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रूस-यूक्रेन वॉर में चीन की एंट्री! जेलेंस्की के दावे से अमेरिका तक खलबली - CHINA ARMY IN UKRAINE WAR

रूस-यूक्रेन की जंग भड़क सकती है. इस वॉर में चीनी सैनिक भी कूद पड़े हैं. जेलेंस्की के इस दावे से अमेरिका में खलबली मची है.

China army in Ukraine war
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की. (Credit@X)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 10, 2025 at 11:18 AM IST

5 Min Read

CHINA ARMY IN UKRAINE WAR: यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के दावे के बाद रूस-यूक्रेन की जंग और तेज हो सकती है. इस वॉर में चीनी सैनिकों के कूदने के जेलेंस्की के इस दावे के बाद अमेरिका तक में खलबली मच गई है.

जेलेंस्की के दावे के बाद रूस-यूक्रेन की जंग और भड़क सकती है. इस वॉर में चीनी सैनिक भी कूद पड़े हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के इस दावे के बाद अमेरिका तक में बेचैनी बढ़ गई है. इस जंग में नॉर्थ कोरिया के बाद अब चीन का नाम सामने आने से ये युद्ध एक बड़े वॉर का आकार ले सकता है. यूक्रेन के इस खुलासे के बाद अमेरिका हैरान परेशान है. वहीं दुनिया भर के देशों को भी अगले विश्व युद्ध का भय दिखने लगा है.

यूक्रेन-रूस युद्ध में दो चीनी सैनिकों को जीवित पकड़ने के बाद अब जेलेंस्की का ये दावा है कि चीन भी इस युद्ध में कूद पड़ा है. उन्होंने दावा किया है कि 150 से अधिक चीनी सैनिक जंग में उतर चुके हैं. इस तरह से इस वॉर में नॉर्थ कोरिया के बाद अब चीन का नाम सामने आने से यूरोप से लेकर अमेरिका तक में खलबली मच गई है.

गौर करें तो ग्लोबल ट्रेड वॉर के बीच यूक्रेन और रूस के बीच चल रही लड़ाई में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ये दावा किया कि रूस के साथ जारी युद्ध में 150 से अधिक चीनी नागरिक लड़ रहे हैं. उन्होंने ये दावा किया कि ये भाड़े के सैनिक रूस की तरफ से लड़ रहे हैं. देखा जाए तो ये बयान उस वक्त आया है जब यूक्रेन ने पहली बार दो चीनी नागरिकों को वॉर क्षेत्र से जिंदा पकड़ने का दावा किया है. इस तरह से रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों के बाद चीन की सीधी एंट्री विश्व युद्ध की तरफ इशारा कर रही है. इस दावे से अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने चिंता जाहिर की है.

उधर, चीन ने इन आरोपों को बेबुनियाद और झूठा करार दिया है. साथ ही इसकी गलत व्याख्या से बचने की चेतावनी भी दी है. जेलेंस्की ने यह भी कहा कि पकड़े गए इन चीनी सैनिकों को रूस की जेलों में यूक्रेनी सैनिकों के बदले छोड़ा जा सकता है. दूसरी ओर देखा जाए तो अमेरिकी ट्रंप प्रशासन संघर्ष विराम की कोशिशों में जुटा है. वहीं अमेरिका के प्रस्तावित 30 दिन के युद्ध विराम को रूस ने नकार दिया है, जबकि यूक्रेन सैद्धांतिक रूप से अमेरिकी प्रस्ताव पर सहमत है.

दो चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद जेलेंस्की ने कहा कि उनकी सरकार के पास रूस के लिए लड़ रहे 150 से अधिक चीनी भाड़े के सैनिकों की ठोस खुफिया डिटेल भी है.

उन्होंने ताल ठोंककर कहा कि चीन को यह पता है कि रूस किस तरह सोशल मीडिया के जरिए चीनी नागरिकों की भर्ती कर रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास उन सबके पासपोर्ट नंबर है. उनके यात्रा तिथियों से संबंधित दस्तावेज भी मौजूद हैं. जेलेंस्की ने कहा कि वो ये सब डॉक्यूमेंट मीडिया को दिखाने को भी तैयार हैं.

उधर बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "चीन हमेशा अपने नागरिकों को युद्ध क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह देता है और किसी भी पक्ष की सैन्य गतिविधियों में भाग लेने से रोकता है."

लिन जियान ने कहा कि चीन यूक्रेन संकट के राजनीतिक समाधान में संरचनात्मक भूमिका निभा रहा है. वहीं अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने चीनी नागरिकों की कथित भागीदारी को बेहद चिंताजनक करार दिया है.

टैमी ब्रूस ने कहा कि चीन आजकल रूस का सबसे बड़ा समर्थक बन गया है. साथ ही ये भी कहा कि रूस में आने वाले लगभग 80 फीसदी डुअल-यूज गुड्स चीन से आते हैं. इनका उपयोग सैन्य और नागरिक दोनों तरह से किया जाता है. इन सामानों में माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, मिसाइल, ड्रोन और टैंक निर्माण के उपकरण शामिल हैं.

इन सब घटनाक्रम के बीच चीन की सरकारी मीडिया ने चुप्पी साध रखी है. हालांकि लेकिन चीनी सोशल मीडिया पर कुछ अपुष्ट वीडियो और पोस्ट वायरल हो रहे हैं. इनमें कुछ नागरिकों के युद्ध में भाग लेने के दावे किए जा रहे हैं.

इस तरह से देखा जाए तो यूक्रेन-रूस की 1000 किलोमीटर लंबी युद्ध रेखा पर भीषण संघर्ष चल रहा है. इस बीच डोनेट्स्क के क्रामाटोर्स्क शहर पर रूस ने मंगलवार रात शहीद ड्रोन से एक बड़ा हमला कर तीन लोगों को घायल कर दिया.

उधर रूस ये दावा कर रहा है कि उसने 11 क्षेत्रों में यूक्रेन के 158 ड्रोन्स को मार गिराया है. इन ड्रोन में से कुछ ड्रोन्स उरल पर्वतीय क्षेत्र तक पहुंच गए थे.

ये भी पढ़ें -थमेगा रूस-यूक्रेन वॉर!, ट्रंप की अपील से पसीजेंगे पुतिन! पढ़ें सब कुछ...

CHINA ARMY IN UKRAINE WAR: यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के दावे के बाद रूस-यूक्रेन की जंग और तेज हो सकती है. इस वॉर में चीनी सैनिकों के कूदने के जेलेंस्की के इस दावे के बाद अमेरिका तक में खलबली मच गई है.

जेलेंस्की के दावे के बाद रूस-यूक्रेन की जंग और भड़क सकती है. इस वॉर में चीनी सैनिक भी कूद पड़े हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के इस दावे के बाद अमेरिका तक में बेचैनी बढ़ गई है. इस जंग में नॉर्थ कोरिया के बाद अब चीन का नाम सामने आने से ये युद्ध एक बड़े वॉर का आकार ले सकता है. यूक्रेन के इस खुलासे के बाद अमेरिका हैरान परेशान है. वहीं दुनिया भर के देशों को भी अगले विश्व युद्ध का भय दिखने लगा है.

यूक्रेन-रूस युद्ध में दो चीनी सैनिकों को जीवित पकड़ने के बाद अब जेलेंस्की का ये दावा है कि चीन भी इस युद्ध में कूद पड़ा है. उन्होंने दावा किया है कि 150 से अधिक चीनी सैनिक जंग में उतर चुके हैं. इस तरह से इस वॉर में नॉर्थ कोरिया के बाद अब चीन का नाम सामने आने से यूरोप से लेकर अमेरिका तक में खलबली मच गई है.

गौर करें तो ग्लोबल ट्रेड वॉर के बीच यूक्रेन और रूस के बीच चल रही लड़ाई में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ये दावा किया कि रूस के साथ जारी युद्ध में 150 से अधिक चीनी नागरिक लड़ रहे हैं. उन्होंने ये दावा किया कि ये भाड़े के सैनिक रूस की तरफ से लड़ रहे हैं. देखा जाए तो ये बयान उस वक्त आया है जब यूक्रेन ने पहली बार दो चीनी नागरिकों को वॉर क्षेत्र से जिंदा पकड़ने का दावा किया है. इस तरह से रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों के बाद चीन की सीधी एंट्री विश्व युद्ध की तरफ इशारा कर रही है. इस दावे से अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने चिंता जाहिर की है.

उधर, चीन ने इन आरोपों को बेबुनियाद और झूठा करार दिया है. साथ ही इसकी गलत व्याख्या से बचने की चेतावनी भी दी है. जेलेंस्की ने यह भी कहा कि पकड़े गए इन चीनी सैनिकों को रूस की जेलों में यूक्रेनी सैनिकों के बदले छोड़ा जा सकता है. दूसरी ओर देखा जाए तो अमेरिकी ट्रंप प्रशासन संघर्ष विराम की कोशिशों में जुटा है. वहीं अमेरिका के प्रस्तावित 30 दिन के युद्ध विराम को रूस ने नकार दिया है, जबकि यूक्रेन सैद्धांतिक रूप से अमेरिकी प्रस्ताव पर सहमत है.

दो चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद जेलेंस्की ने कहा कि उनकी सरकार के पास रूस के लिए लड़ रहे 150 से अधिक चीनी भाड़े के सैनिकों की ठोस खुफिया डिटेल भी है.

उन्होंने ताल ठोंककर कहा कि चीन को यह पता है कि रूस किस तरह सोशल मीडिया के जरिए चीनी नागरिकों की भर्ती कर रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास उन सबके पासपोर्ट नंबर है. उनके यात्रा तिथियों से संबंधित दस्तावेज भी मौजूद हैं. जेलेंस्की ने कहा कि वो ये सब डॉक्यूमेंट मीडिया को दिखाने को भी तैयार हैं.

उधर बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "चीन हमेशा अपने नागरिकों को युद्ध क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह देता है और किसी भी पक्ष की सैन्य गतिविधियों में भाग लेने से रोकता है."

लिन जियान ने कहा कि चीन यूक्रेन संकट के राजनीतिक समाधान में संरचनात्मक भूमिका निभा रहा है. वहीं अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने चीनी नागरिकों की कथित भागीदारी को बेहद चिंताजनक करार दिया है.

टैमी ब्रूस ने कहा कि चीन आजकल रूस का सबसे बड़ा समर्थक बन गया है. साथ ही ये भी कहा कि रूस में आने वाले लगभग 80 फीसदी डुअल-यूज गुड्स चीन से आते हैं. इनका उपयोग सैन्य और नागरिक दोनों तरह से किया जाता है. इन सामानों में माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, मिसाइल, ड्रोन और टैंक निर्माण के उपकरण शामिल हैं.

इन सब घटनाक्रम के बीच चीन की सरकारी मीडिया ने चुप्पी साध रखी है. हालांकि लेकिन चीनी सोशल मीडिया पर कुछ अपुष्ट वीडियो और पोस्ट वायरल हो रहे हैं. इनमें कुछ नागरिकों के युद्ध में भाग लेने के दावे किए जा रहे हैं.

इस तरह से देखा जाए तो यूक्रेन-रूस की 1000 किलोमीटर लंबी युद्ध रेखा पर भीषण संघर्ष चल रहा है. इस बीच डोनेट्स्क के क्रामाटोर्स्क शहर पर रूस ने मंगलवार रात शहीद ड्रोन से एक बड़ा हमला कर तीन लोगों को घायल कर दिया.

उधर रूस ये दावा कर रहा है कि उसने 11 क्षेत्रों में यूक्रेन के 158 ड्रोन्स को मार गिराया है. इन ड्रोन में से कुछ ड्रोन्स उरल पर्वतीय क्षेत्र तक पहुंच गए थे.

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