हैदराबाद: कुलथी की दाल का आयुर्वेद में बहुत महत्व है और इसे औषधीय दाल कहा गया है. कई रोगों में औषधि के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है. अंग्रेजी में कुलथी दाल को हार्स ग्राम कहते हैं और इसका वैज्ञानिक नाम मैक्रोटिलोमा यूनिफ्लोरम (Macrotyloma Uniflorum) है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुलथी की दाल खाने से शरीर को कई फायदे होते हैं. इसके सेवन से शरीर में पोटेशियम और कैल्शियम की स्तर बढ़ता है. साथ ही यह शरीर से टॉक्सिन्स (शरीर के अंदर उत्पन्न होने वाले विष) को बाहर निकालती है. कुलथी की दाल टिशूज और सेल्स में जमा चर्बी गलाने में भी मददगार है.
कुलथी की दाल को किडनी में होने वाली पथरी को गलाने में बहुत उपयोगी माना जाता है. बहुत से आयुर्वेदिक विशेषज्ञ किडनी में पथरी की समस्या होने पर कुलथी दाल का पानी पीने की सलाह देते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, बड़े गिलास या किसी अन्य बर्तन में मुट्ठी भर दाल भिगोकर रात भर के लिए छोड़ दें. सुबह उठने के बाद उसे छान लें और पानी को खाली पेट पी लें.
चूर्ण बनाकर भी कर सकते हैं सेवन
साथ ही भीगी हुई कुलथी की दाल को भी चबा खा सकते हैं. 5-7 सात दिनों तक नियमित रूप से यह घरेलू नुस्खा आजमा कर आपको पथरी की समस्या से राहत मिल सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, कुलथी की दाल का चूर्ण बनाकर भी पानी के साथ उसका सेवन कर सकते हैं.
मोटापा कम करने में मददगार
कुलथी की दाल में प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. यह पाचन क्रिया को मजबूत करती है. इससे मोटापा कम होता है. यह शुगर का स्तर कम करने में भी मददगार है. विशेषज्ञों की मानें तो कुलथी दाल का सेवन करने से बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल या बैड कोलेस्ट्रॉल भी कम हो सकता है.
कमजोर लोगों के लिए लाभदायक
प्रोटीन से भरपूर होने के कारण कमजोर लोगों के लिए यह लाभदायक होती है. चिकित्सक गर्भवती महिलाओं को भी इस दाल का सेवन करने की सलाह देते हैं. अच्छी बात यह है कि बच्चे, युवा और व्यस्क हर कोई इस दाल का सेवन कर सकता है, क्योंकि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है.
(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें.)
यह भी पढ़ें- वजन कम करने का 2-2-2 फॉर्मूला, न हींग लगेगी न फिटकरी, तेजी से कम होगा मोटापा