ETV Bharat / international

पाकिस्तान में इजराइल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन, टीएलपी के 170 समर्थक हिरासत में

कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने टीएलपी समर्थकों को राजधानी की ओर बढ़ने से रोकने के लिए खाइयां खोदीं और रास्ते बंद कर दिए.

Protests against Israel in Pakistan
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए तैनात सुरक्षाकर्मी. (ANI)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : October 13, 2025 at 2:04 PM IST

4 Min Read
Choose ETV Bharat

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा स्थिति और बिगड़ रही है. अधिकारियों ने रविवार को दक्षिणपंथी इस्लामी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने डॉन की रिपोर्ट के अनुसार बताया है कि, पाकिस्तान के पंजाब में कम से कम 170 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इस्लामाबाद में पार्टी की मार्च को रोकने के लिए मार्गों को सील कर दिया गया है.

रविवार तड़के पुलिस और पाकिस्तान रेंजर्स की बड़ी टुकड़ियां मुरीदके में तैनात कर दी गईं. टीएलपी के विरोध शिविर को घेर लिया गया. ऐसा लग रहा था कि यह किसी बड़े अभियान की तैयारी है. खबरों के अनुसार, कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने टीएलपी समर्थकों को राजधानी की ओर बढ़ने से रोकने के लिए खाइयां खोदीं और रास्ते बंद कर दिए.

इससे पहले, टीएलपी समर्थकों ने लाहौर के पास और इस्लामाबाद से लगभग चार घंटे की दूरी पर स्थित मुरीदके में डेरा डाल रखा था. यह समूह फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजराइल विरोधी प्रदर्शन करने हेतु राजधानी पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहा है. यह घटना ऐसे समय में घटित हो रही है जब इजराइल और हमास अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में बंधकों को रिहा करने की तैयारी कर रहे हैं.

इजराइली रक्षा बल (आईडीएफ) और इजराइली अधिकारी बंधकों के स्वागत की तैयारियां कर रहे हैं, जो दो साल से चल रहे गाज़ा युद्ध के अंत का संकेत हो सकता है. द टाइम्स ऑफ़ इज़राइल के अनुसार, गाज़ा में हमास आतंकवादी समूह द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई सोमवार सुबह से शुरू होने की उम्मीद है. लेकिन पाकिस्तान में, विरोध प्रदर्शन तेज हो रहे हैं.

समूह के समर्थकों द्वारा मुरीदके से आगे बढ़ने की दो अलग-अलग कोशिशें पुलिस द्वारा बल प्रयोग और आंसू गैस के गोले दागकर नाकाम कर दी गईं. पाकिस्तान में अशांति लाहौर के शाहदरा इलाके में पुलिस प्रतिष्ठानों पर हिंसक हमलों की खबरों के बाद शुरू हुई, जहां टीएलपी समर्थकों ने कथित तौर पर 18 सरकारी मोटरसाइकिलें लूट लीं, बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया और बंदूक की नोक पर सरकारी वाहनों को जब्त कर लिया. कुछ पुलिसकर्मियों के लापता होने की खबर है. आशंका जतायी जा रही है कि झड़पों के दौरान उनका अपहरण कर लिया गया होगा.

टीएलपी प्रमुख साद रिज़वी ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और अधिकारियों पर उनके समर्थकों के ख़िलाफ़ "घातक हथियारों" का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "हम बातचीत के लिए तैयार हैं." उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर रही है, जबकि उन्होंने इस्लामाबाद तक मार्च की इजाज़त नहीं दी थी.

उन्होंने कहा कि यह रैली फ़िलिस्तीन के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए थी. उन्होंने दोहराया कि "पाकिस्तान को इज़राइल को मान्यता नहीं देनी चाहिए." हालांकि, रिज़वी ने समर्थकों से आग्रह किया कि वे "शांत रहें और उनके अगले आदेशों की प्रतीक्षा करें" जब तक वह आंतरिक विचार-विमर्श करते रहें.

तनाव बढ़ने के बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए गृह मंत्री मोहसिन नक़वी के साथ बैठक की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि नक़वी ने उन्हें आतंकवाद-रोधी प्रयासों और स्थिति को स्थिर करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी.

इसे भी पढ़ेंः