वॉशिंगटन: यूएस प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप को लेकर एलॉन मस्क के एक दावे ने भूचाल ला दिया है. मस्क ने दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप का नाम एपस्टीन फाइलों में दर्ज है. इस दावे के बाद लंबे समय से एपस्टीन फाइलों के गोपनीय दस्तावेजों में लोगों की दिलचस्पी फिर से बढ़ गई है.
गौर करें तो जारी की गई फाइलों में पायलट लॉग, एपस्टीन की "ब्लैक बुक" और एक साक्ष्य सूची है. इस सूची में उनकी संपत्तियों से जब्त की गई वस्तुओं का पूरा ब्योरा है. इनमें रिकॉर्डिंग डिवाइसें हैं. साथ ही विचलित करने वाली लड़कियों की तस्वीरें भी हैं.
गौर करें तो लंबे समय से गुप्त रखी गईं एपस्टीन फाइलें साल 2024 की शुरुआत में चर्चा में आई थी. वहीं इस बार टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क द्वारा सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने की वजह से लोगों के सामने आई हैं.
मस्क ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि बदनाम फाइनेंसर और दोषी यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन से संबंधित फाइलों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नाम था. हालांकि मस्क ने कोई सबूत नहीं दिया, लेकिन बयान ने लंबे समय से गुप्त फाइलों में लोगों की दिलचस्पी फिर से जगा दी.
जान लें कि "एपस्टीन फाइलें" एपस्टीन और उसके सहयोगियों के संबंध में वर्षों से इकट्ठा किए किए गए दस्तावेज, वीडियो और जांच सामग्री के रूप में जानी जाती हैं.
क्या एपस्टीन की सभी फाइलें जारी की गईं: एपस्टीन फाइलों में से साल 2008 के फ्लोरिडा याचिका सौदे और न्यूयॉर्क में वर्ष 2019 के संघीय आरोपों से संबंधित कुछ अदालती रिकॉर्ड सार्वजनिक किए गए थे. इसके अलावा कई अन्य सीलबंद दस्तावेज हैं और कई संपादित किए जा चुके हैं. इसको लेकर अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने एफबीआई के साथ मिलकर एपस्टीन के न्यूयॉर्क, फ्लोरिडा और अन्य स्थानों पर उनके घरों से 250 से अधिक कम उम्र की लड़कियों के यौन शोषण से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक किया था.
इस तरह से अवर्गीकृत फाइलों के पहले फेज में वे सामग्री शामिल थीं, जो पहले अनौपचारिक चैनलों के जरिए लीक हो चुकी थीं. हालांकि अमेरिकी सरकार द्वारा कभी औपचारिक रूप से ये जारी नहीं की गई थीं. इस वर्ष की शुरुआत में जारी किए गए दस्तावेजों के पहले बैच में ज़्यादातर पहले से खबरों से प्राप्त जानकारियां थीं.
इन जानकारियों में गिस्लेन मैक्सवेल के अभियोजन से पायलट लॉग, एपस्टीन की तथाकथित "ब्लैक बुक" और मालिश करने वालों की एक संशोधित सूची शामिल थी. पायलट लॉग पहले से ही वर्षों से सार्वजनिक थे. साथ ही संभावित पीड़ितों की पहचान छिपाने के लिए उन्हें संशोधित किया गया था.
इस बीच एक नया दस्तावेज सामने आया, जो सबसे अलहदा था. वो था न्याय विभाग द्वारा संकलित तीन-पृष्ठ की “फैक्ट सूची”. कथित रूप में यह न्यूयॉर्क और वर्जिन द्वीप समूह में एपस्टीन की संपत्तियों की तलाशी के दौरान बरामद चीजों का दस्तावेज था.
सूची के मुताबिक, जांचकर्ताओं ने दर्जनों रिकॉर्डिंग डिवाइस, कंप्यूटर, हार्ड ड्राइव और मेमोरी स्टिक जब्त किए थे. इसमें “गर्ल पिक्स न्यूड बुक 4” नामक एक सीडी, “एलएसजे लॉगबुक” नामक एक फोल्डर भी शामिल था. इन सबको एपस्टीन के निजी द्वीप से इकट्ठा किया गया बताया गया था. इसके साथ ही एक फोटो एल्बम था. इस फोटो एल्बम को “गर्ल और एपस्टीन का फोटो एल्बम” बताया गया था.
जांचकर्ताओं ने वहां से कई मसाज टेबल भी बरामद की थी. इनमें से एक मैक्सवेल के मुकदमे के दौरान पेश की गई थी. साथ ही एक बैग, जिसमें तांबे की हथकड़ी और एक चाबुक का एक सेट था. एक एक बैग मिला था, जिसमें 27 अगस्त, 2008 को “एसके” लिखा एक पीले रंग का लिफाफा था. इस लिफाफे के अंदर कई छोटे-छोचे लिफाफे थे. इनमें कुल 17,115 डॉलर थे. इस तरह से देखा जाए तो यह तारीख उस अवधि से मेल खाती है, जब एपस्टीन फ्लोरिडा के पाम बीच में जेल में था.
देखा जाए तो कुछ फाइलें अब भी सामने नहीं आई हैं. हालांकि कई अदालती दस्तावेज, खासतौर पर एपस्टीन के वर्ष 2008 के फ्लोरिडा मामले और न्यूयॉर्क में साल 2019 के आरोपों से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक किए गए हैं. लेकिन अन्य दस्तावेज सीलबंद या संपादित किए गए हैं.
वहीं इन खुलासों के बावजूद FBI ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि डोनाल्ड ट्रम्प का नाम नई जारी की गई सामग्रियों की सूची में हैं. वहीं मस्क ने भी स्पष्ट नहीं किया है कि वह किन दस्तावेजों का जिक्र कर रहे थे. और किसी आधिकारिक स्रोत ने भी मस्क के दावे की पुष्टि नहीं की है.
बाद में एफबीआई निदेशक काश पटेल और उप निदेशक डैन बोंगिनो ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ये स्वीकार किया है कि उन्होंने पूरी फाइल की समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि एपस्टीन की मौत आत्महत्या से हुई. साथ ही ये कहा कि आने वाले महीनों में उसकी जेल की कोठरी से जुड़े निगरानी फुटेज सार्वजनिक किए जाएंगे.
काश पटेल ने आगे कहाकि न्याय विभाग ने इन फुटेज के रिलीज की घोषणा की है. ऐसा माना जा रहा है कि इसमें संभवतः एपस्टीन की जेल निगरानी फुटेज भी शामिल है. हालांकि इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है.
इस मामले में अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी का कहना है कि पीड़ितों की सुरक्षा के लिए देरी की जरूरत है. वहीं कई दक्षिणपंथी टिप्पणीकार और ट्रम्प समर्थक इसे जानबूझकर बाधा डालने के रूप में फैलाई गई कहानी बता रहे हैं.
उधर कई राजनीतिक गुटों की मांगों के बावजूद मौजूदा समय में एपस्टीन के मामले के दस्तावेज़ों से जुड़े नामों की पूरी सूची को सार्वजनिक करने की कोई पहल नहीं की जा रही है. इस तरह से जब तक अतिरिक्त दस्तावेज मुहैया नहीं हो जाते या DOJ (Department Of Justice) एलॉन मस्क के आरोपों का सीधा जवाब नहीं देता. तब तक जनता का अविश्वास और बढ़ता रहेगा.
कौन थे जेफरी एपस्टीन? जेफरी एपस्टीन को अमेरिकी राष्ट्रपतियों, ब्रिटिश राजघरानों और हॉलीवुड के कुलीन लोगों समेत कई शक्तिशाली हस्तियों से अपने संबंधों के लिए जाना जाता था. जेफरी एपस्टीन और उनकी संपत्ति और उनके व्यावसायिक संचालन इतने उलझे हुए थे, जिन्हें आसानी से समझना मुश्किल हैं.
जेफरी एपस्टीन को बाल वेश्यावृत्ति के आरोपों में साल 2008 में फ्लोरिडा में दोषी करार दिया गया था. साथ ही एक विवादास्पद कार्य-मुक्ति समझौते के तहत उन्हें 13 माह की जेल हुई थी.
जेफरी को साल 2019 में कथित तौर पर कम उम्र की लड़कियों का शोषण करने वाले एक नेटवर्क को चलाने के लिए संघीय यौन तस्करी के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था. इसके कुछ सप्ताह बाद ही उन्हें मैनहट्टन जेल की कोठरी में मृत पाया गया.
जेफरी एपस्टीन की मौत को आधिकारिक तौर पर आत्महत्या माना गया था. लेकिन ये भी कयास लगाए गए थे कि उनके अपराधों में शामिल शक्तिशाली व्यक्तियों के नाम बाहर न आएं, इसलिए उनकी हत्या की गई थी.
गौर करें तो डोनाल्ड ट्रम्प, जिन्होंने अपनी अधिकतर राजनीतिक पहचान "डीप स्टेट" को खत्म करने के वादों पर बनाई थी. वो हमेशा छिपे हुए सरकारी भ्रष्टाचार को उजागर करने का संकेत देते थे. इसके साथ ही वो कभी-कभी एपस्टीन का हवाला भी देते थे.
गौर करें तो राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप ने JFK (John F. Kennedy) की हत्या से जुड़े हजारों पन्नों को जारी करने की अनुमति दी. वहीं एपस्टीन से संबंधित फाइलों के साथ ऐसा नहीं किया.
मस्क और ट्रंप, जो राजनीतिक रूप से एक-दूसरे के साथ थे. अब खुलेआम एक-दूसरे को नंगा कर रहे हैं. एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं. गौर करें तो उनके बीच मतभेद एक नए सरकारी कर विधेयक को लेकर शुरू हुआ था, जिसे मस्क ने घृणित घृणा (Disgusting Abomination) कहा था.
ट्रंप ने अपने सोशल साइट ट्रुथ सोशल पर जवाब देते हुए दावा किया कि उन्होंने संघीय EV नीति निर्णयों से एलॉन मस्क को बाहर रखा था. इसके साथ ही सब्सिडी रद करने की धमकी दी थी.
वहीं मस्क ने एक्स पर पलटवार करते हुए ट्रंप के दावों को "एक स्पष्ट झूठ" कहा और जोर देकर कहा कि ट्रंप का 2024 का राष्ट्रपति पद चुनाव अभियान उनके समर्थन के बिना सफल नहीं होता. अब इस तू-तू-मैं-मैं की वजह से दो पूर्व सहयोगियों के बीच की खाई और गहरी हो गई है."
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