रहे हैं, उन्हें ठंडे पानी के संपर्क में आने से बचना चाहिए. इससे प्रतिरक्षा प्रणाली पर दबाव पड़ सकता है.
  • हाइपोथायरायडिज्म: हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोग आमतौर पर ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. इसलिए, ठंडे पानी से नहाने से शरीर का तापमान कम हो सकता है. इससे थकान और ठंड के प्रति इनटॉलेरेंस भी बढ़ सकती है.

सोर्स-

https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5025014/

(डिस्क्लेमर- यह सामान्य जानकारी केवल पढ़ने के उद्देश्य से प्रदान की गई है. ईटीवी भारत इस जानकारी की वैज्ञानिक वैधता के बारे में कोई दावा नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए कृपया डॉक्टर से परामर्श लें.)

हममें से कई लोगों को गर्म पानी से नहाना पसंद होता है जबकि कुछ को ठंडे पानी से नहाना पसंद होता है. ठंडे पानी से नहाने के कई फायदे हैं. ठंडा पानी न सिर्फ ताजगी का एहसास कराता है बल्कि बेहतर नींद में भी मदद करता है. ठंडे पानी से नहाने से स्कैल्प में ब्लड फ्लो बेहतर होता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. नियमित रूप से ठंडे पानी से नहाने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन का स्तर बढ़ता है. नतीजतन, तनाव दूर होता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है. लेकिन ठंडे पानी से नहाना हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है. कुछ खास स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए ठंडा पानी हानिकारक होता है. इससे स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं की संभावना बढ़ जाती है. तो आइए जानें कि किन लोगों को ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए.

हार्ट डिजीज: कई अध्ययनों से पता चला है कि ठंडा पानी हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों की रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है. ठंडा पानी ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को भी बढ़ा सकता है. हार्ट डिजीज और कोरोनरी धमनी रोग से पीड़ित लोगों को ठंडे पानी से नहाने पर उनके लक्षणों में वृद्धि का अनुभव हो सकता है. इसलिए, किसी भी प्रकार के हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए.

हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए. क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. नतीजतन, स्ट्रोक और दिल का दौरा जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए, उच्च रक्तचाप वाले लोगों को ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए.

  • अस्थमा: ठंड के संपर्क में आने से ब्रोन्कोस्पाज्म नामक स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे वायुमार्ग संकुचित हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सांस लेने में कठिनाई होती है और अस्थमा जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
  • रेनॉड रोग: रेनॉड रोग से पीड़ित लोगों में ऐसी स्थिति होती है जिसमें ठंड के संपर्क में आने पर उंगलियों और पैरों की छोटी ब्लड वेसेल्स अत्यधिक सिकुड़ जाती हैं. इससे ठंडे पानी से नहाने पर सुन्नपन, तेज दर्द और बेचैनी हो सकती है.
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, उन्हें भी ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए. साथ ही, जो लोग किसी बीमारी से उबर रहे हैं या कीमोथेरेपी जैसे उपचार से गुजर रहे हैं, उन्हें ठंडे पानी के संपर्क में आने से बचना चाहिए. इससे प्रतिरक्षा प्रणाली पर दबाव पड़ सकता है.
  • हाइपोथायरायडिज्म: हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोग आमतौर पर ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. इसलिए, ठंडे पानी से नहाने से शरीर का तापमान कम हो सकता है. इससे थकान और ठंड के प्रति इनटॉलेरेंस भी बढ़ सकती है.

सोर्स-

https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5025014/

(डिस्क्लेमर- यह सामान्य जानकारी केवल पढ़ने के उद्देश्य से प्रदान की गई है. ईटीवी भारत इस जानकारी की वैज्ञानिक वैधता के बारे में कोई दावा नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए कृपया डॉक्टर से परामर्श लें.)

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