इस्लामाबाद : पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तोरखम सीमा को दोनों पक्षों के जिरगा सदस्यों के बीच वार्ता के बाद 27 दिनों बाद बुधवार को फिर से खोल दिया गया. यह जानकारी मीडिया की एक खबर से मिली. अफगान सरकार द्वारा एक सीमा चौकी के निर्माण से संबंधित विवाद के चलते पाकिस्तान द्वारा इस सीमा को बंद किये जाने के बाद 21 फरवरी को सीमापार आवाजाही रुक गई थी.
पाकिस्तानी जिरगा (कबायली परिषद) के प्रमुख सैयद जवाद हुसैन काजमी ने ‘डॉन’ अखबार को बताया कि सीमा को मालवाहक वाहनों के लिए खोल दिया गया है. उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान की ओर से गोलीबारी में क्षतिग्रस्त हुए पाकिस्तानी सीमा शुल्क ढांचे की मरम्मत के बाद इसे शुक्रवार को पैदल यात्रियों और मरीजों के लिए फिर से खोल दिया जाएगा.
अखबार ने काजमी के हवाले से बताया कि सीमा को फिर से खोलने का निर्णय बुधवार को अफगान की ओर तोरखम में हुई एक बैठक में लिया गया. तोरखम सीमा क्रॉसिंग दोनों देशों के बीच सबसे महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग है. इसके जरिए लगभग 3 मिलियन डॉलर का दैनिक व्यापार होता है और 10,000 से अधिक लोगों की आवाजाही होती है.
हालांकि, 21 फरवरी को, समस्या तब सामने आई, जब अफगान बलों ने सीमा के पास एक सैन्य चौकी बनाने का प्रयास किया. पाकिस्तान के फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) ने निर्माण पर आपत्ति जताई. उन्होंने यह दावा करते हुए कहा कि चौकी का निर्माण सीमा के पाकिस्तानी हिस्से में किया जा रहा था। इसके कारण सीमा क्रॉसिंग को बंद करना पड़ा. 9 मार्च को, पाकिस्तानी जिरगा ने अफ़गान चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, जिसमें सीमा को फिर से खोलने पर सहमति बनी.
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