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क्या हर सिरदर्द होता है माइग्रेन, क्यों बढ़ रहा युवाओं में Migraine का खतरा? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में युवाओं में माइग्रेन का खतरा बढ़ता जा रहा है. जानें इसके लक्षण और इससे बचने के उपाय.

क्यों बढ़ रहा युवाओं में Migraine का खतरा?
क्यों बढ़ रहा युवाओं में Migraine का खतरा? (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : October 10, 2025 at 4:43 PM IST

3 Min Read
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शिमला: आज के रफ्तार भरी जीवन में गलत खानपान और बेतरतीब लाइफस्टाइल की वजह से लोग कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. इन्हीं में से माइग्रेन (Migraine) की समस्या आज कल हर उम्र के लोगों में एक कॉमन समस्या बन गई है. माइग्रेन अब सिर्फ उम्र या जेंडर से जुड़ी बीमारी नहीं रही, बल्कि यह युवाओं और नौकरीपेशा लोगों में सबसे ज्यादा बढ़ रही है.

IGMC शिमला के साइकेट्रिस्ट डॉ. सुधीर शर्मा के मुताबिक, “माइग्रेन दरअसल हमारे दिमाग की नसों की संवेदनशीलता (sensitivity of nerves) से जुड़ी समस्या है. जब ये नसें किसी कारणवश ज्यादा सेंसिटिव हो जाती हैं, तो कोई भी बाहरी या आंतरिक बदलाव जैसे नींद, तनाव, खानपान या मौसम माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है”.

क्यों बढ़ रहा युवाओं में Migraine का खतरा? (ETV Bharat)

क्यों बढ़ रहा युवाओं में माइग्रेन का खतरा?

डॉ. सुधीर शर्मा ने बताया, "आज के युवाओं की दिनचर्या बेहद अनियमित हो चुकी है. देर रात तक जागना, सुबह देर से उठना, समय पर भोजन न करना, शराब या नशे का सेवन, मोबाइल और लैपटॉप पर लगातार काम करना. ये सब मिलकर माइग्रेन को बढ़ाने वाले सबसे बड़े कारण हैं. आज का युवा नौकरी के दबाव, स्क्रीन टाइम और नींद की कमी के कारण इस बीमारी का शिकार हो रहा है. माइग्रेन उन्हीं लोगों में ज्यादा होता है, जिनका जीवन अनुशासित नहीं है” .

युवाओं में माइग्रेन की वजह

माइग्रेन होने की वजह
माइग्रेन होने की वजह (ETV Bharat GFX)

माइग्रेन के ट्रिगर व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करते हैं, लेकिन कुछ सामान्य कारण भी हैं.

माइग्रेन को क्या-क्या कर सकता है ट्रिगर

  • गर्मी और धूप: कई लोगों में गर्मी के मौसम में माइग्रेन बढ़ जाता है.
  • छुट्टी वाले दिन देर तक सोना: शरीर की नींद की लय (sleep rhythm) टूट जाती है, जिससे सिर दर्द ट्रिगर हो सकता है.
  • व्रत या भूखे रहना: करवा चौथ या अन्य व्रत रखने पर माइग्रेन के मरीजों में दर्द बढ़ सकता है.
  • जंक फूड और बीयर: कुछ खाद्य पदार्थ और ड्रिंक भी माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं.
  • तनाव और चिंता: मानसिक दबाव माइग्रेन का सबसे कॉमन ट्रिगर है.

हर सिर दर्द माइग्रेन नहीं होता

डॉ. सुधीर शर्मा स्पष्ट करते हैं कि, “हर सिर दर्द माइग्रेन नहीं होता. काला मोतिया (ग्लूकोमा), सर्दी-जुकाम, या तनाव से होने वाला सिर दर्द अलग होता है. माइग्रेन आमतौर पर सिर के एक तरफ होता है, इसके साथ मतली, रोशनी और आवाज से परेशानी जैसे लक्षण भी होते हैं. इसलिए हर बार दवा खाने की बजाय डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.”

माइग्रेन के प्रमुख लक्षण

माइग्रेन के लक्षण
माइग्रेन के लक्षण (ETV Bharat GFX)

माइग्रेन से कैसे बचें ?

  • माइग्रेन से बचने का आसान तरीका: जीवनशैली को अनुशासित बनाना.
  • नियमित नींद लें: रोज एक ही समय पर सोएं और उठें.
  • समय पर भोजन करें: खाली पेट या ज्यादा लंबे अंतराल पर खाना न खाएं.
  • तनाव कम करें: योग, ध्यान, या गहरी सांस की तकनीक अपनाएं.
  • स्क्रीन टाइम घटाएं: लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप देखने से बचें.
  • जंक फूड से परहेज करें: तैलीय, मसालेदार और फास्ट फूड से दूर रहें.

माइग्रेन के इलाज के लिए सेल्फ-मेडिकेशन न करें. डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें.

“माइग्रेन कोई मामूली सिर दर्द नहीं है. यह एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है. अगर इसे अनदेखा किया गया तो दर्द बार-बार लौटकर आएगा और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा. अनुशासित दिनचर्या, पर्याप्त नींद और नियमित भोजन माइग्रेन का सबसे अच्छा इलाज हैं.”- डॉ. सुधीर शर्मा, साइकेट्रिस्ट

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