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एक हेल्दी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए? समय रहते जान लें, वरना सकता है खतरा! - WORLD HYPERTENSION DAY 2025

हाई ब्लड कई समस्याएं पैदा कर सकता है. इसलिए आपको पता होना चाहिए कि हाई बीपी को कैसे नियंत्रित किया जाए...

What should be the blood pressure of a healthy person? Know it in time, otherwise it can be dangerous!
एक हेल्दी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए? (GETTY IMAGES)
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By ETV Bharat Health Team

Published : May 17, 2025 at 1:20 PM IST

5 Min Read

आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर एक बड़ी समस्या बन गई है. जानकारी का अभाव भी इस समस्या का शिकार होने का एक कारण है. इसीलिए 17 मई को पूरे विश्व में उच्च रक्तचाप दिवस (world hypertension day 2025) मनाया जाता है. इस दिन लोगों को हाई बीपी के बारे में जागरूक किया जाता है. आपको बता दें कि हाई ब्लड प्रेशर से कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. इन बीमारियों में दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेलियर और अंधापन शामिल हैं.

किस एज ग्रुप में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अधिक आम है?
ऐसे कई कारण हैं जो हाई बीपी को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए. अत्यधिक नमक का सेवन, मस्तिष्क पर दबाव, मानसिक बीमारी, नशीली दवाओं का सेवन आदि बीपी की समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में 30 से 79 वर्ष की आयु के अनुमानित 1.28 बिलियन लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं. इनमें से अधिकांश लोग गरीब या मध्यम वर्ग के देशों से ताल्लुक रखते हैं. अनुमान है कि 46 प्रतिशत लोग हाई ब्लड प्रेशर से अनजान हैं और 42 प्रतिशत लोग इस समस्या का इलाज करवा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सामान्य आबादी में ब्लड प्रेशर मौत का कारण हो सकता है.

हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी एक साइलेंट किलर है
हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी को भी एक साइलेंट किलर माना जाता है. अधिक उम्र, जेनेटिक्स, अधिक वजन, फिजिकल इनएक्टिविटी, अत्यधिक नमक का सेवन, और अत्यधिक शराब का सेवन, ये सभी हाई ब्लड प्रेशर में योगदान करते हैं. मादक पदार्थों में किसी भी प्रकार का पोस्त, अफीम और शराब के साथ-साथ सफेद पाउडर भी शामिल है. वहीं, कुछ दवाएं भी हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती हैं.

डॉ. स्वाति के अनुसार, हाई बीपी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें हाइपरटेंशन या बीपी है. हाई ब्लड प्रेशर के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं. कभी-कभी सिरदर्द जैसा सामान्य लक्षण भी हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है, लेकिन लोग इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं. इसके साथ ही कभी-कभी धुंधला दिखाई देना, चक्कर आना, सीने में दर्द आदि भी हाई बीपी के लक्षण हो सकते हैं. इसलिए खान-पान में परहेज, अच्छी जीवनशैली और नियमित चिकित्सकीय सलाह इस बीमारी के इलाज में मददगार हो सकती है.

एक हेल्दी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए?
डॉ. स्वाति के अनुसार, हाई बीपी से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए. एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 130 से ऊपर और 80 से नीचे होना चाहिए. अगर आपका ब्लड प्रेशर इससे कम या ज्यादा है, तो आप हाई बीपी से पीड़ित हैं. लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसका इलाज चिकित्सकीय रूप से किया जा सकता है. यदि आप नियमित दवा लेते हैं, तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन यदि यह कंट्रोल से बाहर हो जाए, तो इसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं, जिनमें हार्ट डिजीज से लेकर किडनी फेलियर और यहां तक ​​कि अंधेपन जैसी गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं. अपने खान-पान का ध्यान रखना, कम से कम नमक खाना, अधिक पानी पीना, योग करना और नियमित रूप से मेडिकल जांच करवाना आपको हाई ब्लड प्रेशर से बचने में मदद कर सकता है.

हाई ब्लड प्रेशर के कारण मेंटल समस्याओं का खतरा
न्यूरोलॉजी और मानसिक रोगों के विशेषज्ञ डॉ. रूपेश चौधरी ने बताया कि हाई बीपी का संबंध मानसिक बीमारियों से भी है. आपको बता दें कि मानसिक बीमारियों से ग्रस्त लोग अक्सर हाई बीपी का शिकार हो सकते हैं. मस्तिष्क संबंधी रोग हाई ब्लड प्रेशर बढ़ाते हैं. कई लोग मानसिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए दवाओं का सेवन करने लगते हैं, जिससे हाई बीपी और बढ़ सकता है.

ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए?

  • नॉर्मल ब्लड प्रेशर - 120/80 mm Hg से कम
  • बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर - 120/80 से 129/79 mmHg
  • हाई ब्लड प्रेशर फेज 1 - 130/80 से 139/89 मिमी एचजी
  • हाई ब्लड प्रेशर फेज 2 - 140/90 मिमी एचजी या अधिक
  • हाइपरटेंसिव क्राइसिस- यदि आपका ब्लड प्रेशर 180/120 मिमी एचजी से अधिक है, तो स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें (रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें)

https://www.nhlbi.nih.gov/health/high-blood-pressure

(नोट: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर एक बड़ी समस्या बन गई है. जानकारी का अभाव भी इस समस्या का शिकार होने का एक कारण है. इसीलिए 17 मई को पूरे विश्व में उच्च रक्तचाप दिवस (world hypertension day 2025) मनाया जाता है. इस दिन लोगों को हाई बीपी के बारे में जागरूक किया जाता है. आपको बता दें कि हाई ब्लड प्रेशर से कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. इन बीमारियों में दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेलियर और अंधापन शामिल हैं.

किस एज ग्रुप में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अधिक आम है?
ऐसे कई कारण हैं जो हाई बीपी को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए. अत्यधिक नमक का सेवन, मस्तिष्क पर दबाव, मानसिक बीमारी, नशीली दवाओं का सेवन आदि बीपी की समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में 30 से 79 वर्ष की आयु के अनुमानित 1.28 बिलियन लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं. इनमें से अधिकांश लोग गरीब या मध्यम वर्ग के देशों से ताल्लुक रखते हैं. अनुमान है कि 46 प्रतिशत लोग हाई ब्लड प्रेशर से अनजान हैं और 42 प्रतिशत लोग इस समस्या का इलाज करवा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सामान्य आबादी में ब्लड प्रेशर मौत का कारण हो सकता है.

हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी एक साइलेंट किलर है
हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी को भी एक साइलेंट किलर माना जाता है. अधिक उम्र, जेनेटिक्स, अधिक वजन, फिजिकल इनएक्टिविटी, अत्यधिक नमक का सेवन, और अत्यधिक शराब का सेवन, ये सभी हाई ब्लड प्रेशर में योगदान करते हैं. मादक पदार्थों में किसी भी प्रकार का पोस्त, अफीम और शराब के साथ-साथ सफेद पाउडर भी शामिल है. वहीं, कुछ दवाएं भी हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती हैं.

डॉ. स्वाति के अनुसार, हाई बीपी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें हाइपरटेंशन या बीपी है. हाई ब्लड प्रेशर के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं. कभी-कभी सिरदर्द जैसा सामान्य लक्षण भी हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है, लेकिन लोग इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं. इसके साथ ही कभी-कभी धुंधला दिखाई देना, चक्कर आना, सीने में दर्द आदि भी हाई बीपी के लक्षण हो सकते हैं. इसलिए खान-पान में परहेज, अच्छी जीवनशैली और नियमित चिकित्सकीय सलाह इस बीमारी के इलाज में मददगार हो सकती है.

एक हेल्दी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए?
डॉ. स्वाति के अनुसार, हाई बीपी से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए. एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 130 से ऊपर और 80 से नीचे होना चाहिए. अगर आपका ब्लड प्रेशर इससे कम या ज्यादा है, तो आप हाई बीपी से पीड़ित हैं. लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसका इलाज चिकित्सकीय रूप से किया जा सकता है. यदि आप नियमित दवा लेते हैं, तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन यदि यह कंट्रोल से बाहर हो जाए, तो इसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं, जिनमें हार्ट डिजीज से लेकर किडनी फेलियर और यहां तक ​​कि अंधेपन जैसी गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं. अपने खान-पान का ध्यान रखना, कम से कम नमक खाना, अधिक पानी पीना, योग करना और नियमित रूप से मेडिकल जांच करवाना आपको हाई ब्लड प्रेशर से बचने में मदद कर सकता है.

हाई ब्लड प्रेशर के कारण मेंटल समस्याओं का खतरा
न्यूरोलॉजी और मानसिक रोगों के विशेषज्ञ डॉ. रूपेश चौधरी ने बताया कि हाई बीपी का संबंध मानसिक बीमारियों से भी है. आपको बता दें कि मानसिक बीमारियों से ग्रस्त लोग अक्सर हाई बीपी का शिकार हो सकते हैं. मस्तिष्क संबंधी रोग हाई ब्लड प्रेशर बढ़ाते हैं. कई लोग मानसिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए दवाओं का सेवन करने लगते हैं, जिससे हाई बीपी और बढ़ सकता है.

ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए?

  • नॉर्मल ब्लड प्रेशर - 120/80 mm Hg से कम
  • बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर - 120/80 से 129/79 mmHg
  • हाई ब्लड प्रेशर फेज 1 - 130/80 से 139/89 मिमी एचजी
  • हाई ब्लड प्रेशर फेज 2 - 140/90 मिमी एचजी या अधिक
  • हाइपरटेंसिव क्राइसिस- यदि आपका ब्लड प्रेशर 180/120 मिमी एचजी से अधिक है, तो स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें (रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें)

https://www.nhlbi.nih.gov/health/high-blood-pressure

(नोट: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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