बांग्लादेश : 15 सेवारत और पूर्व सेना के अफसर सैन्य हिरासत में लिए गए
बांग्लादेश की सेना ने 15 सेवारत और पूर्व सैन्य अफसरों को कस्टडी में ले लिया है. उन्हें उनके परिवार से दूर रखा गया है.

Published : October 11, 2025 at 11:15 PM IST
|Updated : October 11, 2025 at 11:48 PM IST
ढाका: अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान गायब होने और मानवता के विरुद्ध अपराधों में कथित संलिप्तता के लिए जिन पंद्रह सेवारत और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे, उन्हें सैन्य हिरासत में ले लिया गया है.
इस बारे में सेना ने शनिवार को बताया कि इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल-बांग्लादेश (आईसीटी-बीडी) ने इन अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है. सेना के एडजुटेंट जनरल मेजर जनरल मोहम्मद हकीमुज्जमां ने ढाका में सैन्य मुख्यालय में आयोजित मीडिया सम्मेलन में कहा, “16 अधिकारियों को सैन्य मुख्यालय में पेश होने के निर्देश जारी किए गए थे, जिनमें से 15 ने इस पर अमल किया.”
एक मेजर जनरल नहीं हुए पेश
उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री के सैन्य सचिव के रूप में काम कर चुके मेजर जनरल कबीर अहमद सैन्य मुख्यालय में पेश नहीं हुए. मेजर जनरल हकीमुज्जमां ने कहा, “मेजर जनरल कबीर कहां हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्हें विदेश जाने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.”
16 अफसरों को किया गया था तलब
साथ ही उन्होंने बताया कि जिन अफसरों ने सैन्य मुख्यालय में रिपोर्ट किया, उन्हें सैन्य हिरासत में ले लिया गया है और उनके परिवारों से दूर रखा गया है. मीडिया में जानकारी दी गई कि जिन 16 अफसरों को तलब किया गया था, उनमें दो मेजर जनरल, छह ब्रिगेडियर जनरल और कई कर्नल व लेफ्टिनेंट कर्नल शामिल थे.
नागरिक न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाने की अटकलें
यह घटनाक्रम सोशल मीडिया पर जारी अटकलों के दौरान आया है कि क्या सेवारत सैन्य अफसरों पर पिछले शासन के समय अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय किए गए कथित अपराधों के लिए सेना अधिनियम के तहत सैन्य कोर्ट के बजाय नागरिक न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाया जाएगा.
कानून के अनुरूप होगी कार्रवाई-सेना
वहीं सेना ने कहा कि वह बांग्लादेश के सभी संविधान-स्वीकृत कानूनों का सम्मान करती है और हिरासत में लिए गए अधिकारियों के खिलाफ कानून के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि आईसीटी-बीडी ने “अवामी लीग शासन के दौरान राजनीतिक विरोधियों के जबरन गायब होने या उनके अपहरण और प्रताड़ना” से जुड़े दो मामलों में अभियोजन पक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों को स्वीकार किए जाने के बाद बुधवार को 30 आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था.
गौरतलब है कि शेख हसीना, जो वर्तमान में भारत में हैं, को दोनों मामलों में मुख्य संदिग्ध बनाया गया है. अन्य आरोपियों में से 25 सेना के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, जिनमें सेना खुफिया महानिदेशालय (डीजीएफआई) के पांच पूर्व महानिदेशक भी शामिल हैं.
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