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पाकिस्तानी संसद में छाया कश्मीर का मुद्दा, फिलीस्तीन पर पास हुआ प्रस्ताव - PAKISTAN PARLIAMENT ON KASHMIR

इजरायल-हमास वॉर के बीच पाकिस्तानी संसद में जम्मू कश्मीर और फिलीस्तीन का मुद्दा छाया रहा. फिलिस्तीन पर प्रस्ताव पास हुआ.

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पाकिस्तानी संसद में कश्मीर का मुद्दा छाया रहा. (ETV Bharat (File Photo))
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 15, 2025 at 12:29 PM IST

5 Min Read

इस्लामाबाद: दुनिया भर में इजरायल-हमास वॉर के बीच पाकिस्तानी संसद में जम्मू कश्मीर और फिलीस्तीन के मुद्दे सांसदों ने आग उगला और इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया. इसमें मुसलमानों को एकजुट होने का आह्वान किया गया. साथ ही पाक संसद में फिलिस्तीन पर प्रस्ताव पारित हुआ. इस दौरान सांसदों ने कश्मीर पर भी खूब आंसू बहाए.

'इजरायल के बराबर ही चुप रहने वाले मुस्लिम देश दोषी'

पाक संसद में डिबेट के दौरान पाकिस्तानी सांसद साहिबजादा मोहम्मद हामिद रजा ने कहा कि मुसलमान कौम के लिए दो मसले हैं. ये दोनों मसले चिंताजनक हैं. इन दोनों में पहला फिलिस्तीन और दूसरा कश्मीर है. हामिद रजा ने दुनिया भर के मुसलमानों को आड़े हाथों लेते हुए इजरायल-हमास वॉर पर कहा कि जितना इजरायल इस हमले का दोषी है. उतने ही गुनहगार वे मुस्लिम देश भी हैं, जो मसले पर चुप हैं.

गाजा पट्टी में इजरायली हमलों को लेकर पाकिस्तानी संसद में प्रस्ताव पारित

गौर करें तो फिलिस्तीन के गाजा पट्टी में इजरायल के हमलों को लेकर पाकिस्तानी संसद में प्रस्ताव पारित हुआ. सोमवार को नेशनल असेंबली में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित हुआ. इस प्रस्ताव में इजरायल के हमलों की जोरदार तरीके से निंदा की गई. इसके डिबेट के दौरान जम्मू कश्मीर का जिक्र भी हुआ.

उस्मानी ने की मुस्लिम देशों से इजराइल के बहिष्कार की अपील

सांसद साहिबजादा मोहम्मद हामिद रजा ने कहा कि मुसलमान कौम के सामने दो महत्वपूर्ण मसले हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं. इनमें फिलिस्तीन और कश्मीर का मसला शामिल है. पाकिस्तानी संसद में हामिद रजा ने कहा कि जितना इजरायल इस हमले का दोषी है, उतने ही गुनहगार चुप रहने वाले मुसलमान देश भी हैं. उन्होंने कहा कि इजरायल का नरसंहार तो होलोकास्ट से भी 10 गुना बड़ा जुल्म हैं. इस दौरान मुफ्ती तकी उस्मानी ने मुस्लिम देशों से इजराइल का पूरी तरह से बहिष्कार करने की अपील की.

प्रस्ताव को सभी राजनीतिक दलों का मिला समर्थन

संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में कानून मंत्री आजम नजीर तरार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिला. प्रस्ताव में घरों, विद्यालयों, अस्पतालों और इबादत स्थलों सहित नागरिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाने की कड़ी निंदा की गई. प्रस्ताव में इजराइली बमबारी को बर्बर करार दिया गया.

अब तक गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 65,000

पाकिस्तानी संसद के सदस्यों ने इस मौके पर कहा कि जिस तरह से फिलिस्तीन पर हमले हो रहे हैं, वह हमारे लिए डूब मरने वाली बात है. प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि बीते महीने 18 मार्च को फिर से शुरू हुए इजराइली हमले में अब तक 1,600 निर्दोष फलस्तीनी मारे गए. इस तरह से देखा जाए तो अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इजरायल-हमास वॉर में गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 65,000 से अधिक हो गई है.

सांसद हामिद रजा ने कहा कि इसके मसले के हल के लिए सारे मुस्लिम देशों को एकजुट होना चाहिए. उन्होंने कहा पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन की मीटिंग बुलाए जाने की जरूरत पर जोर दिया. रजा ने जोर देकर कहाकि मुस्लिम देश इजरायल को वॉर्निंग दें कि गाजा में अत्याचार रुके और यदि ऐसा न हो पाए तो पूरी दुनिया में जिहाद का एलान किया जाए.

'फिलिस्तीन और कश्मीर एजेंडे मुसलमान पीछे हटे'

नेशनल असेंबली में चली इस डिबेट में सांसद अब्दुल कादिर पटेल ने कहा कि कश्मीर और फिलिस्तीन दो एजेंडे हैं. इन एजेंडों पर हमारे बुजुर्गों ने भी अपना स्टैंड क्लियर रखा था. मगर आज बदकिस्मती से ऐसी स्थिति है कि हम कश्मीर और फिलिस्तीन दोनों पर ही पीछे हट रहे हैं. सांसद ने दुखी मन से कहा कि हम सबको एक दिन कब्र में जाना ही है. वहां हमसे सवाल पूछा जाएगा कि जब कत्लेआम हो रहा था, तो कहां थे.

'शहबाज शरीफ गाजा का दौरा करें'

पाकिस्तानी सांसदों ने यह भी अपील की कि हमारे पीएम शहबाज शरीफ को गाजा जाना चाहिए. उन्हें फिलिस्तीन जाना चाहिए. वहां का बच्चा-बुजुर्ग, और औरतें सब पाकिस्तान की ओर देख रहे हैं. वे जानना चाहते हैं कि उनके बचाव के लिए आखिर हम क्या कर रहे हैं.

'80 लाख मौलवियों की दुआ नहीं हो रही है कबूल'

एक सांसद ने तो यहां तक कहा कि कुल 80 लाख यहूदी हैं और इतने तो पाकिस्तान में मौलवी हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या उनकी दुआएं कबूल नहीं हो रही है. यदि हर मौलवी की ही दुआ कबूल हो जाए तो इजरायल अपने आप ही खत्म हो जाएगा. इस दौरान उन्होंने एक शेर पढ़ा- कब अश्क बहाने से कटी है शब-ए-हिज्र. मतलब कब कोई बला सिर्फ दुआओं से टली है. इसके साथ ही उन्होंने मुसलमानों से इस जंग में उतरने की अपील की.

ये भी पढ़ें- गाजा का क्या है इतिहास? जिस पर ट्रंप चाहते हैं कब्जा, सदियों पुरानी है इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष की कहानी

इस्लामाबाद: दुनिया भर में इजरायल-हमास वॉर के बीच पाकिस्तानी संसद में जम्मू कश्मीर और फिलीस्तीन के मुद्दे सांसदों ने आग उगला और इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया. इसमें मुसलमानों को एकजुट होने का आह्वान किया गया. साथ ही पाक संसद में फिलिस्तीन पर प्रस्ताव पारित हुआ. इस दौरान सांसदों ने कश्मीर पर भी खूब आंसू बहाए.

'इजरायल के बराबर ही चुप रहने वाले मुस्लिम देश दोषी'

पाक संसद में डिबेट के दौरान पाकिस्तानी सांसद साहिबजादा मोहम्मद हामिद रजा ने कहा कि मुसलमान कौम के लिए दो मसले हैं. ये दोनों मसले चिंताजनक हैं. इन दोनों में पहला फिलिस्तीन और दूसरा कश्मीर है. हामिद रजा ने दुनिया भर के मुसलमानों को आड़े हाथों लेते हुए इजरायल-हमास वॉर पर कहा कि जितना इजरायल इस हमले का दोषी है. उतने ही गुनहगार वे मुस्लिम देश भी हैं, जो मसले पर चुप हैं.

गाजा पट्टी में इजरायली हमलों को लेकर पाकिस्तानी संसद में प्रस्ताव पारित

गौर करें तो फिलिस्तीन के गाजा पट्टी में इजरायल के हमलों को लेकर पाकिस्तानी संसद में प्रस्ताव पारित हुआ. सोमवार को नेशनल असेंबली में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित हुआ. इस प्रस्ताव में इजरायल के हमलों की जोरदार तरीके से निंदा की गई. इसके डिबेट के दौरान जम्मू कश्मीर का जिक्र भी हुआ.

उस्मानी ने की मुस्लिम देशों से इजराइल के बहिष्कार की अपील

सांसद साहिबजादा मोहम्मद हामिद रजा ने कहा कि मुसलमान कौम के सामने दो महत्वपूर्ण मसले हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं. इनमें फिलिस्तीन और कश्मीर का मसला शामिल है. पाकिस्तानी संसद में हामिद रजा ने कहा कि जितना इजरायल इस हमले का दोषी है, उतने ही गुनहगार चुप रहने वाले मुसलमान देश भी हैं. उन्होंने कहा कि इजरायल का नरसंहार तो होलोकास्ट से भी 10 गुना बड़ा जुल्म हैं. इस दौरान मुफ्ती तकी उस्मानी ने मुस्लिम देशों से इजराइल का पूरी तरह से बहिष्कार करने की अपील की.

प्रस्ताव को सभी राजनीतिक दलों का मिला समर्थन

संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में कानून मंत्री आजम नजीर तरार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिला. प्रस्ताव में घरों, विद्यालयों, अस्पतालों और इबादत स्थलों सहित नागरिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाने की कड़ी निंदा की गई. प्रस्ताव में इजराइली बमबारी को बर्बर करार दिया गया.

अब तक गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 65,000

पाकिस्तानी संसद के सदस्यों ने इस मौके पर कहा कि जिस तरह से फिलिस्तीन पर हमले हो रहे हैं, वह हमारे लिए डूब मरने वाली बात है. प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि बीते महीने 18 मार्च को फिर से शुरू हुए इजराइली हमले में अब तक 1,600 निर्दोष फलस्तीनी मारे गए. इस तरह से देखा जाए तो अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इजरायल-हमास वॉर में गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 65,000 से अधिक हो गई है.

सांसद हामिद रजा ने कहा कि इसके मसले के हल के लिए सारे मुस्लिम देशों को एकजुट होना चाहिए. उन्होंने कहा पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन की मीटिंग बुलाए जाने की जरूरत पर जोर दिया. रजा ने जोर देकर कहाकि मुस्लिम देश इजरायल को वॉर्निंग दें कि गाजा में अत्याचार रुके और यदि ऐसा न हो पाए तो पूरी दुनिया में जिहाद का एलान किया जाए.

'फिलिस्तीन और कश्मीर एजेंडे मुसलमान पीछे हटे'

नेशनल असेंबली में चली इस डिबेट में सांसद अब्दुल कादिर पटेल ने कहा कि कश्मीर और फिलिस्तीन दो एजेंडे हैं. इन एजेंडों पर हमारे बुजुर्गों ने भी अपना स्टैंड क्लियर रखा था. मगर आज बदकिस्मती से ऐसी स्थिति है कि हम कश्मीर और फिलिस्तीन दोनों पर ही पीछे हट रहे हैं. सांसद ने दुखी मन से कहा कि हम सबको एक दिन कब्र में जाना ही है. वहां हमसे सवाल पूछा जाएगा कि जब कत्लेआम हो रहा था, तो कहां थे.

'शहबाज शरीफ गाजा का दौरा करें'

पाकिस्तानी सांसदों ने यह भी अपील की कि हमारे पीएम शहबाज शरीफ को गाजा जाना चाहिए. उन्हें फिलिस्तीन जाना चाहिए. वहां का बच्चा-बुजुर्ग, और औरतें सब पाकिस्तान की ओर देख रहे हैं. वे जानना चाहते हैं कि उनके बचाव के लिए आखिर हम क्या कर रहे हैं.

'80 लाख मौलवियों की दुआ नहीं हो रही है कबूल'

एक सांसद ने तो यहां तक कहा कि कुल 80 लाख यहूदी हैं और इतने तो पाकिस्तान में मौलवी हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या उनकी दुआएं कबूल नहीं हो रही है. यदि हर मौलवी की ही दुआ कबूल हो जाए तो इजरायल अपने आप ही खत्म हो जाएगा. इस दौरान उन्होंने एक शेर पढ़ा- कब अश्क बहाने से कटी है शब-ए-हिज्र. मतलब कब कोई बला सिर्फ दुआओं से टली है. इसके साथ ही उन्होंने मुसलमानों से इस जंग में उतरने की अपील की.

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