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क्या खत्म होगा इजराइल-ईरान वॉर; जानिए क्यों नाकाम हो रहीं पश्चिम देशों की कोशिशें - IRAN ISRAEL WAR NO END

इजराइल-ईरान युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों और ईरानी अधिकारियों के बीच हुई मैराथन बैठक बगैर किसी नतीजे के खत्म हो गई.

IRAN ISRAEL WAR NO END
तेहरान में 20 जून, 2025 को जुमे की नमाज के बाद ईरान के कई शहरों पर इजराइली हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन. (AP)
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By AP (Associated Press)

Published : June 21, 2025 at 11:01 AM IST

10 Min Read

तेल अवीव: इजराइल और ईरान के बीच युद्ध के एक हफ़्ते बाद शुक्रवार को एक-दूसरे पर हमला हुआ, जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल के साथ अमेरिकी सैन्य भागीदारी पर विचार किया. साथ ही प्रमुख यूरोपीय मंत्रियों ने संघर्ष को कम करने के लिए जिनेवा में ईरान के शीर्ष राजनयिक से मुलाकात की. बावजूद इसके कोई ठोस नतीजा नहीं निकला.

इजराइल-ईरान वॉर को लेकर पश्चिमी देशों और ईरानी अधिकारियों के बीच पहली आमने-सामने की बैठक चार घंटे के बाद समाप्त हो गई, लेकिन तत्काल कोई सफलता नहीं मिली. इस तरह से यूरोप के कूटनीतिक प्रयासों को कोई सफलता नहीं मिली. नतीजा ये है कि इजराइल और ईरान के बीच गोलीबारी जारी है.

उधर कूटनीति को एक मौका देने के लिए, ट्रंप ने कहा कि वह ईरान के खिलाफ इजराइल के हवाई अभियान में शामिल होने के बारे में निर्णय लेने में दो सप्ताह तक की देरी करेंगे.

अमेरिका की भागीदारी में सबसे अधिक संभावना ईरान की भूमिगत फोर्डो यूरेनियम संवर्धन सुविधा के खिलाफ हमले शामिल होंगे. ऐसा माना जाता है कि अमेरिका के "बंकर-बस्टर" बमों को छोड़कर भूमिगत फोर्डो यूरेनियम संवर्धन सुविधा को मिटाने की ताकत किसी के पास नहीं है.

वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान में इजरायल का सैन्य अभियान “जितना समय लगेगा” जारी रहेगा. उन्होने कहाकि ये तब तक होगा जब तक ईरान के परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइलों के शस्त्रागार का अस्तित्व मिट ना जाए. इजराइल के शीर्ष जनरल ने चेतावनी दोहराते हुए कहा कि इजराइली सेना “लंबे अभियान के लिए तैयार है.”

उधर स्विट्जरलैंड के जिनेवा में वार्ता समाप्त होने के बाद, यूरोपीय अधिकारियों ने भविष्य की वार्ता के लिए आशा व्यक्त की. ईरान के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि वह आगे की बातचीत के लिए तैयार हैं.

लेकिन विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस बात पर जोर दिया कि तेहरान को अमेरिका के साथ बातचीत करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, जबकि इजरायल लगातार हमला कर रहा है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "अगर आक्रमण बंद हो जाता है और हमलावर को उसके किए गए अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाता है, तो ईरान कूटनीति पर विचार करने के लिए तैयार है." अगले दौर की वार्ता के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई.

ईरान ने प्रतिबंधों में छूट के बदले में 2015 में अमेरिका, फ्रांस, चीन, रूस, ब्रिटेन और जर्मनी के साथ हुए समझौते के तहत अपने यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने और अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों को अपने परमाणु स्थलों तक पहुंच की अनुमति देने पर सहमति जताई थी. लेकिन ट्रंप द्वारा अपने पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका को एकतरफा तरीके से इस समझौते से बाहर निकालने के बाद, ईरान ने 60% तक यूरेनियम संवर्धन करना शुरू कर दिया. अब ये हालात बन गए हैं कि वो परुणाम हथियार बनाने योग्य यूरेनियम बनाने की कगार पर है.

इजराइल ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने मिसाइल निर्माण सुविधाओं सहित ईरान के दर्जनों सैन्य ठिकानों पर हमला किया. जिसके बाद एक ईरानी मिसाइल इजराइल के उत्तरी शहर हाइफा में जा गिरी. इससे भूमध्य सागर के बंदरगाह पर धुएं का गुबार छा गया और कम से कम 31 लोग घायल हो गए.

इजराइल और ईरान के बीच युद्ध 13 जून को शुरू हुआ. इसमें इजराइली हवाई हमलों ने परमाणु और सैन्य स्थलों, शीर्ष जनरलों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया. वॉशिंगटन स्थित ईरानी मानवाधिकार समूह के मुताबिक, ईरान में 263 नागरिकों समेत कम से कम 657 लोग मारे गए हैं और 2,000 से अधिक घायल हुए हैं.

इजराइली सेना के अनुमान के अनुसार, ईरान ने इजराइल पर 450 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन दागकर जवाबी कार्रवाई की है. ईरान की अधिकतर मिसाइलों को इजराइल की बहुस्तरीय हवाई सुरक्षा द्वारा मार गिराया गया है. वहीं ईरान के इस अटैक में इजराइल में कम से कम 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं.

ईरान के परमाणु रिएक्टरों पर हमले के खतरों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने ईरान के परमाणु रिएक्टरों, विशेष रूप से दक्षिणी शहर बुशहर में स्थित इसके एकमात्र वाणिज्यिक परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमलों के खिलाफ चेतावनी दी.

संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा, "मैं यह पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहता हूं: बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमले की स्थिति में, सीधे हमले से पर्यावरण में बहुत अधिक रेडियोधर्मिता फैल सकती है." "यह ईरान का वह परमाणु स्थल है जहां परिणाम सबसे गंभीर हो सकते हैं."

इजराइल ने ईरान के परमाणु रिएक्टरों को निशाना नहीं बनाया है, बल्कि उसने नतांज में मुख्य यूरेनियम संवर्धन सुविधा, तेहरान के पास सेंट्रीफ्यूज कार्यशालाओं, इस्फ़हान में प्रयोगशालाओं और राजधानी के दक्षिण-पश्चिम में देश के अराक भारी पानी रिएक्टर पर अपने हमले केंद्रित किए हैं. ग्रॉसी ने बार-बार चेतावनी दी है कि ऐसी जगहों को सैन्य लक्ष्य नहीं बनाया जाना चाहिए.

गुरुवार को अराक भारी पानी रिएक्टर पर इजराइल के हमलों से कोई स्पष्ट नुकसान नहीं होने की रिपोर्ट करने के बाद, IAEA ने शुक्रवार को कहा कि उसने आकलन किया है कि आसवन इकाई सहित "सुविधा में प्रमुख इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं."

निगरानी संस्था ने कहा कि रिएक्टर चालू नहीं था और उसमें कोई परमाणु सामग्री नहीं थी, इसलिए नुकसान से संदूषण का कोई खतरा नहीं था.

हालांकि नतांज जैसी यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं पर हमले से रेडियोलॉजिकल संदूषण का खतरा हो सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि रूस द्वारा निर्मित बुशहर बिजली संयंत्र जैसे रिएक्टरों की तुलना में गंभीर घटना की संभावना बहुत कम है.

नेतन्याहू के साथ बातचीत के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उन्होंने प्लांट में काम करने वाले रूसी कर्मचारियों को किसी भी तरह के खतरे से दूर रखने के लिए इजराइल से वादा हासिल कर लिया है. ईरान ने लंबे समय से कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. लेकिन यह 60% तक यूरेनियम को समृद्ध करने वाला एकमात्र गैर-परमाणु-हथियार वाला देश है.

उधर माना जाता है कि इजरायल एकमात्र मध्य पूर्वी देश है, जिसके पास परमाणु हथियार कार्यक्रम है, लेकिन उसने कभी इसे स्वीकार नहीं किया. इजरायल ने कहा कि आगे ‘कठिन दिन’ आने वाले हैं

शुक्रवार की सुबह दर्जनों इजराइली युद्धक विमानों ने देश भर में कई ठिकानों पर हमला किया, जिसमें उत्तर में औद्योगिक स्थल, पश्चिम में मिसाइल भंडारण और लांचर तथा तेहरान में एक उन्नत शोध संस्थान का मुख्यालय शामिल है. इसे SPND के नाम से जाना जाता है. अमेरिका का आरोप है कि SPND ने शोध और परीक्षण किया है, जो परमाणु विस्फोटक उपकरणों के विकास के लिए उपयुक्त हो सकता है.

ईरानी सरकारी मीडिया ने कैस्पियन सागर के तट पर स्थित रश्त के एक औद्योगिक क्षेत्र में इज़रायली हमलों से विस्फोटों की सूचना दी. इजराइली सेना ने लोगों को शहर के डाउनटाउन के दक्षिण-पश्चिम में रश्त के औद्योगिक शहर के आसपास के क्षेत्र को खाली करने की चेतावनी दी थी. लेकिन ईरान के इंटरनेट बंद होने के कारण - अब 48 घंटे से अधिक समय हो गया है - यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोग संदेश देख सकते हैं.

ईरान के साथ संघर्ष में इजराइली सेना की "महत्वपूर्ण उपलब्धियों" की प्रशंसा करते हुए, सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने चेतावनी दी कि "अब भी कठिन दिन आने वाले हैं." उन्होंने रिकॉर्ड की गई टिप्पणियों में कहा, "हम संभावित विकास की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए तैयारी कर रहे हैं."

उन्होंने ईरान के खिलाफ हमले को इजराइल के इतिहास में सबसे जटिल बताया. "अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है." इस सप्ताह ईरानी मिसाइल हमले में मारे गए वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस के खंडहरों से, नेतन्याहू ने यह भी कसम खाई कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के लिए इजराइल तब तक लड़ेगा, जब तक आवश्यक हो. उन्होंने इसे "अस्तित्व का खतरा" कहा है.

ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर हाल की बातचीत में यूरेनियम को समृद्ध करने के अपने अधिकार पर जोर दिया है. लेकिन ट्रंप ने, इज़राइल की तरह, ईरान से अपने संवर्धन कार्यक्रम को पूरी तरह से समाप्त करने की मांग की है.

ईरान द्वारा ऊर्जा के लिए असैन्य परमाणु संयंत्र विकसित करने के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने संदेह व्यक्त किया. उन्होंने शुक्रवार को कहा, "आप दुनिया में कहीं भी सबसे बड़े तेल के ढेर पर बैठे हैं." "यह समझना थोड़ा मुश्किल है कि आपको इसकी आवश्यकता क्यों है."

इजराइली सेना का मानना ​​है कि उसने ईरान के अधिकतर बैलिस्टिक मिसाइल लांचर को नष्ट कर दिया है. इससे ईरानी हमलों में लगातार कमी आई है.

वहीं शुक्रवार को ईरान द्वारा दागी गई तीन दर्जन मिसाइलों में से कई मिसाइलें इजराइल की हवाई रक्षा प्रणाली से बच गईं. इसकी वजह से पूरे देश में हवाई हमले के सायरन बजने लगे और दक्षिणी शहर बीरशेबा के एक रिहायशी इलाके में छर्रे उड़कर आ गिरे. इसी कड़ी में एक अस्पताल को निशाना बनाया गया.

हमले में कुछ कारों को आग के हवाले कर दिया गया, लेकिन कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ. इजराइली सेना ने कहा कि ईरान ने शुक्रवार को बीरशेबा पर अपने हमले में दूसरी बार विखंडनकारी क्लस्टर हथियारों से लैस मिसाइल दागी थीं.

उत्तरी इजराइल में, हाइफा शहर के डाउनटाउन में एक मिसाइल गिरी. इस हमले में कम से कम 31 लोग घायल हो गए. शहर के रामबाम मेडिकल सेंटर के अनुसार शहर के मुख्य बंदरगाह पर काला धुआं उठ गया. विस्फोट से एक मस्जिद सहित कई इमारतों की खिड़कियां और दीवारें उड़ गईं. इजराइली राष्ट्रपति इसाक हर्ज़ोग ने विनाश की तस्वीरें साझा कीं और कहा कि हमले में कई मुस्लिम मौलवी और उपासक घायल हो गए.

ये भी पढ़ें- इजराइल-ईरान युद्ध के बीच पैलेस्टाइन एक्शन का दावा, ब्रिटिश सैन्य विमान किए क्षतिग्रस्त

तेल अवीव: इजराइल और ईरान के बीच युद्ध के एक हफ़्ते बाद शुक्रवार को एक-दूसरे पर हमला हुआ, जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल के साथ अमेरिकी सैन्य भागीदारी पर विचार किया. साथ ही प्रमुख यूरोपीय मंत्रियों ने संघर्ष को कम करने के लिए जिनेवा में ईरान के शीर्ष राजनयिक से मुलाकात की. बावजूद इसके कोई ठोस नतीजा नहीं निकला.

इजराइल-ईरान वॉर को लेकर पश्चिमी देशों और ईरानी अधिकारियों के बीच पहली आमने-सामने की बैठक चार घंटे के बाद समाप्त हो गई, लेकिन तत्काल कोई सफलता नहीं मिली. इस तरह से यूरोप के कूटनीतिक प्रयासों को कोई सफलता नहीं मिली. नतीजा ये है कि इजराइल और ईरान के बीच गोलीबारी जारी है.

उधर कूटनीति को एक मौका देने के लिए, ट्रंप ने कहा कि वह ईरान के खिलाफ इजराइल के हवाई अभियान में शामिल होने के बारे में निर्णय लेने में दो सप्ताह तक की देरी करेंगे.

अमेरिका की भागीदारी में सबसे अधिक संभावना ईरान की भूमिगत फोर्डो यूरेनियम संवर्धन सुविधा के खिलाफ हमले शामिल होंगे. ऐसा माना जाता है कि अमेरिका के "बंकर-बस्टर" बमों को छोड़कर भूमिगत फोर्डो यूरेनियम संवर्धन सुविधा को मिटाने की ताकत किसी के पास नहीं है.

वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान में इजरायल का सैन्य अभियान “जितना समय लगेगा” जारी रहेगा. उन्होने कहाकि ये तब तक होगा जब तक ईरान के परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइलों के शस्त्रागार का अस्तित्व मिट ना जाए. इजराइल के शीर्ष जनरल ने चेतावनी दोहराते हुए कहा कि इजराइली सेना “लंबे अभियान के लिए तैयार है.”

उधर स्विट्जरलैंड के जिनेवा में वार्ता समाप्त होने के बाद, यूरोपीय अधिकारियों ने भविष्य की वार्ता के लिए आशा व्यक्त की. ईरान के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि वह आगे की बातचीत के लिए तैयार हैं.

लेकिन विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस बात पर जोर दिया कि तेहरान को अमेरिका के साथ बातचीत करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, जबकि इजरायल लगातार हमला कर रहा है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "अगर आक्रमण बंद हो जाता है और हमलावर को उसके किए गए अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाता है, तो ईरान कूटनीति पर विचार करने के लिए तैयार है." अगले दौर की वार्ता के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई.

ईरान ने प्रतिबंधों में छूट के बदले में 2015 में अमेरिका, फ्रांस, चीन, रूस, ब्रिटेन और जर्मनी के साथ हुए समझौते के तहत अपने यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने और अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों को अपने परमाणु स्थलों तक पहुंच की अनुमति देने पर सहमति जताई थी. लेकिन ट्रंप द्वारा अपने पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका को एकतरफा तरीके से इस समझौते से बाहर निकालने के बाद, ईरान ने 60% तक यूरेनियम संवर्धन करना शुरू कर दिया. अब ये हालात बन गए हैं कि वो परुणाम हथियार बनाने योग्य यूरेनियम बनाने की कगार पर है.

इजराइल ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने मिसाइल निर्माण सुविधाओं सहित ईरान के दर्जनों सैन्य ठिकानों पर हमला किया. जिसके बाद एक ईरानी मिसाइल इजराइल के उत्तरी शहर हाइफा में जा गिरी. इससे भूमध्य सागर के बंदरगाह पर धुएं का गुबार छा गया और कम से कम 31 लोग घायल हो गए.

इजराइल और ईरान के बीच युद्ध 13 जून को शुरू हुआ. इसमें इजराइली हवाई हमलों ने परमाणु और सैन्य स्थलों, शीर्ष जनरलों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया. वॉशिंगटन स्थित ईरानी मानवाधिकार समूह के मुताबिक, ईरान में 263 नागरिकों समेत कम से कम 657 लोग मारे गए हैं और 2,000 से अधिक घायल हुए हैं.

इजराइली सेना के अनुमान के अनुसार, ईरान ने इजराइल पर 450 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन दागकर जवाबी कार्रवाई की है. ईरान की अधिकतर मिसाइलों को इजराइल की बहुस्तरीय हवाई सुरक्षा द्वारा मार गिराया गया है. वहीं ईरान के इस अटैक में इजराइल में कम से कम 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं.

ईरान के परमाणु रिएक्टरों पर हमले के खतरों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने ईरान के परमाणु रिएक्टरों, विशेष रूप से दक्षिणी शहर बुशहर में स्थित इसके एकमात्र वाणिज्यिक परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमलों के खिलाफ चेतावनी दी.

संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा, "मैं यह पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहता हूं: बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमले की स्थिति में, सीधे हमले से पर्यावरण में बहुत अधिक रेडियोधर्मिता फैल सकती है." "यह ईरान का वह परमाणु स्थल है जहां परिणाम सबसे गंभीर हो सकते हैं."

इजराइल ने ईरान के परमाणु रिएक्टरों को निशाना नहीं बनाया है, बल्कि उसने नतांज में मुख्य यूरेनियम संवर्धन सुविधा, तेहरान के पास सेंट्रीफ्यूज कार्यशालाओं, इस्फ़हान में प्रयोगशालाओं और राजधानी के दक्षिण-पश्चिम में देश के अराक भारी पानी रिएक्टर पर अपने हमले केंद्रित किए हैं. ग्रॉसी ने बार-बार चेतावनी दी है कि ऐसी जगहों को सैन्य लक्ष्य नहीं बनाया जाना चाहिए.

गुरुवार को अराक भारी पानी रिएक्टर पर इजराइल के हमलों से कोई स्पष्ट नुकसान नहीं होने की रिपोर्ट करने के बाद, IAEA ने शुक्रवार को कहा कि उसने आकलन किया है कि आसवन इकाई सहित "सुविधा में प्रमुख इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं."

निगरानी संस्था ने कहा कि रिएक्टर चालू नहीं था और उसमें कोई परमाणु सामग्री नहीं थी, इसलिए नुकसान से संदूषण का कोई खतरा नहीं था.

हालांकि नतांज जैसी यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं पर हमले से रेडियोलॉजिकल संदूषण का खतरा हो सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि रूस द्वारा निर्मित बुशहर बिजली संयंत्र जैसे रिएक्टरों की तुलना में गंभीर घटना की संभावना बहुत कम है.

नेतन्याहू के साथ बातचीत के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उन्होंने प्लांट में काम करने वाले रूसी कर्मचारियों को किसी भी तरह के खतरे से दूर रखने के लिए इजराइल से वादा हासिल कर लिया है. ईरान ने लंबे समय से कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. लेकिन यह 60% तक यूरेनियम को समृद्ध करने वाला एकमात्र गैर-परमाणु-हथियार वाला देश है.

उधर माना जाता है कि इजरायल एकमात्र मध्य पूर्वी देश है, जिसके पास परमाणु हथियार कार्यक्रम है, लेकिन उसने कभी इसे स्वीकार नहीं किया. इजरायल ने कहा कि आगे ‘कठिन दिन’ आने वाले हैं

शुक्रवार की सुबह दर्जनों इजराइली युद्धक विमानों ने देश भर में कई ठिकानों पर हमला किया, जिसमें उत्तर में औद्योगिक स्थल, पश्चिम में मिसाइल भंडारण और लांचर तथा तेहरान में एक उन्नत शोध संस्थान का मुख्यालय शामिल है. इसे SPND के नाम से जाना जाता है. अमेरिका का आरोप है कि SPND ने शोध और परीक्षण किया है, जो परमाणु विस्फोटक उपकरणों के विकास के लिए उपयुक्त हो सकता है.

ईरानी सरकारी मीडिया ने कैस्पियन सागर के तट पर स्थित रश्त के एक औद्योगिक क्षेत्र में इज़रायली हमलों से विस्फोटों की सूचना दी. इजराइली सेना ने लोगों को शहर के डाउनटाउन के दक्षिण-पश्चिम में रश्त के औद्योगिक शहर के आसपास के क्षेत्र को खाली करने की चेतावनी दी थी. लेकिन ईरान के इंटरनेट बंद होने के कारण - अब 48 घंटे से अधिक समय हो गया है - यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोग संदेश देख सकते हैं.

ईरान के साथ संघर्ष में इजराइली सेना की "महत्वपूर्ण उपलब्धियों" की प्रशंसा करते हुए, सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने चेतावनी दी कि "अब भी कठिन दिन आने वाले हैं." उन्होंने रिकॉर्ड की गई टिप्पणियों में कहा, "हम संभावित विकास की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए तैयारी कर रहे हैं."

उन्होंने ईरान के खिलाफ हमले को इजराइल के इतिहास में सबसे जटिल बताया. "अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है." इस सप्ताह ईरानी मिसाइल हमले में मारे गए वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस के खंडहरों से, नेतन्याहू ने यह भी कसम खाई कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के लिए इजराइल तब तक लड़ेगा, जब तक आवश्यक हो. उन्होंने इसे "अस्तित्व का खतरा" कहा है.

ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर हाल की बातचीत में यूरेनियम को समृद्ध करने के अपने अधिकार पर जोर दिया है. लेकिन ट्रंप ने, इज़राइल की तरह, ईरान से अपने संवर्धन कार्यक्रम को पूरी तरह से समाप्त करने की मांग की है.

ईरान द्वारा ऊर्जा के लिए असैन्य परमाणु संयंत्र विकसित करने के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने संदेह व्यक्त किया. उन्होंने शुक्रवार को कहा, "आप दुनिया में कहीं भी सबसे बड़े तेल के ढेर पर बैठे हैं." "यह समझना थोड़ा मुश्किल है कि आपको इसकी आवश्यकता क्यों है."

इजराइली सेना का मानना ​​है कि उसने ईरान के अधिकतर बैलिस्टिक मिसाइल लांचर को नष्ट कर दिया है. इससे ईरानी हमलों में लगातार कमी आई है.

वहीं शुक्रवार को ईरान द्वारा दागी गई तीन दर्जन मिसाइलों में से कई मिसाइलें इजराइल की हवाई रक्षा प्रणाली से बच गईं. इसकी वजह से पूरे देश में हवाई हमले के सायरन बजने लगे और दक्षिणी शहर बीरशेबा के एक रिहायशी इलाके में छर्रे उड़कर आ गिरे. इसी कड़ी में एक अस्पताल को निशाना बनाया गया.

हमले में कुछ कारों को आग के हवाले कर दिया गया, लेकिन कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ. इजराइली सेना ने कहा कि ईरान ने शुक्रवार को बीरशेबा पर अपने हमले में दूसरी बार विखंडनकारी क्लस्टर हथियारों से लैस मिसाइल दागी थीं.

उत्तरी इजराइल में, हाइफा शहर के डाउनटाउन में एक मिसाइल गिरी. इस हमले में कम से कम 31 लोग घायल हो गए. शहर के रामबाम मेडिकल सेंटर के अनुसार शहर के मुख्य बंदरगाह पर काला धुआं उठ गया. विस्फोट से एक मस्जिद सहित कई इमारतों की खिड़कियां और दीवारें उड़ गईं. इजराइली राष्ट्रपति इसाक हर्ज़ोग ने विनाश की तस्वीरें साझा कीं और कहा कि हमले में कई मुस्लिम मौलवी और उपासक घायल हो गए.

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