हैदराबाद: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर ऋषि कपूर का 30 अप्रैल को 5वीं पुण्यतिथि है. साल 2020 में इसी दिन मुंबई के एक अस्पताल में ऋषि कपूर का निधन हो गया था. वह लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. कैंसर को हराने के लिए उन्होंने 2018 में न्यूयॉर्क में करीब एक साल तक इलाज करवाया था, जिसके बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ भी हो गए थे. लेकिन 2020 की शुरुआत में एक बार फिर वह कैंसर के चपेट में आ गए. 2020 की शुरुआत में वह एक एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, तभी वह अचानकर बीमार पड़ गए. इलाज के दौरान पता चला कि उन्हें फिर से कैंसर हो गया था. 30 अप्रैल 2020 को वह कैंसर के इस जंग में हार गए और हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह गए.
ऋषि कपूर एक ऐसे एक्टर थे, जो अपनी बात को बेबाकता से सभी के सामने रखते थे, फिर वो चाहे पर्सनल हो या प्रोफेशनल. उन्हें कई इंटरव्यू में बहुत सारी बातों का कंफेशन करते हुए भी देखा गया है. इतना ही नहीं, उन्होंने अपने कंफेशन को लेकर एक किताब भी लिखी थी, जिसका टाइटल है- 'खुल्लम खुल्ला'. इस किताब में वह कई बड़े कंफेशन किए हैं.
ऋषि कपूर ने अवार्ड के लिए चुकाई थी कीमत
एक इंटरव्यू में ऋषि कपूर ने अवार्ड को लेकर खुलासा किया था. उन्होंने स्वीकार किया था कि उन्होंने अवार्ड के पेमेंट किया था. एक पुराने इंटरव्यू में ऋषि कपूर से सवाल किया गया था कि ऋषि कपूर ने अपने किताब 'खुल्लम खुल्ला' में यह स्वीकार किया है कि उन्होंने 1973 में बेस्ट एक्टर कैटेगरी के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड खरीदा था.
इस पर ऋषि कपूर ने कहा, नहीं, मैंने किसी भी अवॉर्ड्स का नाम नहीं लिया है. मैं सिर्फ कहा है कि मैंने सिर्फ एक अवॉर्ड खरीदा है. मैंने 1973 में एक फिल्म अवॉर्ड खरीदा था और वो था फिल्म बॉबी के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड.'
इस बारे में विस्तार से बात करते हुए ऋषि ने बताया भी और इसके बारे में उन्होंने अपने किताब में भी लिखते हुए कहा हैं, मुझे लगता है कि अमिताभ नाराज थे क्योंकि मैंने बॉबी के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीता था. मुझे यकीन है कि उन्हें लगा होगा कि वह 'जंजीर' के लिए यह अवॉर्ड जीतेंगे, जो उसी साल रिलीज हुई थी. मुझे यह कहते हुए शर्म आती है, लेकिन मैंने सच में यह अवॉर्ड खरीदा था. मैं बहुत भोला था. एक पीआरओ थे, जिनका नाम तारकनाथ गांधी था. उन्होंने मुझसे कहा, 'सर, तीस हजार दे दो, तो मैं आपको अवॉर्ड दिलवा दूंगा.' मैं चालाकी करने वाला नहीं हूं, लेकिन मैं इस ऑफर को स्वीकार करता हूं. मैंने बिना सोचे-समझे उन्हें पैसे दे दिए.'
बिग बी के साथ ऋषि कपूर का कोल्ड वॉर
ऋषि कपूर ने अपनी किताब में अपनी और अमिताभ बच्चन के साथ कोल्ड वॉर का खुलासा किया है. ऋषि कपूर ने बताया कि जब भी उन्होंने या किसी और एक्टर ने अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था, तो फिल्म की सक्सेस का क्रेडिट सिर्फ अमिताभ बच्चन को जाता था. ऋषि कपूर का यह भी कहना था कि बिग बी के सामने वह भले छोटे स्टारे थे, लेकिन एक्टिंग के मामले में वह किसी भी तरह से कम नहीं थे. ऋषि कपूर का कहना था कि बिग बी ने इस बात को कभी भी स्वीकार नहीं किया है और इस बात का उन्हें हमेशा मलाल रहा.
ऋषि कपूर ने अपने किताब में लिखा है, ' मेरा अमिताभ बच्चन के साथ एक मुद्दा बना हुआ है. उन दिनों ऑल-स्टार मूवी में काम करने का एक बड़ा नुकसान यह था कि हर कोई सिर्फ एक्शन फिल्में बनाना चाहता था, जिसका मतलब यह था कि जो स्टार सबसे ज्यादा एक्शन कर सकता था, उसे सबसे ज्यादा लीड रोल मिलते थे.
इस तरह,फिल्म 'कभी-कभी' (1976) को छोड़कर मैंने जितनी भी मल्टी-स्टारर फिल्मों में काम किया, उनमें से किसी में भी मेरे लिए ले बैक रोल नहीं थे. और यह सिर्फ मेरे साथ ही नहीं हुआ. शशि कपूर, धर्मेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद खन्ना को भी इसका सामना करना पड़ा.'
उन्होंने आगे कहा, 'भले ही हम छोटे सितारे रहे हों, लेकिन हम किसी से कम नहीं थे. हालांकि यह कुछ ऐसा है जिसे अमिताभ ने कभी किसी इंटरव्यू या किताब में स्वीकार नहीं किया. उन्होंने कभी भी अपने साथ काम करने वाले एक्टर को क्रेडिट नहीं दिया है.'
डिप्रेशन के शिकार हो गए थे ऋषि कपूर
हर सेलिब्रिटी के करियर में उतार-चढ़ाव आते हैं और इस उतार-चढ़ाव से ऋषि कपूर भी नहीं बच पाए थे. एक्टर ने अपने किताब खुल्लम खुल्ला के जरिए कहा है कि उनकी डेब्यू फिल्म 'बॉबी' के सुपरहिट होने के बाद, उनकी दूसरी अन्य फिल्मों से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वे सभी बॉक्स-ऑफिस पर फ्लॉप रहीं.'
उन्होंने बताया, 'उस समय उनकी शादी नीतू से हो चुकी थी. मैं अपनी फेलियर के कारण डिप्रेशन में चला गया था.' आगे बता कि उन्होंने नीतू को ही इसके लिए दोषी ठहराना शुरू कर दिया था, जिससे उनके रिश्ते में तनाव आ गया. नीतू प्रेग्नेंट थी और इस नाजुक स्थिति में वह टूट चुकी थीं.' ऋफि कपूर ने बताया, 'मैं आखिरकार अपने परिवार और दोस्तों की मदद से डिप्रेशन से बाहर आया, लेकिन मैं केवल कल्पना ही कर सकता हूं कि उसके लिए यह अनुभव कितना बुरा रहा होगा.'
ऋषि कपूर की पहली गर्लफ्रेंड
ऋषि कपूर ने किताब में अपनी पहली गर्लफ्रेंड यास्मीन मेहता के बारे में जिक्र किया है. उन्होंने अपने किताब में बताया है, 'जब हम डेट कर रहे थे, तब यास्मीन ने मुझे एक रिंग गिफ्ट किया था, जो सिंपल था. जब हम बॉबी फिल्म कर रहे थे, तो डिंपल ने इसे उतारकर अपनी उंगली में पहन लिया और इसे अपने पास ही रख लिया. जब राजेश खन्ना ने उन्हें प्रपोज किया, तो उन्होंने अंगूठी देखी और जुहू में उनके घर के पास समुद्र में फेंक दी. इसके बाद हेडलाइन बनने लगी कि 'राजेश खन्ना ने ऋषि कपूर की अंगूठी समुद्र में फेंकी.' जबकि यह सच भी नहीं था. सच तो यह है कि मुझे कभी डिंपल से प्यार नहीं हुआ.'
रणबीर कपूर के साथ ऋषि कपूर का रिश्ता
ऋषि कपूर ने यह स्वीकार किया था कि वह कभी भी अपने बेटे रणबीर के क्लोज नहीं थे. उन्होंने यह भी स्वीकार किया था कि वह एक अच्छे पिता के तौर पर फेल रहे हैं, क्योंकि जब रणबीर कपूर बड़े हो रहे थे तो वह काफी बिजी रहते थे, जिसकी वजह से उन्होंने कभी भी रणबीर कपूर को टाइम नहीं दिया. ऋषि कपूर ने एक दूसरी वजह भी बताई है. ऋषि ने बताया कि उनका भी अपने पिता राज कपूर के साथ भी वैसा ही रिश्ता था, जैसा उनका रणबीर के साथ था.
ऋषि कपूर की आखिरी इच्छा
ऋषि कपूर की आखिरी दो इच्छाएं थी. उन्होंने अपनी आखिरी इच्छा किसी और से नहीं बल्कि अपनी बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी को बताई थी, जिसका खुलासा रिद्धिमा ने किया था. रिद्धिमा ने बताया कि उनके पिता की दो आखिरी इच्छाएं थी. पहली वह अपने बेटे रणबीर कपूर की शादी देखना और दूसरा वह कपूर हाउस का बनाना चाहते थे. 2020 में उनके निधन के बाद उनकी ये दोनों इच्छाएं पूरी हुईं.