मॉस्को/ नई दिल्ली: रूस की यात्रा पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच संबंधों पर चर्चा की. बैठक में राजनाथ ने कहा कि भारत-रूस की दोस्ती 'सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है'.
भारत की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने कहा कि भारत-रूस के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और संयुक्त प्रयास बड़े परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे.
राजनाथ ने मॉस्को में रूसी रक्षा मंत्री एंड्री बेलौसोव (Andrey Belousov) के साथ सैन्य और सैन्य सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 21वें सत्र की सह-अध्यक्षता भी की.
Glad to call on the Russian President Mr Vladimir Putin at Kremlin in Moscow. https://t.co/lDgg7AOG23 pic.twitter.com/iJWkM9Khmn
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 10, 2024
रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सिंह ने पुतिन को बताया कि भारत हमेशा अपने रूसी मित्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा.
रक्षा मंत्री सिंह ने राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं. रक्षा मंत्री ने 'एक्स' पर कहा कि मॉस्को के क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलकर खुशी हुई.
राजनाथ सिंह रविवार को रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए थे. उनकी यह यात्रा पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा और पुतिन के साथ शिखर वार्ता के पांच महीने बाद हुई है. शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों पक्षों ने भारत-रूस रक्षा और सैन्य संबंधों को और आगे बढ़ाने की कसम खाई थी.
Had a very productive IRIGC-M&MTC meeting with my Russian counterpart Andrey Belousov in Moscow. Reviewing the full range of bilateral defence ties, we discussed ways to deepen cooperation between both the countries. We are committed to further strengthen India-Russia Special and… pic.twitter.com/vmFcWXE4YJ
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 10, 2024
बेलौसोव के साथ वार्ता के दौरान राजनाथ ने भारत को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली एस-400 ट्रायम्फ ( S-400 Triumf ) की दो शेष इकाइयों की आपूर्ति में तेजी लाने पर जोर दिया. साथ ही विभिन्न सैन्य हार्डवेयर के संयुक्त उत्पादन में रूसी रक्षा कंपनियों के लिए भारत में नए अवसरों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि भारत-रूस संबंध बहुत मजबूत हैं और एक विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है.
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