World liver day 2025 : हर साल 19 अप्रैल को लिवर डे मनाया जाता है ताकि लोग शरीर में लिवर के महत्व को पहचानें और लिवर को गंभीर जानलेवा बीमारियों से बचा सकें. साथ ही इस दिन लोगों को हेल्थी लाइफ स्टाइल अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित भी किया जाता है.
लिवर हेल्थ को ना करें इग्नोर : इस साल विश्व लिवर दिवस की थीम फूड इज़ मेडिसिन रखी गई है. लिवर हमारे शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका हमेशा ठीक ढंग से काम करना काफी ज्यादा जरूरी है. अगर आपने लिवर हेल्थ को इग्नोर किया तो आपकी ज़िंदगी के लिए ये काफी ख़तरनाक साबित हो सकता है. डॉक्टरों की मानें तो ग़लत खानपान की आदतों से लिवर की कई तरह की बीमारियां हो सकती है. यहां तक कि लिवर फेल होने का ख़तरा भी हो सकता है. ऐसे में सही खानपान की आदतों से खाने को ही मेडिसिन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
लिवर से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही : इसे लेकर चंडीगढ़ पीजीआई के हैपेटोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एंड हेड अजय दुसेजा ने ईटीवी भारत के साथ ख़ास बातचीत करते हुए बताया कि विश्व लिवर दिवस को हम लोगों को जागरुक करने के लिए मनाते हैं. पिछले काफी टाइम से लिवर से जुड़ी समस्याएं बढ़ती चली जा रही है. इसलिए ऐसे में इसका महत्व बढ़ जाता है.
अच्छा खाएंगे तो लिवर अच्छा रहेगा : लिवर के काफी ज्यादा फंक्शन होते हैं. उसमें से एक ये भी होता है कि ये फूड को पचाने में मदद करता है. जो भी आप खाते हैं, उसे पचाने में लिवर मदद करता है, इसलिए डाइजेस्टिव सिस्टम से लिवर का नाता है. अच्छा खाना खाएंगे तो आपका लिवर भी अच्छा काम करता रहेगा और बॉडी की इम्यूनिटी बरकरार रखेगी. लिवर पर फैट जमा नहीं होना चाहिए, उस पर स्कारिंग नहीं आनी चाहिए.
लिवर के लिए मेडिटेरियन डाइट सबसे अच्छा : लिवर के लिए सबसे अच्छे खाने की बात करें तो प्लांट बेस्ड डाइट लिवर के लिए अच्छा रहता है. फ्रूट्स, सब्जियां, दालें हमारे लिवर के लिए अच्छा रहता है. लिवर को अच्छा रखने के लिए आजकल मेडिटेरियन डाइट पर लोगों का ज़ोर है. भूमध्य सागर के देशों के पारंपरिक भोजन पर मेडिटेरियन डाइट आधारित होती है. इस डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स, दालें, फिश, पॉल्ट्री, एग्स और हेल्दी फैट शामिल होते हैं. इसमें रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड और चीनी का सेवन नहीं किया जाता है.
तली-भुनी, हाई कैलरी फूड से परहेज करें : लिवर के लिए सबसे ख़राब खाने की बात करें तो आजकल लाइफस्टाइल चेंज होने से लोगों को ज्यादा दिक्कत हो रही है. लोग आजकल ओवरईटिंग करते हैं, हाई कैलरी फूड खाते हैं. वे जो कैलरी लेते हैं, उसे बर्न नहीं करते, ज़िंदगी में फ़िजिकल एक्टिविटी कम हो चुकी है. यही चीजेंं लिवर और शरीर के बाकी ऑर्गेन्स के लिए अच्छे नहीं है. इनसे फैट बॉडी में जमा होता है. तली-भुनी चीजें, मीठी ड्रिंक्स, बेकरी प्रॉडक्ट्स, शुगर, कोला ड्रिंक्स लिवर के लिए अच्छे नहीं होते हैं.
शराब से लिवर डैमेज : अजय दुसेजा ने आगे बताया कि उनके पास ज्यादातर लोग क्रॉनिक लिवर डिसीज़ को लेकर आते हैं और वे ऐसे लोग होते हैं जो शराब (एल्कोहॉल) का सेवन करते हैं. उस से लिवर डैमेज होता है. उसे एल्कोहॉल रिलेटेड लिवर डिसीज़ कहा जाता है. इसके अलावा दो और कारण सामने आए हैं. इसमें है फैटी लिवर डिसीज़ जो कि ज्यादा कैलरी लेने से होता है. हाईपरटेंशन,कोलेस्ट्रॉल होने से भी ये लिवर को फैटी बना डालता है क्योंकि ये लिवर में फैट जमा करते हैं. तीसरा कारण होता है वायरस जिसमें हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी वायरस से भी लिवर की बीमारी हो सकती है.
लिवर में फैट जमा ना होने दें : अजय दुसेजा ने बताया कि अंडर न्यूट्रिशन और ओवर न्यूट्रिशन दोनों के चलते लिवर में फैट जमा हो सकता है. इसलिए खाना खाते वक्त हमें एक हेल्थी फूड लेने की जरूरत है. जो लोग कैलरी इनटेक रोक नहीं सकते, वे लोग इसमें इंटरमिटेंट फास्टिंग का सहारा भी ले सकते हैं. लेकिन ज्यादा अच्छा होगा कि वे बॉडी के कैलरी बर्नआउट के हिसाब से ही कैलरी लें, ओवर ईटिंग ना करें, तभी उनका लिवर हेल्थी रहेगा और टोटल सेहत भी अच्छी रहेगी.
लिवर खराब होने के लक्षण : बॉडी के हर अंग की तरह बीमार होने पर लिवर आपको कई संकेत देते है, जिन्हें आपके लिए समझना काफी ज्यादा जरूरी है. जानिए कि वो आखिर कौन से संकेत हैं, दो लिवर ख़राब होने की ओर इशारा करते हैं.
- जरूरत से ज्यादा थकान
- आंखों और त्वचा का रंग बदलना
- पीलिया
- भूख ना लगना
- यूरिन के रंग में बदलाव आना, गाढ़ा हो जाना
- मतली और उल्टी आना
- बार- बार कब्ज होना
- खुजली और रैशेज होना
लिवर की खराबी का कैसे पता करें ? : लिवर प्रॉब्लम में सबसे पहले आपको डॉक्टर से मशवरा करना चाहिए. डॉक्टर को अगर लगता है तो वो आपको कई तरह के टेस्ट लिखकर देंगे जिसके जरिए आपका लिवर कैसे काम कर रहा है, ये पूरी तरह से साफ हो जाएगा. इसमें सबसे ज्यादा कॉमन टेस्ट होता है लिवर फंक्शन टेस्ट यानि LFT. इसमें ब्लड टेस्ट के जरिए कई चीज़ों को मापा जाता है जिससे लिवर प्रॉब्लम्स का पता चलता है. साथ ही कई बार पेट में कुछ दिक्कत होने पर डॉक्टर अल्ट्रासाउंड स्कैन भी करवाते हैं जिसके जरिए फैटी लिवर को आसानी से पकड़ा जाता है. लेकिन ये सारे टेस्ट डॉक्टर की देखरेख में होना जरूरी है.
इन लोगों को लिवर को लेकर रहना चाहिए अलर्ट ? :
- जो ज्यादा मात्रा में शराब पीते हैं.
- जिन्हें डायबिटीज या मोटापे की समस्या है.
- जो लंबे समय से दवाईयों का सेवन कर रहे हैं.
- जिनको बार-बार थकान होती है
- जिन्हें मतली या पेट दर्द की शिकायत रहती है
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