वॉशिंगटन: लंबे समय से डोनाल्ड ट्रंप की समर्थक रही पत्रकार लॉरा लूमर ने आरोप लगाया है कि आतंकवाद से संबंध रखने वाले दो लोगों को व्हाइट हाउस सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया गया है. उन्होंने बताया कि इनमें से एक शख्स के लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और अल-कायदा जैसे आतंकवादी समूहों से संबंध रहे हैं, जबकि दूसरा व्यक्ति ने आतंकवाद से संबंधित आरोपों का सामना किया है.
लूमर ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "इस्लामिक जिहादी जिसने इस्लामिक आतंकी शिविर में ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान की यात्रा की थी और जिहादी आतंकवादी गतिविधियों के लिए अमेरिका में 20 साल की जेल की सजा काटी थी. उसे अब व्हाइट हाउस के सलाहकार बोर्ड ऑफ ले लीडर्स के सदस्य के रूप में लिस्ट किया गया है, जिसकी घोषणा व्हाइट हाउस की आधिकारिक वेबसाइट पर की गई." उन्होंने कहा, " जब मैंने सोचा कि व्हाइट हाउस में 'वेटिंग क्राइसिस' इससे बदतर नहीं हो सकता. इस घोषणा से मुझे सचमुच दिल का दौरा पड़ रहा है.
EXCLUSIVE:
— Laura Loomer (@LauraLoomer) May 17, 2025
🚨 Islamic JIHADIST who traveled to Pakistan to train in an Islamic terror camp and served a 20 year prison sentence in the US for Jihadi terrorist activities has now been listed as a member of the White House Advisory Board of Lay Leaders, Announced Today on the… pic.twitter.com/d1HHHGUFYX
'आतंकवादी शिविर में ट्रेनिंग ली'
लूमर ने बताया कि इस्माइल रॉयर नामक एक शख्स ब्रदरहुड हमास जिहादी, जिसके बारे में न्याय विभाग ने पाया था कि वह आतंकवादी शिविर में ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान गया था और जो वर्जीनिया जिहादी नेटवर्क का हिस्सा था. उसने अमेरिका पर हमला करने के लिए इस्लामी आतंकवादियों को ट्रेन किया था और जिसकी एफबीआई द्वारा जांच की गई थी, अब वह व्हाइट हाउस के सलाहकार बोर्ड ऑफ ले लीडर्स में शामिल है, जिसकी आज घोषणा की गई!
'आतंकवाद से जुड़े आरोप'
उन्होंने कहा कि 2003 में रॉयर पर आतंकवाद से जुड़े आरोप लगाए गए, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ युद्ध की साजिश और अल-कायदा और लश्कर को फिजिकल सहायता प्रदान करना शामिल था. 2004 में उन्होंने हथियारों और विस्फोटकों के इस्तेमाल में सहायता करने और बढ़ावा देने का दोष स्वीकार किया, जिसके लिए उन्हें 20 साल की सजा मिली और 13 साल की सजा काटनी पड़ी. इसके साथ ही लूमर ने अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया.
ट्रंप का किया बचाव
इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट ने कहा कि व्हाइट हाउस ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की कि ट्रंप प्रशासन ने अपने धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के सलाहकार बोर्ड के सदस्यों के नाम घोषित किए हैं. यह संभवतः राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा नहीं गए, बल्कि उनके कर्मचारियों द्वारा किया गया था. यह व्हाइट हाउस वेंटिग क्राइसिस का ताजा उदाहरण है. मुझे बहुत संदेह है कि राष्ट्रपति ट्रंप इसमें शामिल भी थे. मैं शर्त लगाने को तैयार हूं कि वे इसमें शामिल नहीं थे.
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