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ईरान हमले में पूरी तरह नष्ट नहीं हुआ परमाणु कार्यक्रम, अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में हुआ खुलासा - US IRAN NUCLEAR PROGRAM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान हमले के बाद उसके परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने के दावे पर सवाल उठने लगे हैं.

US IRAN NUCLEAR PROGRAM
ईरान का फोर्डो जहां अमेरिका ने दुनिया के सबसे खतरनाक बम से हमले किए उसका उपग्रह से लिया गया चित्र जिसमें नुकसान को दिखाया गया (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : June 25, 2025 at 8:56 AM IST

3 Min Read

वाशिंगटन: अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है. इस रिपोर्ट को मानें तो ईरान पर अमेरिकी हमला नाकाम रहा. हमले में परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह नष्ट नहीं हुआ बल्कि दो महीने की देरी हुई.

जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर भीषण हमला कर ये दावे किए थे कि उसके परमाणु कार्यक्रम को बर्बाद कर दिया. दूसरी ओर व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से गलत बताया. साथ ही कहा कि ये राष्ट्रपति ट्रंप को नीचा दिखाने और बहादुर लड़ाकू पायलटों को बदनाम करने का एक प्रयास है.

वहीं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईरान के राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि उनका देश अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं के बारे में बातचीत के लिए तैयार है. एक प्रारंभिक गोपनीय अमेरिकी रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि अमेरिकी हवाई हमलों ने ईरानी परमाणु स्थलों को पूरी तरह से खत्म नहीं किया है, जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है.

इससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान हमले के बाद उसके परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने के दावे पर सवाल उठाने लगे हैं. एपी की रिपोर्ट के अनुसार प्रारंभिक आकलन से परिचित दो लोगों के अनुसार एक नई अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में पाया गया है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अमेरिकी हमले के चलते कुछ महीने पिछड़ गया. परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से नष्ट नहीं हुआ है जैसा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था.

रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा जारी प्रारंभिक खुफिया रिपोर्ट में ईरान की परमाणु सुविधाओं की स्थिति के बारे में ट्रंप और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बयानों का खंडन करती है. न्यूज एजेंसी के अनुसार रिपोर्ट से जुड़े लोगों को इस मामले पर सार्वजनिक रूप से बोलने का अधिकार नहीं था और उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर यह बात कही. उन लोगों के अनुसार रिपोर्ट में पाया गया कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु स्थलों पर शनिवार को हुए हमलों में काफी क्षति हुई, लेकिन वे पूरी तरह नष्ट नहीं हुए.

व्हाइट हाउस ने इस आकलन पर जोरदार तरीके से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे 'पूरी तरह से गलत' बताया. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा एक बयान में कहा कि इस कथित रिपोर्ट को लीक कर राष्ट्रपति ट्रंप को नीचा दिखाने की कोशिश की गई. साथ ही उन लड़ाकू पायलटों को बदनाम करने का प्रयास किया गया जिन्होंने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. उन्होंने आगे कहा कि हर कोई जानता है कि जब आप चौदह 30000 पाउंड के बम को उनके लक्ष्यों पर पूरी तरह से गिराते हैं तो क्या होता है, 'कुल विनाश'.

सीआईए और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय की ओर से इन रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की गई. इसमें डीआईए भी शामिल है जो रक्षा विभाग की खुफिया शाखा है. ये विदेशी सेनाओं और विरोधियों की क्षमताओं पर खुफिया जानकारी तैयार करने के लिए जिम्मेदार है. खुफिया आकलन की पहली रिपोर्ट मंगलवार को सीएनएन ने दी थी.

वाशिंगटन: अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है. इस रिपोर्ट को मानें तो ईरान पर अमेरिकी हमला नाकाम रहा. हमले में परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह नष्ट नहीं हुआ बल्कि दो महीने की देरी हुई.

जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर भीषण हमला कर ये दावे किए थे कि उसके परमाणु कार्यक्रम को बर्बाद कर दिया. दूसरी ओर व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से गलत बताया. साथ ही कहा कि ये राष्ट्रपति ट्रंप को नीचा दिखाने और बहादुर लड़ाकू पायलटों को बदनाम करने का एक प्रयास है.

वहीं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईरान के राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि उनका देश अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं के बारे में बातचीत के लिए तैयार है. एक प्रारंभिक गोपनीय अमेरिकी रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि अमेरिकी हवाई हमलों ने ईरानी परमाणु स्थलों को पूरी तरह से खत्म नहीं किया है, जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है.

इससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान हमले के बाद उसके परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने के दावे पर सवाल उठाने लगे हैं. एपी की रिपोर्ट के अनुसार प्रारंभिक आकलन से परिचित दो लोगों के अनुसार एक नई अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में पाया गया है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अमेरिकी हमले के चलते कुछ महीने पिछड़ गया. परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से नष्ट नहीं हुआ है जैसा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था.

रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा जारी प्रारंभिक खुफिया रिपोर्ट में ईरान की परमाणु सुविधाओं की स्थिति के बारे में ट्रंप और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बयानों का खंडन करती है. न्यूज एजेंसी के अनुसार रिपोर्ट से जुड़े लोगों को इस मामले पर सार्वजनिक रूप से बोलने का अधिकार नहीं था और उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर यह बात कही. उन लोगों के अनुसार रिपोर्ट में पाया गया कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु स्थलों पर शनिवार को हुए हमलों में काफी क्षति हुई, लेकिन वे पूरी तरह नष्ट नहीं हुए.

व्हाइट हाउस ने इस आकलन पर जोरदार तरीके से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे 'पूरी तरह से गलत' बताया. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा एक बयान में कहा कि इस कथित रिपोर्ट को लीक कर राष्ट्रपति ट्रंप को नीचा दिखाने की कोशिश की गई. साथ ही उन लड़ाकू पायलटों को बदनाम करने का प्रयास किया गया जिन्होंने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. उन्होंने आगे कहा कि हर कोई जानता है कि जब आप चौदह 30000 पाउंड के बम को उनके लक्ष्यों पर पूरी तरह से गिराते हैं तो क्या होता है, 'कुल विनाश'.

सीआईए और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय की ओर से इन रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की गई. इसमें डीआईए भी शामिल है जो रक्षा विभाग की खुफिया शाखा है. ये विदेशी सेनाओं और विरोधियों की क्षमताओं पर खुफिया जानकारी तैयार करने के लिए जिम्मेदार है. खुफिया आकलन की पहली रिपोर्ट मंगलवार को सीएनएन ने दी थी.

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