सिंगापुर: कोरोना का नाम सुनकर आज भी लोगों की सांसे थम जाती हैं. दुनिया भर में 2020 से 2022 तक पूरी दुनिया में कहर बरपाने वाला कोरोना पैनमेडिक की जगह एनडेमिक में बदल गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले एक साल मुकाबले मई में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं.
वर्तमान में पाया गया है कि, LF.7 और NB.1.8, दोनों JN.1 वेरिएंट के वंशज हैं. और ये सिंगापुर में प्रसारित होने वाले कोविड-19 कारक वायरस के मुख्य वेरिएंट हैं.
सिंगापुर में स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि वे कोविड-19 संक्रमण में हाल ही में हुई वृद्धि पर नजर रख रहे हैं, और ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि स्थानीय स्तर पर प्रसारित होने वाले वायरस के वेरिएंट पिछले वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओएच) और कम्युनिकेबल डिजीज एजेंसी (सीडीए) ने एक बयान में कहा कि 27 अप्रैल से 3 मई, 2025 के सप्ताह में कोविड-19 के मामले बढ़कर 14,200 हो जाने का अनुमान है, जबकि पिछले सप्ताह 11,100 मामले थे.
इसी अवधि के दौरान, औसत दैनिक कोविड-19 अस्पताल में भर्ती होने की संख्या 102 से बढ़कर 133 हो गई, लेकिन गहन चिकित्सा इकाई में औसत दैनिक मामले तीन से घटकर दो रह गए.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि, अस्पताल वर्तमान में मामलों में वृद्धि का प्रबंधन करने में सक्षम हैं. बयान में कहा गया है कि, स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओएच) और कम्युनिकेबल डिजीज एजेंसी (सीडीए) सिंगापुर में कोविड-19 संक्रमण में हाल ही में हुई वृद्धि की निगरानी कर रहे हैं.
इस बात का कोई संकेत नहीं है कि, स्थानीय रूप से प्रसारित होने वाले वेरिएंट पहले फैलने वाले वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हैं या अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं. अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण में वृद्धि कई कारकों के कारण हो सकती है, जिसमें जनसंख्या की प्रतिरोधक क्षमता में कमी शामिल है.
LF.7 और NB.1.8, दोनों JN.1 वेरिएंट के वंशज हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि ये वेरिएंट स्थानीय रूप से अनुक्रमित मामलों के दो-तिहाई से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं. एमओएच और सीडीए ने गंभीर कोविड-19 के बढ़ते जोखिम वाले लोगों को टीकाकरण के साथ अपडेट रहने की सलाह दी है.
साथ ही गंभीर जोखिम वाले लोगों को अंतिम खुराक के लगभग एक वर्ष बाद एक अतिरिक्त खुराक लेने की सलाह दी है. बयान में कहा गया है कि जोखिम वाले व्यक्तियों में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग, चिकित्सकीय रूप से कमजोर व्यक्ति शामिल हैं.
साथ ही लोगों को एहतियाती उपाय करने की भी सलाह दी गई, जैसे कि बार-बार हाथ धोना, साथ ही व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारी निभाना, जिसमें खाँसते या छींकते समय अपनी नाक और मुंह को ढंकना शामिल है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी कि अगर वे अस्वस्थ हैं तो सामाजिक मेलजोल कम से कम करें और अनावश्यक यात्रा न करें.
बयान में कहा गया है कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में या नाक बहने, गले में खराश, सिरदर्द या बुखार जैसे लक्षण दिखने पर मास्क पहनने की भी सलाह दी गई है.
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