तेलअवीव: इजराइल ने फलीस्तीनी क्षेत्र में अपनी आक्रामकता तेज कर दी है. एपी की रिपोर्ट के रविवार को हुए इजराइली हमलों में कम से कम 66 लोग मारे गए. हालांकि, बाद में यह संख्या बढ़कर 103 हो गई. अस्पतालों और चिकित्सकों ने बताया कि मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
यह रक्तपात ऐसे समय में हुआ है जब इजराइल ने गाजा में अपने युद्ध को और तेज कर दिया है, जिसके बारे में उसका कहना है कि इसका उद्देश्य हमास पर अस्थायी युद्धविराम के लिए दबाव बढ़ाना है. फिलहाल इजराइली सेना ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की.
'विस्थापितों के तंबू को निशाना बनाया'
वहीं, अलजजीरा की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन हमलों में मरने वालों की संख्या कम से कम 125 हो गई है. इस हमले को लेकर हमास ने कहा कि विस्थापितों के तंबू को निशाना बनाना और उन्हें जला देना, जबकि अंदर नागरिक मौजूद हैं. एक क्रूर अपराध है जो युद्ध अपराधी नेतन्याहू की सरकार के फासीवाद और सभी मानवीय कानूनों और मानदंडों के उसके घोर उल्लंघन को दर्शाता है.
सिविल डिफेंस के प्रवक्ता का बयान
इससे पहले सिविल डिफेंस के प्रवक्ता महमूद बस्सल ने AFP को बताया कि दक्षिणी गाजा पट्टी के अल-मवासी में विस्थापित फिलिस्तीनियों को आश्रय देने वाले तंबुओं पर तड़के हुए हमले में 22 लोग मारे गए और कम से कम 100 अन्य घायल हो गए.
इजराइल का अभियान में तेजी लाने का ऐलान
रिपोर्ट के मुताबिक इन हमलों से पहले इजराइली सेना ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह 19 महीने से अधिक समय से चल रहे युद्ध के बाद हमास आतंकवादियों को हराने के लिए गाजा में अपने अभियान को तेज करने जा रही है.
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