ETV Bharat / international

ब्रिटेन की यात्रा पर गए मोहम्मद यूनुस की फजीहत, कीर स्टार्मर ने मिलने से किया इनकार - MUHAMMAD YUNUS LONDON VISIT

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मंगलवार को लंदन पहुंचे. कीर स्टार्मर ने उनसे मिलने का अनुरोध को ठुकरा दिया.

British PM Keir Starmer turns down request to meet Muhammad Yunus during his London visit
मोहम्मद यूनुस (File Photo - AFP)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : June 13, 2025 at 6:43 PM IST

3 Min Read

लंदन: ब्रिटेन की यात्रा पर गए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को फजीहत का सामना करना पड़ा. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने लंदन में मोहम्मद यूनुस से मिलने के अनुरोध को ठुकरा दिया. यूनुस की इस यात्रा का उद्देश्य शेख हसीना की अपदस्थ सरकार द्वारा गबन किए गए अरबों डॉलर की वसूली के प्रयासों के लिए समर्थन जुटाना था.

यूनुस ने ब्रिटिश अखबार से बात करते हुए कहा कि ब्रिटेन को उनकी सरकार को अवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा चुराए गए धन का पता लगाने में मदद करने के लिए 'नैतिक रूप से' बाध्य महसूस करना चाहिए, जिसमें से कथित तौर पर अधिकांश धन ब्रिटेन में रखा गया है.

हालांकि, यूनुस ने कहा कि स्टार्मर अभी तक उनसे मिलने के लिए राजी नहीं हुए हैं. यूनुस ने कहा, "मेरी उनसे कोई सीधी बातचीत नहीं हुई है." हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्टार्मर बांग्लादेश के प्रयासों का समर्थन करेंगे.

इस बीच, यूनुस ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा कि वह सिर्फ बांग्लादेश से चुराए गए धन की तलाश में थे.

रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों ने पुष्टि की कि फिलहाल स्टार्मर की यूनुस से मुलाकात की कोई योजना नहीं है.

डॉ. यूनुस मंगलवार को चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर लंदन पहुंचे, जहां शुक्रवार को उनकी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान से मुलाकात होने की संभावना है. बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल ने मंगलवार को ढाका में मीडिया को बताया, "मुख्य सलाहकार ने हमारे कार्यवाहक अध्यक्ष को आमंत्रित किया है... बैठक उस होटल में होगी जहां यूनुस ठहरे हुए हैं."

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री यूनुस ने पिछले अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. सत्ता परिवर्तन के बाद शेख हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ी की जांच चल रही है.

जनवरी में, तत्कालीन भ्रष्टाचार-रोधी मंत्री और स्टार्मर की करीबी सहयोगी ट्यूलिप सिद्दीक को भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरने के बाद पद छोड़ना पड़ा था. उन पर अवामी लीग से जुड़े लोगों से आर्थिक सहायता प्राप्त करने का आरोप लगा है.

शेख हसीना ट्यूलिप सिद्दीक की चाची हैं. हालांकि, सिद्दीक ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है, लेकिन अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.

ब्रिटिश सांसद सिद्दीक ने इस सप्ताह भेजे गए पत्र में यूनुस से मिलने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि वह बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग द्वारा फैलाई जा रही गलतफहमी को दूर करना चाहती हैं.

यूनुस ने कहा कि वह सिद्दीक से नहीं मिलेंगे. उन्होंने सिद्दीक के मामलों की जांच के बारे में कहा, "यह एक कानूनी मुद्दा है... एक कानूनी प्रक्रिया है. यह मेरा व्यक्तिगत मामला नहीं है."

यूनुस ने कहा कि शेख हसीना के 16 साल के शासन के दौरान, उन्होंने अपने कुछ रिश्तेदारों और सहयोगियों के लिए अपनी सत्ता को धन हड़पने के अवसर में बदल दिया था. उन्होंने कहा कि बड़ी लूट चल रही थी.

बांग्लादेश के अधिकारियों का अनुमान है कि शेख हसीना के सत्ता में रहने के दौरान लगभग 234 बिलियन डॉलर की धनराशि देश से बाहर भेजी गई और ब्रिटेन में इसका बड़ा हिस्सा पहुंचा.

यह भी पढ़ें- बांग्लादेश की अगली निर्वाचित सरकार का हिस्सा बनने में कोई दिलचस्पी नहीं: यूनुस

लंदन: ब्रिटेन की यात्रा पर गए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को फजीहत का सामना करना पड़ा. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने लंदन में मोहम्मद यूनुस से मिलने के अनुरोध को ठुकरा दिया. यूनुस की इस यात्रा का उद्देश्य शेख हसीना की अपदस्थ सरकार द्वारा गबन किए गए अरबों डॉलर की वसूली के प्रयासों के लिए समर्थन जुटाना था.

यूनुस ने ब्रिटिश अखबार से बात करते हुए कहा कि ब्रिटेन को उनकी सरकार को अवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा चुराए गए धन का पता लगाने में मदद करने के लिए 'नैतिक रूप से' बाध्य महसूस करना चाहिए, जिसमें से कथित तौर पर अधिकांश धन ब्रिटेन में रखा गया है.

हालांकि, यूनुस ने कहा कि स्टार्मर अभी तक उनसे मिलने के लिए राजी नहीं हुए हैं. यूनुस ने कहा, "मेरी उनसे कोई सीधी बातचीत नहीं हुई है." हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्टार्मर बांग्लादेश के प्रयासों का समर्थन करेंगे.

इस बीच, यूनुस ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा कि वह सिर्फ बांग्लादेश से चुराए गए धन की तलाश में थे.

रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों ने पुष्टि की कि फिलहाल स्टार्मर की यूनुस से मुलाकात की कोई योजना नहीं है.

डॉ. यूनुस मंगलवार को चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर लंदन पहुंचे, जहां शुक्रवार को उनकी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान से मुलाकात होने की संभावना है. बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल ने मंगलवार को ढाका में मीडिया को बताया, "मुख्य सलाहकार ने हमारे कार्यवाहक अध्यक्ष को आमंत्रित किया है... बैठक उस होटल में होगी जहां यूनुस ठहरे हुए हैं."

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री यूनुस ने पिछले अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. सत्ता परिवर्तन के बाद शेख हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ी की जांच चल रही है.

जनवरी में, तत्कालीन भ्रष्टाचार-रोधी मंत्री और स्टार्मर की करीबी सहयोगी ट्यूलिप सिद्दीक को भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरने के बाद पद छोड़ना पड़ा था. उन पर अवामी लीग से जुड़े लोगों से आर्थिक सहायता प्राप्त करने का आरोप लगा है.

शेख हसीना ट्यूलिप सिद्दीक की चाची हैं. हालांकि, सिद्दीक ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है, लेकिन अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.

ब्रिटिश सांसद सिद्दीक ने इस सप्ताह भेजे गए पत्र में यूनुस से मिलने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि वह बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग द्वारा फैलाई जा रही गलतफहमी को दूर करना चाहती हैं.

यूनुस ने कहा कि वह सिद्दीक से नहीं मिलेंगे. उन्होंने सिद्दीक के मामलों की जांच के बारे में कहा, "यह एक कानूनी मुद्दा है... एक कानूनी प्रक्रिया है. यह मेरा व्यक्तिगत मामला नहीं है."

यूनुस ने कहा कि शेख हसीना के 16 साल के शासन के दौरान, उन्होंने अपने कुछ रिश्तेदारों और सहयोगियों के लिए अपनी सत्ता को धन हड़पने के अवसर में बदल दिया था. उन्होंने कहा कि बड़ी लूट चल रही थी.

बांग्लादेश के अधिकारियों का अनुमान है कि शेख हसीना के सत्ता में रहने के दौरान लगभग 234 बिलियन डॉलर की धनराशि देश से बाहर भेजी गई और ब्रिटेन में इसका बड़ा हिस्सा पहुंचा.

यह भी पढ़ें- बांग्लादेश की अगली निर्वाचित सरकार का हिस्सा बनने में कोई दिलचस्पी नहीं: यूनुस

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.