रोम: सार्वजनिक रूप से और स्पष्ट रूप से पोप फ्रांसिस से असहमत रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कैथोलिक गुरु को अंतिम विदाई दी. इस दौरान ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से भी मुलाकात की.
पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की प्रार्थना सभा खत्म होने के बाद पोप के शव को रोम ले जाया जा रहा है. पोप के पार्थिव शरीर को वहां के सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका में दफनाया जाएगा.
ईसाई कैथोलिक धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की अंतिम रस्में चल रही हैं. उनका शव सेंट पीटर्स बेसिलिका से निकाल कर सेंट पीटर्स स्क्वॉयर में रखा गया. वेटिकन के सेंट पीटर्स स्क्वॉयर पर प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ.
अब उनके शव को रोम के सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका ले जाया जा रहा है. सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका में उन्हें दफनाया जाएगा. ये जगह सेंट पीटर्स स्क्वायर से तकरीबन 4 किमी दूर है. देखा जाए तो बीते 100 साल में पोप फ्रांसिस पहले पोप होंगे, जिन्हें वेटिकन के बाहर दफनाया जाएगा.
शनिवार को पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प समेत 50 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान ट्रंप ने रोमन कैथोलिक नेता को श्रद्धांजलि दी. बता दें कि ट्रंप विभिन्न मुद्दों पर पोप फ्रांसिस से स्पष्ट रूप से असहमत थे.
व्हाइट हाउस के संचार निदेशक स्टीवन चेउंग ने कहा कि ट्रम्प और ज़ेलेंस्की ने आज निजी तौर पर मुलाकात कर बहुत ही उपयोगी चर्चा की.
ट्रम्प ने समारोह से पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से भी मुलाकात की। इसकी पुष्टि व्हाइट हाउस और ज़ेलेंस्की के कार्यालय ने की है. व्हाइट हाउस के संचार निदेशक स्टीवन चेउंग ने कहा कि उन्होंने 'आज निजी तौर पर मुलाकात की और बहुत ही उपयोगी चर्चा हुई.
ट्रम्प अपनी पत्नी प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प के साथ वेटिकन पहुंचे. वहीं आउटडोर सेवा के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से कुछ ही दूरी पर अग्रिम पंक्ति में बैठे.
ट्रम्प ने शुक्रवार को रोम जाते समय संवाददाताओं से कहा कि वह पोप के अंतिम संस्कार में “सम्मान के कारण” जा रहे हैं. पोप का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में स्ट्रोक के कारण निधन हो गया था.
पोप फ्रांसिस ने प्रवासियों के साथ व्यवहार और जलवायु परिवर्तन, आव्रजन जैसे मुद्दों पर ट्रम्प के दृष्टिकोण से तीखी असहमति जताई थी. अर्जेंटीना के पोप और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच अपने संबंधों की शुरुआत में आव्रजन को लेकर बहस हुई थी. साल 2016 में, फ्रांसिस ने तत्कालीन उम्मीदवार ट्रम्प और उनके अभियान के नारे "दीवार बनाओ" का हवाला देते हुए कहा कि जो कोई भी प्रवासियों को बाहर रखने के लिए दीवार बनाता है, वह "ईसाई नहीं है." ट्रम्प ने कहा कि यह टिप्पणी "अपमानजनक" थी.
लेकिन फ्रांसिस की मृत्यु के बाद, रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि वे एक “अच्छे इंसान” थे. पोप ने “कड़ी मेहनत की” और “दुनिया से प्यार किया.” ट्रम्प ने यह भी निर्देश दिया कि फ्रांसिस के सम्मान में अमेरिकी झंडे आधे झुके रहें.
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