वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 साल की आयु में निधन हो गया है. उन्होंने वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. वह लंबे समय से बीमार थे. उन्हें इस साल फरवरी में अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
वेटिकन के कैमरलेंगो कार्डिनल केविन फेरेल ने घोषणा की कि पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह निधन हो गया. उन्होंने आज सुबह 7 बजतर 35 मिनट पर अंतिम सांस ली. उनका पूरा जीवन प्रभु और उनके चर्च की सेवा के लिए समर्पित रहा. उन्होंने हमें निष्ठा, साहस और यूनिवर्सल लव के साथ जीना सिखाया, खासकर सबसे गरीब और सबसे हाशिए पर पड़े लोगों के लिए.
पीएम मोदी ने जताया दुख
पोप फ्रांसिस के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है. दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं. पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे. छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था. उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की. जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई."
Pope Francis died on Easter Monday, April 21, 2025, at the age of 88 at his residence in the Vatican's Casa Santa Marta: Vatican News pic.twitter.com/Rmn88TQbhw
— ANI (@ANI) April 21, 2025
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "मैं उनके साथ अपनी मुलाकातों को याद कर रहा हूं और समावेशी और ऑल-राउंड डेवलपमेंट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुआ. भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा संजोया जाएगा. उनकी आत्मा को शांति मिले."
Deeply pained by the passing of His Holiness Pope Francis. In this hour of grief and remembrance, my heartfelt condolences to the global Catholic community. Pope Francis will always be remembered as a beacon of compassion, humility and spiritual courage by millions across the… pic.twitter.com/QKod5yTXrB
— Narendra Modi (@narendramodi) April 21, 2025
अस्पताल में बिताए पांच हफ्ते
इससे पहले रविवार को पोप ने सेंट पीटर्स बेसिलिका की बालकनी से वेटिकन स्क्वायर में एकत्रित हजारों लोगों को अपना ईस्टर संदेश दिया था. रोमन कैथोलिक चर्च के 88 वर्षीय प्रमुख को हाल ही में रोम के गेमेली अस्पताल से छुट्टी मिली, जहां उन्होंने एक वायरल के इलाज के लिए पांच हफ्ते बिताए, जिसके कारण उन्हें डबल निमोनिया हो गया था.
उरबी एट ओरबी' आशीर्वाद दिया
ईस्टर रविवार को उन्होंने रोम शहर और दुनिया को 'उरबी एट ओरबी' आशीर्वाद दिया. बता दें कि केवल पोप ही यह आशीर्वाद दे सकते हैं. इसमें पापों के प्रभावों के लिए क्षमादान भी शामिल है. पोप के आधिकारिक एक्स हैंडल ने रविवार को कहा, "मसीह उठे हैं! ये शब्द हमारे अस्तित्व के संपूर्ण अर्थ को दर्शाते हैं, क्योंकि हम मृत्यु के लिए नहीं बल्कि जीवन के लिए बने हैं."
वेटिकन न्यूज ने बताया कि सेंट पीटर बेसिलिका के आर्कप्रीस्ट एमेरिटस और वेटिकन सिटी के विकर जनरल एमेरिटस कार्डिनल एंजेलो कोमास्ट्री ने स्क्वायर में प्रार्थना का नेतृत्व किया और इस अवसर के लिए तैयार पोप फ्रांसिस का उपदेश दिया.
2013 को बने थे पोप
पोप फ्रांसिस का असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था. उन्हें 1969 में कैथोलिक पादरी नियुक्त किया गया था. 28 फरवरी 2013 को पोप बेनेडिक्ट XVI के इस्तीफे के बाद उन्हें 13 मार्च को एक पोप सम्मेलन ने कार्डिनल बर्गोग्लियो को उत्तराधिकारी चुना गया. उन्होंने सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी के सम्मान में फ्रांसिस को अपना पोप नाम चुना.