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अमेरिकी एयर स्ट्राइक में 74 हूतियों की मौत, 170 से अधिक जख्मी - US STRIKES YEMENI OIL PORT

हूती विद्रोहियों ने कहा कि, यमन के ईंधन बंदरगाह पर अमेरिकी हमलों में कम से कम 170 से ज्यादा लोग मारे गए, यह ईरान समर्थित समूह के खिलाफ वाशिंगटन के अभियान का सबसे घातक हमला है.

This is a locator map for Yemen with its capital, Sanna.
यह यमन और उसकी राजधानी सना का लोकेटर मानचित्र है. (AP)
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By AFP

Published : April 18, 2025 at 5:31 PM IST

Updated : April 18, 2025 at 7:40 PM IST

5 Min Read

दुबई: यमन के तेल बंदरगाह पर अमेरिकी हमले में 74 हूती विद्रोही मारे गए और 170 से ज्यादा घायल हो गए. अमेरिका के इस हमले पर हूतियों ने कहा कि ये ट्रंप के इस नए शासनकाल का ये सबसे घातक हमला है.

अमेरिकी सेना ने कहा कि लाल सागर पर रास इस्सा ईंधन टर्मिनल पर उसके हमले का उद्देश्य हूतियों के लिए आपूर्ति और धन के स्रोत को काटना था, जो अरब प्रायद्वीप के सबसे गरीब देश के बड़े हिस्से को नियंत्रित करते हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से ये हमले, शनिवार को रोम में ईरान के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता फिर से शुरू करने से ठीक पहले हुए.

हूती स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अनीस अलसबाही ने कहा, "मृतकों की संख्या... बढ़कर 74 हो गई है और 171 घायल हो गए हैं. उनका कहना था कि, यह संख्या बढ़ सकती है.उन्होंने कहा कि बचाव दल अभी भी पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं. हालांकि एएफपी स्वतंत्र रूप से आंकड़ों की पुष्टि नहीं कर पाया है.

बता दें कि, यमन के हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले एक तेल बंदरगाह को निशाना बनाकर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों में भारी संख्या में जानें चली गईं और 170 से ज्यादा घायल हो गए. हूती समूह ने शुक्रवार को कहा, यह हूतियों को निशाना बनाकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए अभियान के तहत सबसे घातक हमला है.

यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ 15 मार्च से शुरू हुए ट्रंप के अभियान के नुकसान का आकलन करना कठिन है. अभी तक इसके बारे में अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने कोई डिटेल जारी नहीं की है. वहीं यमन के हूती विद्रोही हमले वाले क्षेत्रों तक पहुंच को सख्ती से नियंत्रित करते हैं. इसके साथ ही इन हमलों के बारे में जानकारी प्रकाशित नहीं करते हैं. हूतियों ने इस खबर को बताते हुए कहा है कि ये डोनाल्ड ट्रंप के काल का सबसे विध्वंसक हमला है.

हूतियों ने जारी की मरने वालों के ग्राफिक फुटेज
रास ईसा तेल बंदरगाह पर अमेरिकी हमले को लेकर हूतियों ने अपनी रिपोर्ट जारी की है. इस हमले में रात के समय आसमान में आग के बड़े-बड़े गोले छोड़े गए. ये अमेरिकी अभियान के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुई. हूतियों ने हमले में मारे गए लोगों की ग्राफिक फुटेज भी तुरंत जारी की है.

उधर एक बयान में सेंट्रल कमांड ने कहा कि "अमेरिकी बलों ने ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों के लिए ईंधन के इस स्रोत को खत्म करने की कोशिश की है. इसके साथ ही हूतियों कौ अवैध राजस्व से वंचित करने के लिए कार्रवाई की है. इसमें कहा गया कि इसकी वजह से 10 वर्षों से अधिक समय तक पूरे क्षेत्र को हूती आतंकियों ने आतंकित किया है."

सेंट्रल कमांड ने कहा है कि

"इस हमले का उद्देश्य यमन के लोगों को नुकसान पहुंचाना नहीं था, जो हूती शासन के जुए को उतार फेंकना चाहते हैं और शांतिपूर्वक रहना चाहते हैं."

सेंट्रल कमांड ने किसी भी हताहत की बात स्वीकार नहीं की और जब एसोसिएटेड प्रेस ने कथित तौर पर मारे गए नागरिकों के बारे में पूछा तो उसने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

उधर इजरायली सेना ने बताया कि शुक्रवार को ईरान समर्थित हूतियों ने इजरायल की ओर मिसाइल दागीं, जिसे रोक दिया गया. इस दौरान तेल अवीव और अन्य इलाकों में सायरन बजने लगे.

इस बीच, यमन में युद्ध और अधिक अंतर्राष्ट्रीय हो गया, क्योंकि अमेरिका ने आरोप लगाया कि एक चीनी उपग्रह कंपनी हूती हमलों का "सीधे समर्थन" कर रही है, हालांकि बीजिंग ने इसे स्वीकार नहीं किया.

अमेरिकी हमलों से बड़े पैमाने पर आग लगी, बंदरगाह पर मौजूद लोगों की मौत
गौर करें तो रास ईसा बंदरगाह में तेल टैंकों और रिफाइनिंग उपकरणों का जखीरा है. ये बंदरगाह लाल सागर के किनारे यमन के होदेदा प्रांत में स्थित है. जंगल की आग पर नज़र रखने वाले नासा के उपग्रहों ने शुक्रवार की सुबह कामरान द्वीप के पास स्थित इस जगह पर भीषण आग दिखाई, जिसे पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी हवाई हमलों का निशाना बनाया जा रहा है.

हूती के अल-मसीरा सैटेलाइट न्यूज़ चैनल ने घटना के बाद की विस्तृत फुटेज प्रसारित की. इसमें घटनास्थल पर लाशें बिखरी हुई दिखाई दे रही थीं. इसने कहा कि बंदरगाह पर पैरामेडिक और नागरिक कर्मचारी हमले में मारे गए. पहले इसमें भीषण विस्फोट हुआ और आग लग गई.

जान लें कि रास ईसा बंदरगाह यमन के ऊर्जा-समृद्ध मारिब प्रांत तक फैली एक तेल पाइपलाइन का टर्मिनस भी है, जिस पर यमन की निर्वासित सरकार के सहयोगियों का कब्ज़ा है. हूतियों ने साल 2015 में उस सरकार को यमन की राजधानी सना से बाहर निकाल दिया था. हालांकि, दशकों से चल रहे युद्ध के कारण तेल निर्यात रुका हुआ है और हूतियों ने तेल लाने के लिए रास ईसा का इस्तेमाल किया है.

हूतियों ने अमेरिकी हमले की निंदा की

हूतियों ने अमेरिकी हमले की निंदा करते हुए कहा

"यह पूरी तरह से अनुचित आक्रमण यमन की संप्रभुता और स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन है और पूरे यमनी लोगों को सीधे निशाना बनाना है,"

हूतियों ने अपने नियंत्रण वाली SABA समाचार एजेंसी द्वारा जारी एक बयान में कहा-

"यह एक महत्वपूर्ण नागरिक सुविधा को निशाना बनाता है जिसने दशकों से यमनी लोगों की सेवा की है"

ये भी पढ़ें - कौन हैं हूती विद्रोही, क्यों अमेरिका ने चंद सेकंडों में कर दिया तबाह!

दुबई: यमन के तेल बंदरगाह पर अमेरिकी हमले में 74 हूती विद्रोही मारे गए और 170 से ज्यादा घायल हो गए. अमेरिका के इस हमले पर हूतियों ने कहा कि ये ट्रंप के इस नए शासनकाल का ये सबसे घातक हमला है.

अमेरिकी सेना ने कहा कि लाल सागर पर रास इस्सा ईंधन टर्मिनल पर उसके हमले का उद्देश्य हूतियों के लिए आपूर्ति और धन के स्रोत को काटना था, जो अरब प्रायद्वीप के सबसे गरीब देश के बड़े हिस्से को नियंत्रित करते हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से ये हमले, शनिवार को रोम में ईरान के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता फिर से शुरू करने से ठीक पहले हुए.

हूती स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अनीस अलसबाही ने कहा, "मृतकों की संख्या... बढ़कर 74 हो गई है और 171 घायल हो गए हैं. उनका कहना था कि, यह संख्या बढ़ सकती है.उन्होंने कहा कि बचाव दल अभी भी पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं. हालांकि एएफपी स्वतंत्र रूप से आंकड़ों की पुष्टि नहीं कर पाया है.

बता दें कि, यमन के हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले एक तेल बंदरगाह को निशाना बनाकर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों में भारी संख्या में जानें चली गईं और 170 से ज्यादा घायल हो गए. हूती समूह ने शुक्रवार को कहा, यह हूतियों को निशाना बनाकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए अभियान के तहत सबसे घातक हमला है.

यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ 15 मार्च से शुरू हुए ट्रंप के अभियान के नुकसान का आकलन करना कठिन है. अभी तक इसके बारे में अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने कोई डिटेल जारी नहीं की है. वहीं यमन के हूती विद्रोही हमले वाले क्षेत्रों तक पहुंच को सख्ती से नियंत्रित करते हैं. इसके साथ ही इन हमलों के बारे में जानकारी प्रकाशित नहीं करते हैं. हूतियों ने इस खबर को बताते हुए कहा है कि ये डोनाल्ड ट्रंप के काल का सबसे विध्वंसक हमला है.

हूतियों ने जारी की मरने वालों के ग्राफिक फुटेज
रास ईसा तेल बंदरगाह पर अमेरिकी हमले को लेकर हूतियों ने अपनी रिपोर्ट जारी की है. इस हमले में रात के समय आसमान में आग के बड़े-बड़े गोले छोड़े गए. ये अमेरिकी अभियान के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुई. हूतियों ने हमले में मारे गए लोगों की ग्राफिक फुटेज भी तुरंत जारी की है.

उधर एक बयान में सेंट्रल कमांड ने कहा कि "अमेरिकी बलों ने ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों के लिए ईंधन के इस स्रोत को खत्म करने की कोशिश की है. इसके साथ ही हूतियों कौ अवैध राजस्व से वंचित करने के लिए कार्रवाई की है. इसमें कहा गया कि इसकी वजह से 10 वर्षों से अधिक समय तक पूरे क्षेत्र को हूती आतंकियों ने आतंकित किया है."

सेंट्रल कमांड ने कहा है कि

"इस हमले का उद्देश्य यमन के लोगों को नुकसान पहुंचाना नहीं था, जो हूती शासन के जुए को उतार फेंकना चाहते हैं और शांतिपूर्वक रहना चाहते हैं."

सेंट्रल कमांड ने किसी भी हताहत की बात स्वीकार नहीं की और जब एसोसिएटेड प्रेस ने कथित तौर पर मारे गए नागरिकों के बारे में पूछा तो उसने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

उधर इजरायली सेना ने बताया कि शुक्रवार को ईरान समर्थित हूतियों ने इजरायल की ओर मिसाइल दागीं, जिसे रोक दिया गया. इस दौरान तेल अवीव और अन्य इलाकों में सायरन बजने लगे.

इस बीच, यमन में युद्ध और अधिक अंतर्राष्ट्रीय हो गया, क्योंकि अमेरिका ने आरोप लगाया कि एक चीनी उपग्रह कंपनी हूती हमलों का "सीधे समर्थन" कर रही है, हालांकि बीजिंग ने इसे स्वीकार नहीं किया.

अमेरिकी हमलों से बड़े पैमाने पर आग लगी, बंदरगाह पर मौजूद लोगों की मौत
गौर करें तो रास ईसा बंदरगाह में तेल टैंकों और रिफाइनिंग उपकरणों का जखीरा है. ये बंदरगाह लाल सागर के किनारे यमन के होदेदा प्रांत में स्थित है. जंगल की आग पर नज़र रखने वाले नासा के उपग्रहों ने शुक्रवार की सुबह कामरान द्वीप के पास स्थित इस जगह पर भीषण आग दिखाई, जिसे पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी हवाई हमलों का निशाना बनाया जा रहा है.

हूती के अल-मसीरा सैटेलाइट न्यूज़ चैनल ने घटना के बाद की विस्तृत फुटेज प्रसारित की. इसमें घटनास्थल पर लाशें बिखरी हुई दिखाई दे रही थीं. इसने कहा कि बंदरगाह पर पैरामेडिक और नागरिक कर्मचारी हमले में मारे गए. पहले इसमें भीषण विस्फोट हुआ और आग लग गई.

जान लें कि रास ईसा बंदरगाह यमन के ऊर्जा-समृद्ध मारिब प्रांत तक फैली एक तेल पाइपलाइन का टर्मिनस भी है, जिस पर यमन की निर्वासित सरकार के सहयोगियों का कब्ज़ा है. हूतियों ने साल 2015 में उस सरकार को यमन की राजधानी सना से बाहर निकाल दिया था. हालांकि, दशकों से चल रहे युद्ध के कारण तेल निर्यात रुका हुआ है और हूतियों ने तेल लाने के लिए रास ईसा का इस्तेमाल किया है.

हूतियों ने अमेरिकी हमले की निंदा की

हूतियों ने अमेरिकी हमले की निंदा करते हुए कहा

"यह पूरी तरह से अनुचित आक्रमण यमन की संप्रभुता और स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन है और पूरे यमनी लोगों को सीधे निशाना बनाना है,"

हूतियों ने अपने नियंत्रण वाली SABA समाचार एजेंसी द्वारा जारी एक बयान में कहा-

"यह एक महत्वपूर्ण नागरिक सुविधा को निशाना बनाता है जिसने दशकों से यमनी लोगों की सेवा की है"

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Last Updated : April 18, 2025 at 7:40 PM IST
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