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पाकिस्तान को लोन देकर टेंशन में आया IMF, 11 शर्तों के साथ दी चेतावनी - IMF NEW CONDITIONS FOR PAKISTAN

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच IMF ने पाकिस्तान को मदद दी, लेकिन अब अगली किश्त के लिए 11 नई शर्तें लगाकर झटका दिया है.

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IMF (ani)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 18, 2025 at 5:55 PM IST

2 Min Read

इस्लामाबाद: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा 1 बिलियन डॉलर का ऋण प्रदान किया गया, लेकिन आतंकवाद को कथित तौर पर समर्थन देने के कारण पाकिस्तान को यह वित्तीय मदद देने पर IMF की आलोचना हुई. अब IMF को डर है कि पाकिस्तान को दिया गया यह ऋण डूब सकता है, जिसके चलते अगली किस्त जारी करने से पहले संस्था ने 11 नई शर्तें लागू की हैं. इसके अतिरिक्त, IMF ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को पाकिस्तान के आर्थिक कार्यक्रम के लिए एक गंभीर खतरा बताया है.

IMF की कड़ी शर्तें:

  • संसद से अगले वित्त वर्ष के लिए 17,600 अरब रुपये का नया बजट पारित कराना होगा अनिवार्य .
  • बिजली बिलों में वृद्धि करनी होगी.
  • तीन साल से अधिक पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध हटाना होगा.
  • चार संघीय इकाइयों द्वारा नया कृषि आयकर कानून लागू करना होगा, जिसमें करदाता पहचान, रिटर्न प्रोसेसिंग और अनुपालन सुधार भी शामिल हैं.
  • देश में संचार अभियान को मजबूत करना होगा.
  • IMF की सिफारिशों के आधार पर संचालन सुधारों के कामकाज को प्रदर्शित करना होगा.
  • 2027 के बाद की वित्तीय क्षेत्र की रणनीति तैयार कर सार्वजनिक करना होगा.
  • ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी चार अतिरिक्त शर्तें भी लगाई गई हैं, जिनमें टैरिफ निर्धारण, वितरण सुधार और वित्तीय पारदर्शिता शामिल हैं.

रक्षा बजट में बढ़ोतरी पर सवाल: अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था के बावजूद पाकिस्तान लगातार अपने रक्षा बजट में वृद्धि कर रहा है. पाकिस्तान का आगामी रक्षा बजट 2,414 अरब रुपये है, जो पिछले वर्ष से 12 प्रतिशत अधिक है. शहबाज सरकार ने इस महीने की शुरुआत में इसमें 2,500 अरब रुपये (18 प्रतिशत वृद्धि) की घोषणा की थी. आशंका है कि पाकिस्तान के इस फैसले पर IMF नाखुशी जाहिर कर सकता है.

आतंकवाद को फंडिंग का आरोप: भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को फंडिंग करने का आरोप लगाया है. हाल ही में, पाकिस्तान के मंत्री तनवीर हुसैन ने मुरीदके का दौरा किया था, जो उन नौ आतंकी ठिकानों में से एक है जहां ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया था. हुसैन ने कहा था कि सरकार अपने खर्च पर इस इलाके का पुननिर्माण करेगी. भारत ने इस बयान पर आपत्ति जताई थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता देना आतंकवाद को फंडिंग करने से कम नहीं है.

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान भी अपना डेलिगेशन विदेश भेजेगा, दुनिया के सामने बेनकाब होने से घबराया

इस्लामाबाद: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा 1 बिलियन डॉलर का ऋण प्रदान किया गया, लेकिन आतंकवाद को कथित तौर पर समर्थन देने के कारण पाकिस्तान को यह वित्तीय मदद देने पर IMF की आलोचना हुई. अब IMF को डर है कि पाकिस्तान को दिया गया यह ऋण डूब सकता है, जिसके चलते अगली किस्त जारी करने से पहले संस्था ने 11 नई शर्तें लागू की हैं. इसके अतिरिक्त, IMF ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को पाकिस्तान के आर्थिक कार्यक्रम के लिए एक गंभीर खतरा बताया है.

IMF की कड़ी शर्तें:

  • संसद से अगले वित्त वर्ष के लिए 17,600 अरब रुपये का नया बजट पारित कराना होगा अनिवार्य .
  • बिजली बिलों में वृद्धि करनी होगी.
  • तीन साल से अधिक पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध हटाना होगा.
  • चार संघीय इकाइयों द्वारा नया कृषि आयकर कानून लागू करना होगा, जिसमें करदाता पहचान, रिटर्न प्रोसेसिंग और अनुपालन सुधार भी शामिल हैं.
  • देश में संचार अभियान को मजबूत करना होगा.
  • IMF की सिफारिशों के आधार पर संचालन सुधारों के कामकाज को प्रदर्शित करना होगा.
  • 2027 के बाद की वित्तीय क्षेत्र की रणनीति तैयार कर सार्वजनिक करना होगा.
  • ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी चार अतिरिक्त शर्तें भी लगाई गई हैं, जिनमें टैरिफ निर्धारण, वितरण सुधार और वित्तीय पारदर्शिता शामिल हैं.

रक्षा बजट में बढ़ोतरी पर सवाल: अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था के बावजूद पाकिस्तान लगातार अपने रक्षा बजट में वृद्धि कर रहा है. पाकिस्तान का आगामी रक्षा बजट 2,414 अरब रुपये है, जो पिछले वर्ष से 12 प्रतिशत अधिक है. शहबाज सरकार ने इस महीने की शुरुआत में इसमें 2,500 अरब रुपये (18 प्रतिशत वृद्धि) की घोषणा की थी. आशंका है कि पाकिस्तान के इस फैसले पर IMF नाखुशी जाहिर कर सकता है.

आतंकवाद को फंडिंग का आरोप: भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को फंडिंग करने का आरोप लगाया है. हाल ही में, पाकिस्तान के मंत्री तनवीर हुसैन ने मुरीदके का दौरा किया था, जो उन नौ आतंकी ठिकानों में से एक है जहां ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया था. हुसैन ने कहा था कि सरकार अपने खर्च पर इस इलाके का पुननिर्माण करेगी. भारत ने इस बयान पर आपत्ति जताई थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता देना आतंकवाद को फंडिंग करने से कम नहीं है.

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