संयुक्त राष्ट्र: भारत ने सिंधु जल संधि (IWT) को लेकर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के “दुष्प्रचार” की धज्जियां उड़ा दी. भारत ने कहा कि इस्लामाबाद ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमले करके संधि की भावना का घोर उल्लंघन किया है. साथ ही इंडिया ने कहा कि ऐसी हरकत करके पाकिस्तान, नागरिकों के जीवन, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाना चाहता है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने शुक्रवार को कहा, "हम सिंधु जल संधि के संबंध में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचनाओं का जवाब देने के लिए बाध्य हैं. भारत ने हमेशा एक ऊपरी तटवर्ती देश के रूप में जिम्मेदाराना तरीके से काम किया है."
#WATCH | New York | At the Arria Formula Meeting, on the Indus Water Treaty, Permanent Representative of India to the UN, Parvathaneni Harish, says, " india entered into the indus water treaty 65 years ago in good faith. pakistan has violated its spirit by inflicting three wars… pic.twitter.com/DCFVLbi7Rx
— ANI (@ANI) May 24, 2025
हरीश, स्लोवेनिया के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अरिया फॉर्मूला बैठक को ‘सशस्त्र संघर्ष में जल की रक्षा-नागरिक जीवन की रक्षा’ विषय पर संबोधित कर रहे थे. हरीश ने पाकिस्तान द्वारा की जा रही “गलत सूचना” को उजागर करने के लिए 4 पहलुओं पर प्रकाश डाला. इसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले के बारे में बताया गया था.
गौर करें तो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट मारे गए थे. इसके बाद भारत ने निर्णय किया था कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा. ये व्यवस्था तब तक रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को बंद नहीं कर देता. हरीश ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में कहा कि भारत ने 65 साल पहले सद्भावनापूर्वक सिंधु जल संधि की थी.
STORY | Pakistan violated spirit of IWT by inflicting three wars, thousands of terror attacks on India: India tells UN
— Press Trust of India (@PTI_News) May 24, 2025
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इस बात पर गौर करते हुए कि संधि की प्रस्तावना में कहा गया है कि इसे ‘सद्भावना और मित्रता की भावना’ से संपन्न किया गया था. हरीश ने कहा कि इन साढ़े 6 दशकों के दौरान, “पाकिस्तान ने भारत पर 3 युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके संधि की भावना का उल्लंघन किया है.” भारतीय दूत ने कहा कि बीते 4 दशकों में आतंकी हमलों में 20,000 से अधिक भारतीयों की जान गई है. इनमें से सबसे हालिया हमला पहलगाम में पर्यटकों पर किया गया आतंकी हमला था. इस पूरी अवधि में भारत ने असाधारण धैर्य और उदारता दिखाई है.
हरीश ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारत में प्रायोजित सीमापार आतंकवाद नागरिकों के जीवन, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाने का प्रयास है. हरीश ने बताया कि भारत ने पिछले दो वर्षों में कई मौकों पर औपचारिक रूप से पाकिस्तान से संधि में संशोधन पर चर्चा करने के लिए कहा है. हालांकि इस्लामाबाद इनसे इनकार करता रहा है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान का बाधाकारी दृष्टिकोण भारत को वैध अधिकारों के पूर्ण उपयोग से रोकता है."
इसके अलावा हरीश ने कहा कि बीते 65 वर्षों में सीमा पार आतंकवादी हमलों के कारण सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ने से कई दूरगामी परिणाम हुए हैं. इसके साथ ही स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, जलवायु परिवर्तन और जनसांख्यिकीय परिवर्तन की बढ़ती जरूरतें भी सामने आई हैं.
उन्होंने कहा, "बांध के बुनियादी ढांचे के लिए प्रौद्योगिकी में बदलाव किया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि संचालन और पानी के उपयोग की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित की जा सके. कुछ पुराने बांध गंभीर सुरक्षा चिंताओं का सामना कर रहे हैं." उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने इस बुनियादी ढांचे में किसी भी बदलाव और प्रावधानों में किसी भी संशोधन को "लगातार रोकना" जारी रखा है, जो संधि के तहत स्वीकार्य है.
उन्होंने कहा कि 2012 में आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में तुलबुल नेविगेशन परियोजना पर भी हमला किया था. “ये निंदनीय कृत्य हमारी परियोजनाओं और नागरिकों के जीवन की सुरक्षा को खतरे में डालते रहते हैं.
"इसी पृष्ठभूमि में भारत ने आखिरकार घोषणा की है कि जब तक पाकिस्तान, जो आतंक का वैश्विक केंद्र है, सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से खत्म नहीं कर देता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी. यह स्पष्ट है कि यह पाकिस्तान ही है, जो सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है."
इससे पहले दिन में हरीश ने 'सशस्त्र संघर्ष में नागरिकों की सुरक्षा' पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में पाकिस्तान को कई कई प्रहार किए. उन्होंने पाकिस्तान के "घोर पाखंडी" व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि एक ऐसा देश जो आतंकवादियों और नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं करता. उसके पास नागरिकों की सुरक्षा के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है.
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद द्वारा कश्मीर मुद्दे को उठाने और दो परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच हालिया संघर्ष के बारे में अपने देश का पक्ष रखा. इसके बाद हरीश ने पाकिस्तान के निराधार आरोपों की निंदा की और कहा कि भारत ने अपनी सीमाओं पर दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों का अनुभव किया है. “इसमें मुंबई शहर पर हुए भीषण 26/11 हमले से लेकर अप्रैल 2025 में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की बर्बर सामूहिक हत्या तक शामिल है. पाकिस्तानी आतंकवाद के शिकार मुख्य रूप से नागरिक रहे हैं, क्योंकि इसका उद्देश्य हमारी समृद्धि, प्रगति और मनोबल पर हमला करना रहा है. ऐसे राष्ट्र के लिए नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा में भाग लेना भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का अपमान है.”
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया. इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया. इसके तहत उसने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए. जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की.
भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी कार्रवाई का कड़ा जवाब दिया. 10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ जमीनी शत्रुता खत्म हो गई. हरीश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए बार-बार नागरिक कवर का इस्तेमाल किया है.
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